माता दुर्गा नहीं, इस बार 'मजदूर मां' को समर्पित कोलकाता का पूजा पंडाल

punjabkesari.in Monday, Oct 19, 2020 - 03:54 PM (IST)

दुनियाभर में मंडरा रहे कोरोना संकट के बीच त्योहारों का सीजन शुरू हो चुका है। वहीं हर बार की तरह पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा के आयोजन की तैयारियां जोरों शोरों से की जा रही है। लेकिन कोरोना वायरस के कारण जारी की गई गाइडलाइन के चलते इस बार भव्य स्तर पर दुर्गा पूजा का आयोजन नहीं किया जाएगा। वहीं अगर बात करें दुर्गा पूजा के पंडाल की तो दक्षिण कोलकाता के बेहाला का दुर्गा पंडाल की काफी चर्चा की जा रही है। 

PunjabKesari

महिला मजदूरों के संघर्ष को बयां करेगा पूजा पंडाल

मिली जानकारी के मुताबिक बेहाला के बरीशा दुर्गा पूजा कमेटी ने पंडाल में एक बेहद अनोखा बदलाव किया है। इस बार मां दुर्गा की मूर्ति नहीं बल्कि अपने बच्चों के साथ खड़ी एक प्रवासी महिला की मूर्ति बनाई गई है। प्रवासी महिला की यह प्रतिमा लाॅकडाउन में महिला मजदूरों के संघर्ष को बयां करेगी। जिन्होंने अपने बच्चों को गोद में उठाकर लाॅकडाउन में पैदल चलकर हजारों किलोमीटर का सफर तय किया था। 

PunjabKesari

प्रवासी महिला मजदूरों की प्रतिमा बनाने वाले कलाकार रिंटू दास का कहना है कि उन्होंने प्रवासी कामगारों की हालत देखी है। जिसमें बिना किसी सहायता के चार बच्चों को साथ लेकर चलने वाली महिला को देखा था। जिसके बाद उन्हें लगा कि इस पर कुछ करना चाहिए। उन्होंने बताया कि पंडाल में देवियों की सांकेतिक मूर्तियों को प्रवासी मजदूरों की बेटियों का रूप दिया जाएगा। जिनमें एक मूर्ति के साथ उल्लू जो लक्ष्मी का वाहन है और दूसरी मूर्ति हंस के साथ लगाई जाएगी जो सरस्वती के वाहन हैं। 

PunjabKesari

रिंटू दास ने आगे बताया कि चौथी मूर्ति गणेश के सांकेतिक रूप हाथी के सिर के साथ लगाई जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने इस बार की थीम पर बात करते हुए बताया कि पंडाल की थीम 'रिलीफ' यानि राहत पर रखी गई है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Bhawna sharma

Recommended News

Related News

static