इस साल 5 नहीं पूरे 6 दिनों तक मनेगा दीपोत्सव, एक ही दिन होगी छोटी और बड़ी दिवाली

punjabkesari.in Tuesday, Oct 07, 2025 - 04:43 PM (IST)

नारी डेस्क : इस बार दिवाली का पर्व पहले से भी ज्यादा खास रहेगा। आमतौर पर दीपोत्सव 5 दिनों का होता है, लेकिन इस साल यह पूरे 6 दिनों तक मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार, त्रयोदशी तिथि दो दिन पड़ने के कारण दीपोत्सव की अवधि एक दिन बढ़ गई है। इस साल दीपोत्सव 18 अक्टूबर 2025 से 23 अक्टूबर 2025 तक चलेगा।

क्या है दीपोत्सव का महत्व

दीपोत्सव हिंदू धर्म के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है, जो अंधकार पर प्रकाश और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। यह उत्सव धनतेरस से शुरू होकर भाई दूज पर समाप्त होता है। इन छह दिनों में हर दिन का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व होता है।

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शनिवार, 18 अक्टूबर : धनतेरस

इस दिन दोपहर 12:19 बजे से त्रयोदशी तिथि प्रारंभ होगी। धनतेरस के अवसर पर भगवान धन्वंतरि की पूजा करने और बर्तन, सोना-चांदी या नई वस्तु खरीदने की परंपरा अत्यंत शुभ मानी जाती है। यह दिन समृद्धि, स्वास्थ्य और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है, और इसी दिन से दीपोत्सव का शुभारंभ होता है।

रविवार, 19 अक्टूबर : दूसरी त्रयोदशी (धनतेरस का दूसरा दिन)

19 अक्टूबर 2025 को भी त्रयोदशी तिथि दोपहर 1:51 बजे तक रहेगी। इसलिए इस दिन भी धनतेरस की पूजा और शुभ खरीदारी की जा सकती है। ज्योतिष के अनुसार, इस दिन अभिजीत मुहूर्त में भगवान धन्वंतरि की आराधना करना विशेष रूप से फलदायी माना गया है। यह दिन आरोग्य, समृद्धि और दीर्घायु की कामना के लिए शुभ अवसर प्रदान करेगा।

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सोमवार, 20 अक्टूबर: नरक चतुर्दशी और लक्ष्मी पूजन (छोटी और बड़ी दिवाली)

20 अक्टूबर 2025 को कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि रहेगी। इस दिन सुबह नरक चतुर्दशी, जिसे छोटी दिवाली कहा जाता है, का पर्व मनाया जाएगा। श्रद्धालु सुबह अभ्यंग स्नान कर दीपदान करेंगे, जिससे पापों का नाश और सौभाग्य की वृद्धि होती है। शाम के समय प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त रहेगा, जब घरों में दीप जलाकर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश का स्वागत किया जाएगा। इस दिन का विशेष संयोग इसे छोटी और बड़ी दिवाली दोनों का उत्सव बना देता है।

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मंगलवार, 21 अक्टूबर: अमावस्या समाप्त और प्रतिपदा प्रारंभ

इस दिन सुबह से दोपहर तक अमावस्या तिथि रहेगी, जिसके बाद शुक्ल प्रतिपदा तिथि प्रारंभ होगी। चूंकि गोवर्धन पूजा अमावस्या समाप्त होने के बाद की जाती है, इसलिए इस दिन गोवर्धन पूजा नहीं की जाएगी। यह दिन दीपावली के अगले दिन का विशेष महत्व रखता है और तिथि परिवर्तन के कारण पूजा का मुहूर्त अगले दिन रहेगा।

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बुधवार, 22 अक्टूबर: गोवर्धन पूजा और अन्नकूट

उदयातिथि के अनुसार, इस दिन गोवर्धन पूजा और अन्नकूट उत्सव बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाएगा। श्रद्धालु भगवान श्रीकृष्ण की पूजा कर गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करेंगे और विविध प्रकार के व्यंजनों से अन्नकूट का भोग लगाएंगे। यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण द्वारा इंद्र के अभिमान को समाप्त करने और गोवर्धन पर्वत की महिमा स्थापित करने की स्मृति में मनाया जाता है।

गुरुवार, 23 अक्टूबर: भाई दूज

दीपोत्सव का अंतिम और सबसे स्नेहपूर्ण दिन भाई दूज के रूप में मनाया जाएगा। इस दिन बहनें अपने भाइयों के माथे पर टीका लगाकर उनके दीर्घायु, सुख और समृद्धि की कामना करेंगी। बदले में भाई भी बहनों को उपहार देकर उनके प्रति अपने स्नेह और सुरक्षा का वचन देते हैं। यह पर्व भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को और मजबूत बनाने वाला माना जाता है।

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एक ही दिन छोटी और बड़ी दिवाली का संयोग

इस वर्ष दीपोत्सव का सबसे खास संयोग 20 अक्टूबर 2025 को बन रहा है, जब नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली) और लक्ष्मी पूजन (मुख्य दिवाली) दोनों एक ही दिन मनाए जाएंगे। इस दिन सुबह के समय अभ्यंग स्नान और दीपदान का शुभ विधान रहेगा, जबकि शाम को प्रदोष काल में देवी लक्ष्मी की पूजा का शुभ मुहूर्त होगा। यह अद्भुत संयोग शुभ फलदायी माना जा रहा है और इस दिन पूजा करने से दोनों पर्वों का पुण्य एक साथ प्राप्त होगा।

इस वर्ष दिवाली सिर्फ पांच नहीं बल्कि छह दिनों तक मनाई जाएगी। धनतेरस से भाई दूज तक का यह शुभ पर्व परिवार, समृद्धि और प्रेम का प्रतीक है। घर-घर दीपों की रौशनी फैलेगी और पूरे देश में उल्लास का माहौल रहेगा।


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Content Editor

Monika

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