ईसा मसीह ही असली भगवान हैं… बाकी सभी झूठे! राजस्थान में अवैध धर्मांतरण का खुलासा
punjabkesari.in Thursday, Sep 04, 2025 - 05:46 PM (IST)

नारी डेस्क: राजस्थान के अलवर जिले के गोलेटा गांव की सैयद कॉलोनी में पुलिस ने एक बड़े अवैध धर्मांतरण रैकेट का खुलासा किया है। यह कार्रवाई आईबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो) से मिली जानकारी के बाद की गई। एमआईए थाना पुलिस ने इलाके में एक ईसाई मिशनरी द्वारा संचालित छात्रावास पर छापा मारा, जहां धर्मांतरण कराए जाने की शिकायतें मिली थीं।
क्या है मामला?
शिकायत के अनुसार, इस छात्रावास में रहने वाले छोटे-छोटे हिंदू बच्चों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए उकसाया जा रहा था। बच्चों को कथित रूप से यह कहा जा रहा था कि “हिंदुओं के देवी-देवता नकली हैं” और “असली भगवान सिर्फ ईसा मसीह हैं।” इसके अलावा, उन्हें लालच भी दिया जा रहा था कि ईसा मसीह की प्रार्थना करने से स्वर्ग मिलेगा और हिंदू देवी-देवताओं का नाम लेने से नर्क मिलेगा।
कैसे हुआ खुलासा?
पुलिस को पिछले कई महीनों से इस छात्रावास में धर्मांतरण की गतिविधियों की सूचना मिल रही थी। अंततः IB से मिले पुख्ता इनपुट के बाद पुलिस ने सटीक कार्रवाई की। छापेमारी में पुलिस ने मौके से ईसाई धर्म से जुड़ी धार्मिक किताबें, प्रचार सामग्री और अन्य दस्तावेज जब्त किए हैं।
कौन हैं आरोपी?
पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को हिरासत में लिया ह फादर अमृत – अहमदाबाद, गुजरात निवासी सोनू रायसिख – रामगढ़, अलवर निवासी, जो छात्रावास का केयरटेकर है।
बच्चों के चौंकाने वाले खुलासे
छात्रावास में रहने वाले बच्चों ने बताया कि फादर बच्चों को हिंदू देवी-देवताओं को गलत बताकर ईसा मसीह की पूजा करने को कहते थे। एक बाल्टी पानी में हिंदू मूर्तियों को डुबोकर फादर कहते थे – "देखो, तुम्हारा भगवान खुद डूब गया, वो तुम्हें क्या बचाएगा?" वहीं जब ईसा मसीह का क्रॉस पानी में डालते, तो कहते – "ये नहीं डूब रहा, इसका मतलब ईसा मसीह ही असली भगवान हैं।"
विहिप और बजरंग दल ने जताया विरोध
विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के कार्यकर्ता भी मौके पर पहुंचे और जमकर विरोध किया। उन्होंने आरोपियों की गिरफ्तारी और सख्त कार्रवाई की मांग की। VHP के जिला अध्यक्ष डॉ. रामदयाल मीणा और महामंत्री बिजेंद्र खंडेलवाल ने पुलिस को लिखित शिकायत सौंपी।
तमिलनाडु से जुड़ा नेटवर्क
पुलिस जांच में सामने आया है कि यह मिशनरी नेटवर्क तमिलनाडु से संचालित होता है। इस छात्रावास में अलवर, दिल्ली और हनुमानगढ़ जैसे अलग-अलग जिलों के बच्चे रह रहे थे।
क्या कहा पुलिस ने?
अलवर के पुलिस अधीक्षक (SP) सुधीर चौधरी ने बताया कि “हमने मौके से दो लोगों को हिरासत में लिया है। छात्रावास में चल रही गतिविधियों की गंभीरता से जांच की जा रही है। धर्मांतरण का नेटवर्क राज्य के बाहर से संचालित होने के भी संकेत मिले हैं। जल्द ही और खुलासे हो सकते हैं।”
यह घटना धार्मिक स्वतंत्रता और बच्चों के शोषण से जुड़ी गंभीर चिंता पैदा करती है। फिलहाल पुलिस जांच जारी है और मामले में और लोगों की भूमिका भी सामने आ सकती है। प्रशासन की ओर से जल्द कार्रवाई के संकेत मिले हैं।