शंकर महादेवन और जाकिर हुसैन समेत इन 5 भारतीयों ने बढ़ाया देश का मान, ग्रैमी अवॉर्ड्स किए अपने नाम
punjabkesari.in Monday, Feb 05, 2024 - 05:09 PM (IST)
भारत ने संगीत के क्षेत्र के सबसे प्रतिष्ठित ‘ग्रैमी अवॉर्ड्स 2024' में अपना जलवा बिखेरा और मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन तथा बांसुरी वादक राकेश चौरसिया समेत पांच भारतीय संगीतकारों ने पुरस्कार जीते। हुसैन ने तीन ग्रैमी पुरस्कार अपने नाम किए जबकि राकेश चौरसिया ने दो पुरस्कार जीते। गायक शंकर महादेवन, वायलिन वादक गणेश राजगोपालन और तालवादक सेल्वागणेश विनायकराम के एक फ्यूजन संगीत समूह ‘शक्ति' ने ‘दिस मूमेंट' के लिए सर्वश्रेष्ठ वैश्विक संगीत एल्बम की श्रेणी में 2024 का ग्रैमी पुरस्कार जीता।
SHAKTI wins a #GRAMMYs #GRAMMYs2024 !!! Through this album 4 brilliant Indian musicians win Grammys!! Just amazing. India is shining in every direction. Shankar Mahadevan, Selvaganesh Vinayakram, Ganesh Rajagopalan, Ustad Zakhir Hussain. Ustad Zakhir Hussain won a second Grammy… pic.twitter.com/dJDUT6vRso
— Ricky Kej (@rickykej) February 4, 2024
इस एल्बम में संगीत समूह के संस्थापक सदस्य ब्रिटिश गिटार वादक जॉन मैकलॉघलिन के साथ हुसैन, महादेवन, वायलिन वादक गणेश राजगोपालन और तालवादक सेल्वागणेश विनायकराम शामिल हैं। ‘शक्ति' का 45 से अधिक वर्षों में पहला स्टूडियो एल्बम ‘दिस मूमेंट' जून 2023 में रिलीज किया गया था। संगीत के क्षेत्र के सबसे बड़े पुरस्कार ग्रैमी अवॉर्ड्स का आयोजन करने वाली रिकॉर्डिंग एकेडमी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर विजेताओं के नाम शेयर कर लिखा- ‘‘सर्वश्रेष्ठ वैश्विक संगीत एल्बम विजेता ‘दिस मूमेंट' शक्ति को बधाई।'' हुसैन को शक्ति के अलावा ‘पश्तो' के लिए सर्वश्रेष्ठ वैश्विक संगीत प्रस्तुति और ‘एज वी स्पीक' के लिए सर्वश्रेष्ठ समसामयिक वाद्य एल्बम का ग्रैमी पुरस्कार भी मिला।
सर्वश्रेष्ठ वैश्विक संगीत प्रस्तुति की श्रेणी में आठ नामांकन थे जिसमें फालू का गीत ‘‘अबन्डंस इन मिलेट्स'' शामिल था। इस गीत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी दिखायी दिए हैं। महान बांसुरी वादक हरिप्रसाद चौरसिया के भतीजे राकेश चौरसिया ने अमेरिका के बेंजो वादक बेला फ्लेक और अमेरिकी बास वादक एडगर मेयेर के साथ ‘पश्तो' और ‘एज वी स्पीक' के लिए दो ग्रैमी पुरस्कार जीते। हुसैन ने ‘पश्तो' के लिए पुरस्कार लेते वक्त कहा, ‘‘प्रेम और संगीत के बिना हम कुछ भी नहीं हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘एकेडमी का शुक्रिया, हमें आज यह खूबसूरत संगीत देने के लिए इन सभी महान संगीतकारों का शुक्रिया। हमारे एक सदस्य बेला फ्लेक मौजूद नहीं हैं।''
