खांस-खांस कर बच्चे की हालत खराब? यह 1 घरेलू नुस्खा जरूर आजमाएं, बिना दवा जल्द मिलेगी राहत

punjabkesari.in Tuesday, Aug 05, 2025 - 05:07 PM (IST)

 नारी डेस्क:  मानसून आते ही बच्चों को सर्दी और खांसी की परेशानी आम हो जाती है। इस मौसम में नमी और मौसम में बदलाव की वजह से बच्चों का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। कई बार तो हालत इतनी खराब हो जाती है कि बच्चे रात भर खांसते रहते हैं और ठीक से सो भी नहीं पाते। इससे न सिर्फ बच्चा परेशान होता है बल्कि माता-पिता की चिंता भी बढ़ जाती है।

दवा की जगह आजमाएं असरदार घरेलू नुस्खा

अगर आप अपने बच्चे को सर्दी-खांसी से राहत दिलाना चाहते हैं और दवाइयों से बचना चाहते हैं, यह घरेलू नुस्खा जरूर आजमाएं। यह नुस्खा पूरी तरह से प्राकृतिक है और खास बात ये है कि इसे देने के लिए किसी दवा की जरूरत नहीं होती।

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अदरक और तुलसी का जूस है रामबाण इलाज

 अगर आपके बच्चे को बार-बार सर्दी-खांसी हो रही है, तो आप उसे अदरक और तुलसी का रस दे सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले तुलसी के कुछ पत्ते और थोड़ा सा अदरक लें, दोनों को अच्छे से पीसकर उसका रस निकाल लें। इस रस को बच्चे को पिलाएं।

कैसे करता है यह नुस्खा असर?

तुलसी और अदरक दोनों में एंटीमाइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं, जो शरीर में मौजूद वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते हैं। इससे बच्चे के शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और वह सर्दी-खांसी से जल्दी उबरता है।

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सूजन और बलगम को करता है साफ

इस घरेलू नुस्खे की सबसे खास बात यह है कि तुलसी और अदरक में डी-कंजेशन प्रॉपर्टीज होती हैं, यानी ये गले की सूजन को कम करने और जमा हुआ बलगम बाहर निकालने में मदद करते हैं। इससे गले की खराश और भारीपन में काफी राहत मिलती है।

शहद से मिलेगा गले को आराम

इस मिश्रण में अगर आप दो चम्मच शहद मिला दें, तो यह और भी ज्यादा असरदार हो जाता है। शहद गले की इरिटेशन को कम करता है और नाइट कफ यानी रात में होने वाली खांसी को भी नियंत्रित करता है। यह नुस्खा खासतौर पर 1 साल से बड़े बच्चों के लिए सुरक्षित है।

1 साल से छोटे बच्चों को न दें शहद

ध्यान रखें कि 1 साल से छोटे बच्चों को शहद देना सुरक्षित नहीं होता। इसलिए अगर आपका बच्चा एक साल से छोटा है, तो यह नुस्खा देने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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दही खाने से नहीं बढ़ती सर्दी-खांसी

 कई माताएं सोचती हैं कि दही खाने से बच्चों को सर्दी-खांसी हो जाती है। जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है। सर्दी-खांसी वायरल इंफेक्शन से होती है, न कि दही से। इसलिए दही देने में डरने की जरूरत नहीं है, जब तक कि बच्चा उसे पचा पा रहा हो।अगर आपका बच्चा भी बारिश के मौसम में सर्दी-खांसी से जूझ रहा है। यह बिना दवा के प्राकृतिक तरीका है जो बच्चों को राहत दिलाने में मदद करता है। फिर भी अगर खांसी लगातार बनी रहे या तेज हो, तो डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।  


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Content Editor

Priya Yadav

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