इस मंदिर में साड़ी और दुपट्टा पहनकर पुरुष खेलते हैं गरबा, बेहद शानदार होता है नजारा
punjabkesari.in Monday, Sep 26, 2022 - 05:24 PM (IST)
नवरात्रि की शुरुआत के साथ ही मंदिरों से लेकर बाजार तक हर तरफ रौनक ही रौनक देखने को मिल रही है। इन दिनों मां की आराधना के लिए सजाये गए पंडालों में गरबा-डांडिया की भी अलग ही धूम रहती है। देश भर में लोग बड़े उत्साह के साथ गरबा और डांडिया में हिस्सा लेते हैं। वैसे तो आमतौर पर लड़कियों को गरबे के लिए सजते-संवरते देखा जाता है लेकिन एक जगह ऐसी भी है जहां सिर्फ पुरुष ही गरबा खेलते हैं।
#WATCH: Vadodara's Amba Mata Temple practices an age-old tradition of an 'All-Men Garba'. "In ancient times it wasn't safe for women to participate in Garba late at night, which is why men performed it draping dupattas; doesn't mean that women weren't allowed," said temple priest pic.twitter.com/lnKkfZCHgm
— ANI (@ANI) October 9, 2021
हमबात कर रहे हैं गुजरात के वडोदरा में स्थित अंबा माता मंदिर की जहां नवरात्रि की अलग ही धूम देखने को मिलती है। यहां पुरुष गरबा खेलकर सदियों पुरानी परंपरा निभाते हैं। एक तरफ जहां सभी साड़ी- लहंगा पहनकर पुरुष गरबा खेल रहे हाेते हैं, वहीं कुछ महिलाएं झरोखे में बैठे हुए गाने गा रही होती हैं। यह नजारा देखने लोग दूर- दूर से मंदिर पहुंचते हैं।
यहां पिछले 400 सालों से पुरुष ही गरबा खेलते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार जब वड़ोदरा मे गायकवाड़ से पहले इस्लामी शासकों का शासन था तब स्त्रियों को परदे में रहना पड़ता और माता की आराधना के लिए पुरुष ही स्त्री का वेश धारण कर के यहां गरबा खेलते थे। घड़ियाली पोल अम्बा माता मंदिर के गरबा में आज भी जो गरबा खेलते है, वो सारे पुरुष ही होते है।
पुराने समय में देर रात गरबा में महिलाओं के शामिल होने को सुरक्षित नहीं माना जाता था, इसलिए पुरुष इसे करने लगे। हालांकि इसका यह मतलब नहीं है कि यहां महिलाओं के आने पर पाबंदी है। महिलाएं भी इसमें आ सकती हैं। लेकिन इस सदियों पुरानी परंपरा को कायम रखने के लिए वे सीधे इसमें नहीं जुड़ती हैं, इसकी बजाय वे जश्न में शामिल होकर गाना-बजाना करती हैं।'
अंबाजी माता मंदिर की बात करें तो यह प्राचीन और प्रमुख धार्मिक स्थलों में जाना जाता है। ये मंदिर मां दुर्गा के 51 शक्तिपीठों में शामिल है। यहां, भद्रवी पूर्णिमा, नवरात्रि और दिवाली के दिनों में भक्तों की सबसे ज्यादा भीड़ देखने को मिलती है। इस मंदिर को इसलिए भी अनोखा माना जाता है कि यहां मूर्ती के बजाए बेहद ही पवित्र श्री यंत्र है, जिसकी मुख्य रूप से पूजा की जाती है। लेकिन, खास बात ये है कि श्री यंत्र को सामान्य आंखों से देख पाना मुश्किल है और न ही आप यहां फोटो खींच सकते। इसकी पूजा भक्त आंखों पर पट्टी बाधंकर करते हैं।