इन जुड़वा बहनों की हिम्मत के आगे छोटे पड़ें दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत

punjabkesari.in Thursday, Nov 07, 2019 - 11:29 AM (IST)

खुद में जब जज्बा और दिल में कुछ पाने की चाहत हो तो दुनिया में ऐसी कोई चीज नहीं है जिसे इंसान पा नहीं सकता है। ऐसे में उम्र, रंग, रुप नहीं सिर्फ हिम्मत की जरुरत होती है। अपनी इसी हिम्मत के साथ हरियाणा की दो जुड़वा बहने नुंग्शी और ताशी मलिक  दुनिया की 7 सबसे मुश्किल चोटियों पर भारत का तिरंगा फहरा कर गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज करवा चुकी हैं। इन दोनों बहनों को इस मुकाम तक पहुंचने के लिए तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ा लेकिन उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी। 

 

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17 साल में शुरु हुआ पर्वतारोहण बनने का सफर 

23 साल की उम्र में जब बच्चे कॉलेज में पढ़ाई या अपना करियर बनाने के बारे में सोच रहे होते है उस समय ये दोनों जुड़वा बहने अपने नाम कई तरह के रिकार्ड कर चुकी थी। 2013 में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली ये दोनों पहली जुड़वा बहने हैं। 21 जून 1991 में दोनों बहनों का जन्म हरियाणा के कर्नल वीरेंद्र सिंह मलिक के घर हुआ था। 12 वीं की पढ़ाई करने के बाद जब दोनों बहनों के लिए कॉलेज ढूंढा जा रहा तो पिता के पूछने पर नुंग्शी और ताशी ने कहा कि उन्हें पर्वतारोहण में रुचि है। तब उनके पिता ने उन्हें सबसे पहले पर्वतारोहण का बेसिक कोर्स करने को लिए कहा। उसके बाद 17 साल की उम्र में दोनों बहनों का पर्वतारोहण बनने का सफर शुरु हुआ। 

 

लोगों ने उड़ाया मजाक पर हिम्मत नहीं हारी 

जब नुंग्शी और ताशी के रिश्तेदारों को पता चला कि वह पर्वतारोहण बनना चाहती है तो लोगों ने काफी मजाक उड़ाया और कहा कि तुम्हारे हाथ- पैर कट जाएंगे। अगर कोई हादसा हो गया तो तुम्हारे साथ कौन शादी करेगा। यब सब बातें सुन कर उनके पेरेंट्स थोड़ा डर गए थे लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। जब उन्होंने पहली बार 20 हजार फुट की पहली चढ़ाई चढ़ी तो अपने आप सब लोग चुप हो गए। इतना ही नहीं, उसके बाद जब उन्होंने एवरेस्ट पर जीत हासिल की तो सब लोगों की उनके प्रति सोच पूरी तरह से बदल गई। उसके बाद उन्होंने गिनीज वर्ल्ड बुक में अपना नाम दर्ज करवाया। 

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बेटा न होनों पर पेरेंट्स को सुनने पड़ते था ताने 

घर में बेटा न होने के कारण ताशी और नुंग्शी के पिता को हमेशा सोसायटी के लोग ताने मारते हुए कहते थे कि तुम्हारा कोई बेटा नहीं है तुम्हें बेटा पैदा करना चाहिए था। यह सुनना उन्हें अच्छा नहीं लगता था इसलिए दोनों ने तय किया की वह दुनिया से अलग बन कर दिखाएंगी ताकि मां-बाप को पता लग सकें की बेटियां होना भी बहुत जरुरी हैं। 

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दिखती एक जैसी है पर शौक है अलग

दोनों बहनें देखने में लगभग एक जैसी लगती है अगर उन्हें कोई पहली बार देखेगा तो धोखा खा जाएगा लेकिन दोनों बहनों के शौक पूरी तरह से अलग है। नुंग्शी चढ़ाई के समय संस्कृत के श्लोक पढ़ती हैं। वहीं बचपन में दोनों एक जैसी ही ड्रेस मांगते थे अगर नहीं मिलती थी तो हल्ला करती थी। वहीं अब पहनावे, संगीत, फिल्मी हीरों के साथ अन्य कई मामलों में दोनों की पसंद बहुत ही अलग है।

 

रेस ईको चैलेंज में भी ले चुकी है भाग 

दोनों बहनें दुनिया की सबसे मुश्किल और खतरनाक एडवेंचर रेस ईको चैलेंज में भी 9 से 21 सितंबर को  हिस्सा ले चुकी है। फिजी में आयोजित इस चैलेंज में 30 देशों की 67 टीमों ने हिस्सा लिया था। 675 किलोमीटर की इश रेस को डिस्कवरी चैनल पर आने वाले शो ' मैन वर्सेज वाइल्ड' ने होस्ट बेयर ग्रिल्स ने आयोजित किया था। 

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Content Writer

khushboo aggarwal

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