"अंतरिक्ष के लिए ही मरूंगी..." कल्पना चावला ने पहले ही कर दी थी भविष्यवाणी, जानिए कौन था उनकी मौत का जिम्मेदार?

punjabkesari.in Monday, Mar 17, 2025 - 04:58 PM (IST)

नारी डेस्क:  1 फरवरी 2003 को अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा का यान कोलंबिया अंतरिक्ष से लौटते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। अंतिरक्ष के इतिहास में हुए सबसे भीषण हादसे में भारत की पहली अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला की भी मौत हो गई थी। 17 मार्च 1961 को करनाल में जन्मीं और अंतरिक्ष की ऊंचाइयां नापने वाली कल्पना चावला की मौत से मिला जख्म आज भी ताजा है। ये दर्दनाक हादसा उस वक्त हुआ था, जब कल्पना का अंतरिक्ष यान कोलंबिया शटल STS-107 धरती से महज 16 मिनट की दूरी पर था। आइए जानते हैं उनकी निधन की पूरी कहानी 

PunjabKesari
एक छोटी सी गलती पड़ गई भारी

कल्पना चावला की मृत्यु 1 फरवरी 2003 को कोलंबिया स्पेस शटल दुर्घटना में हुई थी। जब उनकी अंतरिक्ष यान कोलंबिया (STS-107) पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर रहा था, तब वह टुकड़ों में बिखर गया और इस हादसे में सभी 7 अंतरिक्ष यात्रियों की मौत हो गई।  16 जनवरी 2003 को जब *कोलंबिया स्पेस शटल लॉन्च हुआ, तभी एक इंसुलेशन फोम का टुकड़ा यान के बाएं विंग से टकरा गया और उसमें दरार पड़ गई।  यह छोटी-सी गलती बाद में बहुत बड़ी दुर्घटना बन गई।  1 फरवरी 2003 को जब कोलंबिया स्पेस शटल पृथ्वी के वातावरण में दोबारा प्रवेश कर रहा था, तो उस क्षतिग्रस्त विंग से गर्म हवा और गैसें यान के अंदर चली गईं।  इससे यान का तापमान 1650 डिग्री सेल्सियस से भी ज्यादा हो गया।   इतनी गर्मी से स्पेस शटल तेजी से टूटने लगा और अंत में विस्फोट हो गया।  

PunjabKesari

कल्पना चावला और अन्य अंतरिक्ष यात्रियों का अंत
 
 जब यान टेक्सास के ऊपर से गुजर रहा था, तब वहटुकड़ों में बिखर गया और समुद्र में जा गिरा।  हादसे के बाद वैज्ञानिकों ने बताया कि यात्रियों की मौत विस्फोट के कुछ सेकंड के भीतर ही हो गई थी। इस भीषण धमाके की गूंज नीचे टेक्सास शहर के लोगों ने भी सुनी। लोगों ने नीले आसमान में बहुत सी सफेद लकीरें देखीं। टेक्सास में शटल के टुकड़े करीब दो हज़ार जगहों पर बिखरे पड़े मिले। कल्पना चावला वे शब्द सत्य हो गए जिसमें उन्होंने कहा था कि मैं अंतरिक्ष के लिए ही बनी हूं। हर पल अंतरिक्ष के लिए ही बिताया है और इसी के लिए मरूंगी। 

PunjabKesari
करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा है कल्पना चावला

 1982 में पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री पूरी करने के बाद, चावला टेक्सास विश्वविद्यालय (1984) से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर ऑफ साइंस की डिग्री के लिए अमेरिका चली गईं। उन्होंने 1988 में कोलोराडो विश्वविद्यालय से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी भी हासिल की। ​​चावला को दिसंबर 1994 में नासा द्वारा चुना गया था, और नवंबर 1996 में, उन्हें एसटीएस-87 पर मिशन विशेषज्ञ और प्राइम रोबोटिक आर्म ऑपरेटर के रूप में नियुक्त किया गया था। जनवरी 1998 में, उन्हें शटल और स्टेशन फ्लाइट क्रू उपकरण के लिए चालक दल के प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त किया गया और बाद में उन्होंने अंतरिक्ष यात्री कार्यालय के क्रू सिस्टम और हैबिटेबिलिटी सेक्शन के लिए लीड के रूप में काम किया। कल्पना चावला आज भी करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा हैं। उनका सपना था कि हर भारतीय लड़की बड़े सपने देखे और उन्हें पूरा करने की हिम्मत रखे।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

vasudha

Related News

static