कच्ची-सूखी या पाउडर हल्दी: कैंसर खत्म करने में कौन सी फायदेमंद, 99% लोग नहीं जानते सच!

punjabkesari.in Thursday, Sep 18, 2025 - 07:44 PM (IST)

नारी डेस्क : हल्दी केवल एक मसाला नहीं, बल्कि आयुर्वेदिक औषधि भी है। यह इम्यूनिटी बढ़ाने, सूजन कम करने और कैंसर जैसे रोगों के खतरे को कम करने में मदद करती है। हल्दी के फायदे मुख्य रूप से इसमें पाए जाने वाले करक्यूमिन पर निर्भर करते हैं। आइए जानते हैं हल्दी के प्रकार और उनके लाभ।

हल्दी के 3 मुख्य रूप होते हैं

कच्ची हल्दी

यह हल्दी के पौधे की ताजी जड़ होती है, जो अदरक जैसी दिखती है।

इसमें करक्यूमिन, एसेंशियल ऑयल और फाइटोकेमिकल मौजूद होते हैं।

इसका रंग, सुगंध और स्वाद सबसे अधिक प्रबल होता है।

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उपयोग: दूध में कच्ची हल्दी घिसकर पी सकते हैं और चटनी या सब्जी में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि शोध बताते हैं कि इसमें करक्यूमिन की मात्रा सूखी हल्दी से कम होती है, क्योंकि इसमें नमी ज्यादा रहती है।

सूखी हल्दी

कच्ची हल्दी को उबालकर और सुखाकर तैयार की जाती है।

सही तरीके से प्रोसेस की गई सूखी हल्दी में करक्यूमिन की मात्रा अधिक होती है।

इसका स्वाद मिट्टी जैसा और तासीर गर्म मानी जाती है।

उपयोग: दवाओं, रंग और मसाले में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होती है। सही तरह से सुखाई गई हल्दी, सबसे स्वास्थ्यवर्धक मानी जाती है।

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हल्दी पाउडर

यह सूखी हल्दी को पीसकर बनाया जाता है।

आमतौर पर भारतीय रसोई में सबसे ज्यादा इसी रूप में उपयोग किया जाता है।

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उपयोग: सब्जी, दाल, अचार और पकवान में स्वाद और रंग बढ़ाने के लिए। लेकिन इसमें करक्यूमिन की मात्रा सोर्सिंग और प्रोसेसिंग पर निर्भर करती है।

हल्दी का सही सेवन

ताज़ी हल्दी का सेवन दूध या तेल के साथ करें और उसमें एक चुटकी काली मिर्च मिलाएं। ऐसा करने से शरीर करक्यूमिन को आसानी से अवशोषित कर पाता है। रोजमर्रा के खाने में हल्दी पाउडर का उपयोग करें, लेकिन ध्यान रखें कि इसे हमेशा भरोसेमंद ब्रांड से ही खरीदें, जहां सोर्सिंग और प्रोसेसिंग की जानकारी स्पष्ट दी गई हो। दवा या हर्बल उपचार के लिए सूखी हल्दी सबसे अधिक लाभकारी मानी जाती है, क्योंकि इसमें करक्यूमिन की मात्रा अपेक्षाकृत ज्यादा होती है।

हल्दी को खाने के 5 हेल्दी नुस्खे

1. हल्दी वाला दूध : एक गिलास गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी और एक चुटकी काली मिर्च डालकर पिएं। यह इम्यूनिटी बढ़ाता है, सर्दी-जुकाम और जोड़ों के दर्द में राहत देता है।

2. कच्ची हल्दी की चटनी : कच्ची हल्दी, हरी मिर्च, लहसुन, नींबू और नमक मिलाकर चटनी बनाएं। यह पाचन शक्ति बढ़ाती है और शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करती है।

3. हल्दी-शहद का मिश्रण: आधा चम्मच हल्दी पाउडर में एक चम्मच शहद मिलाकर रोज सुबह खाली पेट लें। यह गले के इंफेक्शन, सर्दी-जुकाम और एलर्जी से बचाव करता है।

4. हल्दी-अदरक की हर्बल चाय: पानी में अदरक, दालचीनी और हल्दी डालकर उबालें, फिर शहद डालें। यह शरीर को गर्म रखती है और इम्यूनिटी को बूस्ट करती है।

5. सब्जी और दाल में हल्दी: रोज की दाल और सब्जियों में हल्दी पाउडर का इस्तेमाल करें। यह शरीर को अंदर से शुद्ध रखता है और बीमारियों से बचाता है।

हल्दी का अधिक सेवन न करें, दिनभर में 2–3 ग्राम पर्याप्त है। काली मिर्च के साथ हल्दी का उपयोग करने से करक्यूमिन का असर कई गुना बढ़ जाता है।

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किसमें है ज्यादा ताकत?

ताजी हल्दी : स्वाद, फ्लेवर और प्राकृतिक तत्वों के लिए बेहतर।

सूखी हल्दी : करक्यूमिन की उच्च मात्रा के कारण सबसे ज्यादा स्वास्थ्यवर्धक।

हल्दी पाउडर : रोजमर्रा के उपयोग के लिए सुविधाजनक, लेकिन क्वालिटी पर ध्यान देना जरूरी।

कुल मिलाकर, करक्यूमिन के लिए सूखी हल्दी और स्वाद व प्राकृतिक तत्वों के लिए कच्ची हल्दी सबसे बेहतरीन मानी
 


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Content Editor

Monika

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