200 करोड़ की ठगी मामले में जैकलीन फर्नांडिस को सुप्रीम कोर्ट से झटका, सारी दलीलें हुई फेल
punjabkesari.in Monday, Sep 22, 2025 - 07:09 PM (IST)

नारी डेस्क : सुपरस्टार जैकलीन फर्नांडिस का नाम सुर्खियों में लगातार सुकेश चंद्रशेखर से जुड़े 200 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले की वजह से है। दिल्ली हाईकोर्ट के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। जैकलीन ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका में मामले को रद्द करने की मांग की थी। याचिका में उनकी तरफ से यह भी कहा गया कि वह केवल फिल्म स्टार हैं और इस मामले में उनका कोई अपराध नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस दीपांकर दत्ता ने सुनवाई के दौरान कहा कि जैकलीन पर आरोप है कि उन्हें 200 करोड़ रुपये का एक हिस्सा उपहार में मिला था। उन्होंने बताया कि कानून के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को इस मामले में शामिल किया जा सकता है। अगर दो बहुत करीबी दोस्त हैं और एक दोस्त दूसरे को कुछ देता है, और उसके बाद कोई अपराध होता है, तो इसे साबित करना मुश्किल होता है। जस्टिस ने कहा कि इस विषय पर पहले विजय मदनलाल मामले में भी विचार किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने जैकलीन को इस समय कोई राहत नहीं दी और कहा कि वे उचित समय पर अदालत में फिर से अपनी दलीलें पेश कर सकती हैं।
फिल्म स्टार होने वाली दलील
जैकलीन फर्नांडिस की तरफ से वरिष्ठ वकील ने अदालत में कहा कि जैकलीन 200 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल नहीं हैं और उन्हें यह भी नहीं पता था कि सुकेश चंद्रशेखर एक ठग है। मुकुल रोहतगी ने कहा: "मैं एक फिल्म स्टार हूं। यह आदमी एक ठग है, जो जेल में है और उस पर फर्जी मंत्री होने का आरोप है। वह लोगों को धोखा देता है। उसने मुझे उपहार भेजे, लेकिन यह कोई साक्ष्य नहीं कि मैंने 200 करोड़ रुपये की हेराफेरी में मदद की हो। जबरन वसूली के मामले में मेरा नाम नहीं है।" जैकलीन की दलील थी कि सुकेश उनके ऊपर मोहित था और उसने केवल उपहार भेजे, लेकिन पैसे की हेराफेरी में उनका कोई हाथ नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचने का कारण
दिल्ली हाईकोर्ट ने 3 जुलाई को जैकलीन की याचिका खारिज कर दी थी।
हाईकोर्ट ने कहा था कि आरोपी ने अपराध किया है या नहीं, यह फैसला निचली अदालत में ही होगा।
जैकलीन ने हाईकोर्ट में कहा था कि उनके ऊपर लगे सभी आरोप झूठे हैं और उन्हें सुकेश के आपराधिक इतिहास की कोई जानकारी नहीं थी।