बच्चों में बढ़ रहा कोरोना का खतरा, जानें क्या करें क्या नहीं

punjabkesari.in Saturday, May 29, 2021 - 11:59 AM (IST)

कोरोना वायरस की दूसरी लहर बड़ों के साथ-साथ बच्चों को भी संक्रमित कर रही है। कोविड का नया स्ट्रेन गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए अधिक खतरनाक साबित हो सकता है। राष्ट्रीय सर्वे के मुताबिक 25% बच्चे कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं। यहां तक ​​कि 10 साल से कम उम्र के बच्चे भी कोरोना वायरस की चपेट में आए हैं। जब से कोरोना मामलों की संख्या बढ़ी है उसमें बच्चों की संख्या अधिक पाई गई है। 

इन बच्चों में कोरोना संक्रमण का खतरा अधिक 

एक्सपर्ट के मुताबिक, अधिकांश बच्चों में या तो कोई लक्षण नहीं दिखता या फिर हल्का बुखार आता है। अगर घर में कोई सदस्य कोरोना संक्रमित निकलता है तो इस बात की अधिक संभावना होती है कि बच्चे भी संक्रमित होंगे। ऐसे ज्यादातर मामलों में 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे में आमतौर पर लक्षण दिखाई नहीं देते या उनमें हल्के, सामान्य सर्दी जैसे लक्षण या दस्त होते हैं। हालांकि, जन्मजात हृदय रोग, मधुमेह, अस्थमा या बचपन के कैंसर से पीड़ित या कमजोर इम्यिूनिटी वाले बच्चों में गंभीर बीमारी विकसित होने का खतरा अधिक होता है। ऐसे में पेरेंट्स को सतर्क रहने की जरूरत है। 

PunjabKesari

बच्चों का इलाज बड़ों से अलग कैसे ?

एक्सपर्ट कहते हैं, जिन संक्रमित बच्चों में कोरोना के लक्षण नहीं दिखाई देते उनके लिए किसी भी दवा की सलाह नहीं दी जाती। दूसरे मामलों में बुखार और अन्य हल्के लक्षणों के प्रबंधन के लिए साधारण पेरासिटामोल दी जाती है। इसी तरह दस्त में ओआरएस देने को कहा जाता है। अगर बच्चों में सांस लेने की समस्या, खांसी, हाइपोक्सिया, बुखार, त्वचा पर लाल चकत्ते, बच्चों में अत्यधिक नींद जैसे अन्य असामान्य लक्षण दिखें तो उन्हें तुरंत डाॅक्टर से संपर्क करना चाहिए। 

कोविड पाॅजिटिव मां कैसे कराए बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग?

ऐसे मामलों में जो व्यक्ति COVID पॉजिटिव नहीं है, उसे बच्चे को दूध पिलाना चाहिए। अगर बच्चे की देखभाल करने वाला कोई और नहीं है तो मां को डबल मास्क और फेस शील्ड पहनना चाहिए, हाथ धोना चाहिए और अपने आस-पास को नियमित रूप से साफ करना चाहिए। संक्रमित मां के दूध में कोरोनावायरस के खिलाफ एंटीबॉडीज होती है।

PunjabKesari

इन बीमारियों का शिकार हो सकते हैं बच्चें

एक्सपर्ट का कहना है कि बच्चों में भी लंबे समय तक COVID-19 के मामले होते हैं, जिसमें मरीज को ठीक होने के 3-6 महीने बाद भी मधुमेह, उच्च रक्तचाप जैसी नई बीमारी हो जाती है। माता-पिता को अपने डॉक्टर के संपर्क में रहना चाहिए ताकि उन बच्चों की निगरानी की जा सके जो गंभीर COVID बीमारी से उबर चुके हैं।

2 से 5 साल के बच्चों को मास्क पहनाना मुश्किल 

विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि 2 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए मास्क की सिफारिश नहीं की जा सकती। 2 से 5 साल के बच्चों को मास्क पहनाना मुश्किल है। इसलिए, उन्हें घर के अंदर रखने की सलाह दी जाती है लेकिन उन्हें खेलकूद और शारीरिक गतिविधियों में शामिल करना न भूलें क्योंकि पहले पांच साल बच्चे के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। परिवार के प्रत्येक सदस्य जिसकी आयु 18 वर्ष से अधिक है, उसे टीका लगवाना चाहिए। स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए टीके सुरक्षित पाए गए हैं इसलिए उन्हें भी टीका लगवाना चाहिए।

PunjabKesari


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Bhawna sharma

Related News

static