'मैं होम- ब्रेकर नहीं थी', किसी का बसा-बसाया घर उजाड़ने की हिम्मत नहीं थी...
punjabkesari.in Wednesday, Feb 23, 2022 - 12:52 PM (IST)
बॉलीवुड में बहुत से स्टार्स ऐसे रहे हैं जो लंबे समय से इंडस्ट्री में एक्टिव हैं। सालों-साल काम करने के बावजूद भी उन्होंने खुद को ब्रेक नहीं दिया। भले ही वह अब फिल्मों में एक्टिंग ना कर रहे हो लेकिन अवॉर्ड शो, लॉंच इवेंट्स के जरिए इंडस्ट्री से जुड़े हैं। उन्हीं लेजेंड स्टार्स की लिस्ट में आशा पारेश का नाम भी है। हाल ही में उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में सर्वोत्म योगदान देने के लिए दादा साहेब फालके अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। दादा साहेब फालके अवार्ड में हर साल बॉलीवुड से टॉलीवुड, सिनेमा से टीवी तक एंटरटेनमेंट जगत से जुड़े नामी सितारे शामिल होते हैं।
आशा पारेख, 60 के दशक की खूबसूरत हीरोइन रही हैं जिन्होंने अपनी खूबसूरती से हर किसी को अपना दीवाना बनाया लेकिन इस खूबसूरत अदाकारा को ताउम्र जीवनसाथी नहीं मिला या यूं कहें कि मिला था लेकिन किसी का घर ना टूटे इसलिए शादी का ख्याल ही आशा ने अपने दिमाग से निकाल दिया। चलिए आज के पैकेज में उन्हीं की लाइफस्टोरी आपके साथ साझा करते हैं।
आशा पारेख का जन्म 2 अक्तूबर 1942 में एक गुजराती परिवार में मुंबई में हुआ था। उनके पिता बचूबाई पारेख तो गुजराती जैन धर्म से थे और मां सुधा पारेख मुस्लिम थीं। दोनों ही अलग-अलग धर्मों से थे लेकिन फिर भी उनका परिवार साई बाबा का भक्त था और आशा पारेख खुद भी साई बाबा की भक्त हैं। आशा जी अपने माता-पिता की एकलौती संतान है इसलिए वह अपने माता-पिता की बहुत लाडली भी थी। परिवार वाले और नजदीकी लोग उन्हें प्यार से जुबली गर्ल और टॉम ब्बॉय भी बुलाते रहे हैं। मां की मौत के बाद वह बड़े बंगले से एक छोटे से अपार्टमेंट में रहने लगी।
आशा खुद बचपन में कभी डॉक्टर तो कभी आई.एस. अधिकारी बनने के सपने देखती थी जबकि उनकी मां उन्हें डांस सिखाने के लिए विभिन्न डांस इंस्टिट्यूट में उनका दाखिला कराती रहती थी। मां की इच्छा पूरी करते हुए आशा जी शास्त्रीय नृत्यांगना बन गई और उन्होंने कई बड़े डांस शो भी किये है। वे विदेशों में भी अपना नृत्य शो करने जाती थी। तभी उन्हें निर्देशक विमल रॉय ने देखा और पूछा कि क्या वह फिल्में करने के लिए तैयार है तो आशा जी का जवाब हां था।
छोटी उम्र मे ही उन्होंने काम करना शुरू किया था। साल 1952 में फिल्म मां से उन्होंने चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर काम किया। हालांकि साल 1959 में उन्होंने एक्ट्रेस के तौर पर फिल्म ‘गूंज उठी शहनाई’ डेब्यू करने का फैसला लिया लेकिन फिल्म मेकर विजय भट्ट ने यह कहकर उन्हें रिजेक्ट कर दिया कि वो स्टार मटीरियल नहीं हैं। इसके 8 दिन बाद फिल्म प्रोड्यूसर सुबोध मुखर्जी और राइटर व डायरेक्टर नासिर हुसैन ने उन्हें फिल्म दिल देके देखो में साइन किया। फिल्म में वो शम्मी कपूर के साथ नजर आईं और इस फिल्म ने उन्हें रातों-रात एक बड़ा स्टार बना दिया। तब वह 17 साल की थीं।
