जन्माष्टमी स्पैशल: कान्हा को खुश करने के लिए पूजा में शामिल करें ये 7 खास चीजें

punjabkesari.in Thursday, Aug 22, 2019 - 11:19 AM (IST)

जन्माष्टमी यानि भगवान श्री कृष्ण का जन्मदिव परसों यानि 24 अगस्त को पूरे भारत में पूरी श्रद्धा और भावना के साथ मनाया जा रहा है। भगवान श्री कृष्ण जी के भक्त इस दिन को लेकर बहुत उत्साहित हैं। इस दिन को भगवान श्री कृष्ण को झूला-झुलाया जाता है, प्रसाद के रुप में अनेकों चीजें बनाई जाती हैं और खास तौर पर व्रत रखा जाता है। शास्त्रों के मुताबिक भगवान श्री कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए उनके इस दिन को विशेष बनाना अति आवश्यक है। ऐसे में उनकी पूजा-अर्चना में कई विशेष बातों का ध्यान रखना बहुत जरुरी है। तो चलिए आज आपको जन्माष्टमी के दिन से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में बताते हैं...

मोर पंख

राधा जब अपनी सहेलियों के संग नृत्य किया करती थी तो उनके संग मोर भी नाचा करते थे। एक दिन नृत्य करते-करते मोर को एक पंख जमीन पर गिर गया। उस समय भगवान श्री कृष्ण वहीं पर मौजूद थे। राधा के प्रति मोहित होकर श्री कृष्ण ने वो पंख उठाकर अपने मुकुट में लगा लिया। उस दिन से मोर पंख को महत्व दिनों-दिन बड़ता चला गया। यदि जन्मष्टमी के दिन पूजा के वक् मोर पंख यदि घर के मंदिर में रखते हैं तो इससे भगवान श्री कृष्ण की अपार कृपा आप पर सदैव बनी रहेगी।

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बांसुरी

जिस तरह भगवान राम को धनुष प्रिय है उसी तरह श्री कृष्ण की प्रिय बांसुरी है। जब कृष्ण जी बांसुरी बजाते थे तो उनकी मधुर धुन की आवाज सुनकर राधा और उनकी सहेलियां खिंची चली आती थी। भगवान कृष्‍ण गोपियों के साथ बंसी बजाकर रास रचाते थे और सृष्टि में प्रेम का संचार करते थे। यदि आप भी अपने घर में सदा प्रेम और स्नेह का माहौल बनाकर रखना चाहते हैं तो जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण को चांदी की छोटी सी बांसुरी चढ़ाना मत भूलें।

माखन

मोरपंख और बांसुरी के बाद भगवान श्री कृष्ण को माखन सबसे प्रिय था। कहते हैं कि जिस रात कान्हा का जन्म हुआ उस रात नंद गांव की गोपियों को सपने में कृष्ण जी दिखे थे और वह उनसे माखन मांग रहे थे। गोपियों को हंसी-मजाक में तंग करने के लिए जान बूझकर बाल गोपाल कृष्ण उनके मटकियों से माखन चुरा लिया करते थे। ऐसे में भगवान कृष्ण की अपार कृपा पाने के लिए पूजा के वक्त भगवान को माखन मिसरी का भोग लागना मत भूलें।

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झूला

कृष्ण भक्त भगवान श्री कृष्ण के बाल रुप के अति दीवाने हैं। भक्ति भाव के भूखे श्री कृष्ण को भी अपने भक्तों से झूला झूलने में बहुत मजा आता है। खासतौर पर संतान प्राप्ति के इच्छुक दंपत्ति जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण को झूला झूलाना मत भूलें।

पीले वस्त्र

भगवान के बाल स्‍वरूप को जन्माष्टमी के दिन सुबह कच्चे दूध के साथ स्नान के पश्चात पीले रंग के वस्त्र पहनाकर झूले में लेटाएं। श्री कृष्ण को पीले वस्त्र अति प्रिय है क्योंकि यह रंग प्रेम और वैराग्य का प्रतीक है।

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सफेद गाय

पुराणों में गाय को धर्म का प्रतीक माना जाता है। भगवान कृष्ण जी को भी गाय बहुत प्रिय थी। बचपन से ही कृष्ण जी गायों को चराने और गौशाला में उनके साथ अक्सर वक्त बिताने जाया करते थे। ऐसे में पूजा के वक्त छोटी सी सफेद गाय की मूर्त या फिर आटे की गाय बनाकर कृष्ण जी को अवश्य अर्पित करें।

भगवद् गीता

गीता हिंदू धर्म में सबसे पवित्र मानी जाती है। भगवान कृष्‍ण ने महाभारत के युद्ध के दौरान पांडवों को गीता का ही उपदेश दिया था। गीता मोह से निकलकर संसार को देखने का मार्ग बताती है। यह जीवन को सही तरीके से जीकर मोक्ष प्राप्ति का राह दिखलाती है। ऐसे में जन्माष्टमी की पूजा के दौरान पवित्र भगवद् गीता को पूजा में शामिल करना मत भूलें। 


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Content Writer

Gurminder Singh

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