हुसैन ने आगे कहा-, ‘‘राकेश चौरसिया और एडगर मेयेर तथा मैं अपनी तरफ से हम दिल से आभार व्यक्त करते हैं...हमारे परिवार यहां हैं और उनके बिना हम कुछ भी नहीं हैं। प्रेम, संगीत, सौहार्द के बिना हम कुछ भी नहीं हैं।'' अमेरिका में स्थित रिकॉर्डिंग एकेडमी द्वारा आयोजित ग्रैमी अवॉर्ड्स में हुसैन की यह पहली जीत नहीं हैं। उन्होंने पहले भी विभिन्न श्रेणियों और एकल वर्ग में ग्रैमी पुरस्कार जीता है। महादेवन, राजगोपालन और सेल्वागणेश पुरस्कार लेने के लिए मंच पर आए जबकि मैकलॉघलिन समारोह में शामिल नहीं हुए और हुसैन एक और ग्रैमी पुरस्कार जीतने के बाद मंच के पीछे थे। महादेवन ने इस जीत का श्रेय अपनी पत्नी संगीता को देते हुए कहा- ‘‘हम आपको याद कर रहे हैं जॉन जी। जाकिर हुसैन, उन्होंने आज एक और ग्रैमी पुरस्कार जीता है। ब्वॉयज, ईश्वर, परिवार, दोस्तों और भारत का शुक्रिया। हमें भारत पर गर्व है।''
राजगोपालन ने इस पुरस्कार के लिए रिकॉर्डिंग एकेडमी का आभार जताया। ‘‘स्लमडॉग मिलेनियर'' के लिए 2008 में दो ग्रैमी पुरस्कार जीतने वाले ए आर रहमान ने इंस्टाग्राम पर हुसैन, महादेवन और सेल्वागणेश के साथ एक सेल्फी साझा की। जाने-माने संगीतकार रहमान ने अपने पोस्ट में कहा, ‘‘भारत के लिए ग्रैमी में बरसात हो रही है...ग्रैमी विजेताओं उस्ताद जाकिर हुसैन (तीन ग्रैमी), शंकर महादेवन (पहला ग्रैमी) और सेल्वागणेश (पहला ग्रैमी) को बधाई।'' पुरस्कार समारोह में शामिल हुए तीन बार के ग्रैमी विजेता रिकी केज ने 2024 को ग्रैमी में भारत का वर्ष बताया। वह भी समारोह में शामिल हुए। केज ने पिछले साल एल्बम ‘डिवाइन टाइड्स' के लिए अपना तीसरा ग्रैमी पुरस्कार जीता था। उन्होंने कहा, ‘‘वाह...यह ग्रैमी में पूरी तरह से भारत का वर्ष है। वाह..राकेश चौरसिया, शंकर महादेवन, गणेश राजगोपालन, सेल्वागणेश विनायकराम और उस्ताद जाकिर हुसैन...भारत सही में चमकता सितारा है!! रोमांचक!! एक ही साल में पांच भारतीयों ने ग्रैमी पुरस्कार जीते हैं।''
केज ने एक अलग पोस्ट में कहा, ‘‘...और उस्ताद जाकिर हुसैन ने एक ही रात में तीन ग्रैमी पुरस्कार जीतकर इतिहास रच दिया। राकेश चौरसिया ने दो पुरस्कार जीते हैं। यह ग्रैमी में भारत के लिए बड़ा साल है...और मैं सौभाग्यशाली हूं कि मुझे यह देखने का अवसर मिला।'' सर्वश्रेष्ठ वैश्विक संगीत एल्बम की श्रेणी में अन्य नामांकन में ‘एपिफेनियाज' (सुसैन बाका), ‘हिस्ट्री' (बोकांते), ‘आई टोल्ड देम...' (बर्ना ब्वॉय) और ‘टाइमलेस' (डेविडो) शामिल थे। सितार वादक रविशंकर 1968 में ग्रैमी पुरस्कार (बेस्ट चैंबर संगीत प्रस्तुति) जीतने वाले भारत के पहले संगीतकार थे। उसके बाद से जुबिन मेहता, अनुष्का शंकर, विश्व मोहन भट्ट, एल शंकर और टी एच विनायकराम समेत देश के कई संगीतकारों ने विभिन्न श्रेणियों में ग्रैमी पुरस्कार जीते हैं।