भारत ने फिर कर दिखाया कमाल, विंड पावर के क्षेत्र में बना  तीसरा सबसे बड़ा देश

punjabkesari.in Wednesday, Dec 24, 2025 - 01:10 PM (IST)

नारी डेस्क:  भारत ने 2025 में ग्लोबल विंड मार्केट में अपनी तीसरी पोजीशन फिर से हासिल कर ली है। चार साल के गैप के बाद भारत ने यह कामयाबी हासिल की है और अब कैपेसिटी के मामले में सिर्फ़ चीन और US से पीछे है। ब्लूमबर्ग NEF (BNEF) की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने इस साल विंड एनर्जी सेक्टर में अब तक की सबसे ज़्यादा ग्रोथ दर्ज की है।


ब्राजील और जर्मनी को पीछे छोड़ा

इस शानदार ग्रोथ के साथ, भारत ने ब्राजील और जर्मनी को पीछे छोड़ दिया है, जो पिछले तीन सालों से भारत से आगे थे। 2019 के बाद यह पहली बार है जब भारत तीसरी पोजीशन पर पहुंचा है; इससे पहले, भारत 2020 से 2024 तक लगातार पांचवीं पोजीशन पर था। भारत ने नवंबर 2025 तक 5.8 गीगावाट (Gw) की नई विंड एनर्जी कैपेसिटी जोड़ी है। यह आंकड़ा 2017 के सालाना रिकॉर्ड (4.2 GW) से बहुत ज़्यादा है। साल के आखिर तक कुल 6.2 GW कैपेसिटी जुड़ने की उम्मीद है, जिससे भारत दूसरे नंबर पर मौजूद US के बहुत करीब आ जाएगा।


सफलता के मुख्य कारण

भारत अब ऐसे नीलामी कर रहा है जहां कई एनर्जी सोर्स और बैटरी स्टोरेज को मिलाकर प्रोजेक्ट बनाए जा रहे हैं। 2024 में दिए गए 60 GW के कॉन्ट्रैक्ट में से दो-तिहाई ऐसे ही मुश्किल प्रोजेक्ट के लिए थे। बेहतर ग्रिड कनेक्टिविटी: राजस्थान, गुजरात और कर्नाटक जैसे राज्यों में ग्रिड के विस्तार से उन प्रोजेक्ट को चालू करने में मदद मिली है जिनमें पहले देरी हो रही थी। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में इस दशक के आखिर तक 30 GW से ज़्यादा विंड एनर्जी कैपेसिटी जोड़ने की क्षमता है। ग्रिड तक पहुंच की समस्या, जो पहले इस क्षेत्र के लिए एक बड़ी रुकावट थी, अब धीरे-धीरे हल हो रही है, जिससे निवेशकों और डेवलपर्स का उत्साह बढ़ा है।
 


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vasudha

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