दीवाली से पहले मुख्य द्वार पर क्यों लगाया जाता है तोरण? जानिए इसका महत्व
punjabkesari.in Saturday, Oct 31, 2020 - 11:20 AM (IST)

दीवाली का त्योहार इस नवंबर की 4 तारीख को मनाया जाएगा। मान्यता है कि इस दिन धन की देवी अपने भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए धरती का चक्कर लगाती है। ऐसे में उनका स्वागत करने के लिए लोग विशेष रूप से घर की साफ-सफाई करने के साथ घर को फूलों, दीयों, रंगोली और तोरण के साथ सजाते हैं। बात अगर तोरण की करें तो इसे घर के मुख्य द्वार और खिड़कियों पर लगाया जाता है। वास्तु के अनुसार, इसे किसी शुभ अवसर व खासतौर पर दीवाली के दिन लगाना शुभ माना जाता है। असल में, इसे लगाने के पीछे धार्मिक व वैज्ञानिक दोनों महत्व होते हैं। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से...
तोरण लगाने का महत्व
तोरण को बंदनवार के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इसे घर के मेन गेट पर लगाने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती है। शुभता का प्रतीक माने जाने वाले तोरण को घर पर किसी शुभ अवसर पर लगाया जाता है। इसे खासतौर पर बच्चे के जन्म, शादी, गृह-प्रवेश, मेहमानों के स्वागत या कोई विशेष पूजा पर घर के मुख्य द्वार और खिड़कियों पर लगाया जाता है। इससे घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा दूर हो सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। तनाव व लड़ाई-झगड़े दूर हो घर में खुशहाली भरा माहौल स्थापित होता है। साथ ही कारोबार, नौकरी से जुड़ी परेशानियों का अंत हो जीवन में हर कार्य में सफलता मिलती है। तोरण को गेंदे के फूल, आम के पत्तों से तैयार किया जाता है। तो आइए जानते हैं इसके पीछे के छिपे धार्मिक व वैज्ञानिक महत्व...
गेंदे के फूलों से बने तोरण का धार्मिक महत्व
गेंदे के फूल को सूर्य देवता प्रतीक माना जाता है। माना जाता है कि जब धरती पर गुलाब, चमेली आदि बहुत से फूल होने के बावजूद भी गेंदे को इन सब में सबसे शुभ माना जाता है। संस्कृत भाषा में इसे स्थूलपुष्प कहा जाता है। इसे शुद्धता का प्रतीक माना जाने से देवी-देवताओं की पूजा में इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही इसका संबंध बृहस्पति ग्रह से होता है। ऐसे में इससे तैयार तोरण को घर के मुख्य द्वार पर लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। सघर में सुख-समृद्धि व शांति का माहौल स्थापित होता है।
वैज्ञानिक महत्व
बात अगर इसके पीछे के वैज्ञानिक महत्व की करें तो इससे लगाने से वातावरण शांत होता है। इसकी खुशबू से मन शांत हो तनाव कम होने में मदद मिलती है। साथ ही कैंसर जैसी गंभीर बीमारी होने का खतरा कम रहता है। गेंदे में एंटी-सेप्टिक गुण होने से कीट-मच्छरों से भी छुटकारा मिलता है।
आम के पत्ते से बने तोरण का धार्मिक महत्व
हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य में आम के पत्तों को इस्तेमाल किया जाता है। इसे कलश नारियल रखने से पहले रखा जाता है। माना जाता है कि आम की पत्तियां भगवान के अंग और नारियल उनके सिर को दर्शाता है। इससे तैयार तोरण को घर पर लगाने से नकारात्मक ऊर्जा सकारात्मक में बदल जाती है। साथ ही सारी काम बिना किसी परेशानी से पूरे हो जाते हैं।
वैज्ञानिक महत्व
इसमें एंटी-सेप्टिक गुण होने से इससे तैयार तोरण घर पर लटकाना सेहत के लिए अच्छा होता है। आम की पत्तियों कार्बन डाइऑक्साइड को अच्छे से अवशोषित करने का काम करती है। ऐसे में रहने के लिए सही और शुद्ध वातावरण मिलता है।
मगर आज के समय में लोग अलग-अलग तरह के तोरण लगाने ले हैं। वे घर को अलग अंदाज से डेकोरेट करने के लिए मोतियों, आर्टीफिशियल पत्तों, रंग-बिरंगे फूल व खूबसूरत इम्ब्रायडरी वाले तोरण का इस्तेमाल करने लगे हैं।
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