यूरिन करते समय अगर आपको भी होता है दर्द तो ...

punjabkesari.in Wednesday, Jun 13, 2018 - 05:02 PM (IST)

यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन यानि यूटीआई की समस्या बच्चों से लेकर बड़ो तक किसी को भी हो सकती है। भारत में लगभग 40 फीसदी महिलाएं और 12 फीसदी पुरुष यूटीआई से ग्रसित है और इसमें सबसे ज्यादा ब्लैडर इंफेक्शन से पीड़ित है। ब्लैडर इंफेक्शन होने के कारण इम्यूनिटी कमजोर होना, मूत्र मार्ग में सर्जरी या स्वच्छता पर ध्यान न देना और कम पानी पीना है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की इस समस्या से ग्रसित होने की आशंका सबसे ज्यादा होती है। आइए जानिए ब्लैडर इंफेक्शन क्या होता है और इसके होने की क्या वजह है?

1. क्या होता है ब्लैडर इंफेक्शन
ब्लैडर इंफेक्शन यानि ब्लैडर के भीतर जीवाणुओं का संक्रमण होना है। इम्यूनिटी सिस्टम का कमजोर होना इस इंफेक्शन के होने के लिए जिम्मेदार हो सकता है। यह संक्रमण बहुत तेजी से फैलता है। सही समय पर इसका पता करके इलाज सही ढंग से किया जा सकता है। इस संक्रमण को नजरअंदाज करने से जीवाणुओं के फैलने और गुर्दे को प्रभावित करने की आशंका बढ़ जाती है। जिससे सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

2.  ब्लैडर इंफेक्शन होने का कारण
ब्लैडर इंफेक्शन का खास कारण जीवाणु यानि बैक्टीरिया है। यह शरीर में यूरिनरी ट्रैक के जरिए शरीर के अंदर ब्लैडर तक पहुंच जाते हैं जो इंफेक्शन का कारण बनते हैं। यूरिन के रास्ते शरीर के विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं जो फिर भी बैक्टीरिया ब्लैडर तक पहुंच सकते हैं। यह स्किन के अंदरूनी हिस्सों में चिपक जाते हैं और किसी भी समय इसकी बढ़ सकती है।
रिसर्च के अनुसार अधिकांश ब्लैडर इंफेक्शन एस्केरीशिया कॉली, ई.कोली जीवाणु के कारण फैलते हैं। यह जीवाणु प्राकृतिक रूप से बड़ी आंत में उपस्थि‍त होता है। शरीर में इंफेक्शन तब होता है जब मल के जरिए बैक्टीरिया त्वचा पर चिपक जाते हैं और  यूरिनरी ट्रैक के अंदर चल जाते हैं।

3. ब्लैडर इंफेक्शन के लक्षण    
पेशाब करते समय दर्द होना।
यूरिन का रंग डार्क या खूनी होना।
यूरिन से बहुत ज्यादा गंदी बदबू आना और इसे रोकना मुश्किल होना।
पेट के निचले हिस्से में दर्द और प्राइवेट पार्ट में खुजली होना।

4. ब्लैडर इंफेक्शन होने पर इन बातों का रखें ध्यान
पानी का अधिक से अधिक सेवन करें। इसके अलावा नारियल पानी या जूस आदि तरल पदार्थ पीएं।
यूरिन को रोक कर न रखें। इससे संक्रमण का खतरा और भी बढ़ सकता है।
प्राइवेट पार्ट की सफाई रखें। उसे सूखा रखें और टिशू का इस्तेमाल करें।
मसालेदार चीजों का सेवन करने से बचें और कैफीन की अधिक मात्रा न लें। 

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Punjab Kesari

Recommended News

Related News

static