जहां कभी तबाही मचाई थी चट्टानों ने वहीं आज उभरी आस्था, जानें 31 दिव्य आकृतियों का रहस्य

punjabkesari.in Sunday, Nov 23, 2025 - 05:52 PM (IST)

नारी डेस्क: 2013 में केदारनाथ घाटी पर आई भीषण त्रासदी (2013 Uttarakhand floods) ने पूरे देश को हिला दिया था। उस दौरान पहाड़ टूटे, विशाल चट्टानें बहकर मंदिर के पास आकर रुक गईं और हजारों लोगों की जान बचाने में ढाल बनीं। आज वही चट्टानें एक नए आस्था केंद्र के रूप में लोगों का ध्यान खींच रही हैं।

चट्टानों पर दिखीं 31 रहस्यमयी आकृतियां

स्थानीय लोगों, पुजारियों और कई विशेषज्ञों के अनुसार, इन चट्टानों की सतह पर करीब 31 अलग-अलग आकृतियां उभरकर दिखाई दे रही हैं। इनमें भगवान शिव से मिलती-जुलती आकृतियां, नंदी के जैसे आकार, साधु-संतों की आकृतियों जैसी रेखाएं भक्तों के रूप में दिखने वाली उभरी रूप-रेखाएं दूर से ये आकृतियां साधारण सा पत्थर ही लगती हैं, लेकिन पास जाकर देखने पर इनके आकार बेहद स्पष्ट दिखाई देते हैं। इस वजह से कई लोग इन्हें प्राकृतिक मूर्ति परिसर जैसा मानने लगे हैं।

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क्या यह प्रकृति का चमत्कार या दिव्य संकेत?

अब तक वैज्ञानिक रूप से यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ऐसी विशाल और गहरी आकृतियां चट्टानों पर कैसे बनीं। कुछ विशेषज्ञ इन्हें प्राकृतिक भू-आकृतिक संरचना बताते हैं, जबकि कई श्रद्धालु इसे शिव की उपस्थिति और दिव्य संकेत मान रहे हैं।

स्थानीय निवासियों का कहना है— “2013 की आपदा के बाद भी मंदिर सुरक्षित रहा… अब इन चट्टानों में शिव के रूप दिखना कोई साधारण बात नहीं है।”

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तीर्थयात्रियों के लिए नया आकर्षण

इन चट्टानों को देखने के लिए अब केदारनाथ पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है।  लोग इन्हें आस्था का प्रतीक, चमत्कार का संकेत, प्रकृति की अद्भुत कला और शिव की कृपा मानकर प्रति दिन बड़ी संख्या में दर्शन करने आ रहे हैं।

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रहस्य और श्रद्धा बढ़ाती अनोखी कहानी

चाहे ये आकृतियां संयोग हों या प्रकृति के अद्भुत खेल— केदारनाथ की ये चट्टानें अब एक नई आध्यात्मिक कहानी बन चुकी हैं। 2013 की त्रासदी के दौरान मंदिर को बचाने वाली ये चट्टानें आज श्रद्धालुओं की आस्था का नया केंद्र बनकर उभर रही हैं। यह घटना बताती है कि प्रकृति और आस्था जब मिलती हैं, तो इतिहास खुद-ब-खुद नई कहानी रच देता है।


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Content Editor

Monika

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