कश्मीर में फंसे पर्यटक अब आसानी से मांग सकते हैं मदद, जानिए कैसे करें पुलिस से संपर्क

punjabkesari.in Thursday, Apr 24, 2025 - 04:52 PM (IST)

नारी डेस्क: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद राज्य में सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है। हमले में अब तक 26 लोगों की जान जा चुकी है और कई घायल हैं। इस बीच बड़ी संख्या में पर्यटक अपनी यात्रा बीच में छोड़कर घर लौट रहे हैं। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति कश्मीर में फंसा है, तो वह पुलिस और सेना से सीधे मदद मांग सकता है। जम्मू-कश्मीर पुलिस और प्रशासन ने इस संबंध में इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, ताकि फंसे हुए लोगों को तुरंत सहायता मिल सके।

अनंतनाग पुलिस ने जारी किए इमरजेंसी नंबर

अगर आप अनंतनाग या पहलगाम के आसपास के क्षेत्रों में हैं और सहायता की ज़रूरत है, तो आप इन नंबरों पर तुरंत संपर्क कर सकते हैं-

 9596777669- 01932-225870

व्हाट्सएप सहायता: 9419051940

ये नंबर अनंतनाग पुलिस कंट्रोल रूम द्वारा जारी किए गए हैं और 24 घंटे सक्रिय हैं। श्रीनगर प्रशासन भी अलर्ट, ये नंबर हैं महत्वपूर्ण

श्रीनगर में भी प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। यहां के इमरजेंसी कंट्रोल रूम ने भी हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं-

 0194-2457543  -  0194-2483651 इसके अलावा श्रीनगर के एडिशनल डिप्टी कमिश्नर (ADC) आदिल फरीद से सीधे संपर्क के लिए कॉल करें-
 7006058623

सोशल मीडिया से भी ले सकते हैं मदद

अगर आपके पास फोन कॉल की सुविधा नहीं है, तो आप सोशल मीडिया का सहारा लेकर भी मदद मांग सकते हैं। ट्विटर या फेसबुक पर @JmuKmrPolice, @adgpi, @HMOIndia या @OfficeOfLGJandK जैसे आधिकारिक हैंडल्स को टैग करें।

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अपनी लोकेशन, स्थिति और ज़रूरत की जानकारी साफ-साफ बताएं।

यदि संभव हो, तो फोटो या वीडियो के साथ स्थिति साझा करें।

सेना और पुलिस के सोशल मीडिया टीमें ऐसी सूचनाओं पर तेजी से प्रतिक्रिया देती हैं।

सुरक्षित रहने के लिए क्या करें?

अपने मोबाइल को चार्ज रखें और पावर बैंक साथ रखें। मोबाइल की लोकेशन ऑन रखें ताकि ट्रेस करना आसान हो। घबराएं नहीं, शांत रहें और प्रशासन के संपर्क में बने रहें।

कश्मीर में किसी भी आपात स्थिति में अब घबराने की ज़रूरत नहीं है। जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना चौकस है और हर फंसे हुए व्यक्ति को सुरक्षित निकालने के लिए तत्पर है। ऊपर दिए गए हेल्पलाइन नंबर और सोशल मीडिया माध्यमों से मदद प्राप्त की जा सकती है।  

    


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Content Editor

Priya Yadav

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