इसके बाद नासिर हुसैन ने आशा पारेख को 6 और फिल्मों में साइन किया, जिसमें जब प्यार किसी से होता है, फिर वो ही दिल लाया हूं, तीसरी मंजिल, बहारों के सपने, प्यार का मौसम और कारवां शामिल है। इसके अलावा उन्होंने और भी बहुत सी फिल्में की और इंडस्ट्री में उन्होंने अपनी एक अलग पहचान कायम कर दी।
आशा जी ने करीब 90 फिल्मों में काम किया और कई पुरस्कार अपने नाम किए। उन्होंने कई सीरियल्स भी बनाए। उन्हें पद्म श्री, लाइफ़ टाइम अचीवमेंट अवार्ड, जैसे कई सम्मान दिए जा चुके हैं।
लेकिन सक्सेस फुल करियर के बावजूद आशा पारेख ने शादी नहीं की और पूरी जिंदगी अकेले ही काट दी। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि उनकी किस्मत में अकेला रहना लिखा था और वह अकेले बहुत खुश हैं। उन्होंने कहा, 'जिनकी जिंदगी में शादी नहीं लिखी होती उनके पार्टनर का या तो निधन हो जाता है या वो उनका पार्टनर उन्हें अकेला छोड़ देता है।' उन्होंने बताया कि उनके पेरेंट्स हमेशा उनके लिए अच्छा लड़का ढूंढते रहे।
इसका खुलासा अभिनेत्री ने अपनी बायोग्राफी में खुद किया है। यही वजह थी कि आशा पारेख ने अपनी पूरी जिंदगी सिंगल रहकर गुजार दी हालांकि आशा पारेख ने एक शख्स से बेइंतहा प्यार जरूर किया। आशा पारेख डायरेक्टर नासिर हुसैन से प्यार करती थीं लेकिन वो पहले से शादीशुदा थे और उम्र में करीब 15 साल बड़े भी।
एक्ट्रेस ने अपनी बायोग्राफी में खुलासा किया था कि वह अपनी पहली डेब्यू फिल्म के डायरेक्टर नासिर हुसैन को प्यार करती थी। उन्होंने कहा था, 'हां नासिर साहब ऐसे इकलौते इंसान थे जिनसे मैंने प्यार किया। मुझे लगता है कि एक ऑटोबायोग्राफी लिखना बेकार है अगर मैं उन लोगों के बारे में ना लिखूं जो मेरी जिंदगी में मायने रखते थे।'
आशा ने कहा था, 'मैं कभी होम- ब्रेकर नहीं थी। मेरे और नासिर साहब के परिवार के बीच कभी कुछ गड़बड़ नहीं रही।' आशा का उनसे शादी ना करने का एक बड़ा कारण ये था कि वह कभी भी हुसैन साहब को कभी उनके परिवार से दूर नहीं करना चाहती थी। सीधे शब्दों में कहे तो आशा जी किसी दूसरे का घर उजाड़ कर खुद का घर नहीं बसाना चाहती थीं।
उनकी कमाई की बात करें तो आशा पारेख ने लंबा समय इंडस्ट्री में काम किया। अगर उनकी नेटवर्थ की बात करें तो वह 23.5 मिलियन डॉलर के करीब हैं। आशा पारेख इंडस्ट्री में सबसे करीब एक्ट्रेस वहीदा रहमान और हेलेन के हैं जो उनकी बेस्ट फ्रैंड हैं। तीनों एक साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड करती हैं।
इसी के साथ शुत्रघन सिन्हा के साथ भी आशा पारेख का एक किस्सा मशहूर है जब साल 1969 में शत्रुघ्न सिन्हा ने फिल्म 'साजन' से अपनी बॉलीवुड पारी की शुरूआत की थी, जिसमें आशा (Asha Parekh) लीड रोल में थीं। खबरों की मानें तो उस समय फिल्म की शूटिंग के दौरान दोनों के बीच बहस हो गई थी और विवाद इतना बढ़ गया कि आशा ने शत्रुघ्न सिन्हा पर अभद्रता का आरोप लगा दिया था। इस बात से नाराज शत्रुघ्न सिन्हा ने आशा पारेख से कई सालों तक बात नहीं की थी।
कई साल बाद शत्रुघ्न सिन्हा ने इस बारे में बात करते हुए कहा था कि, 'वैसे तो इंडस्ट्री में उनकी सभी कलाकारों से अच्छी बनती थी, मगर उनकी नासमझी की वजह से एक विवाद हो गया था।
आगे उन्होंने कहा था कि ,'साजन' के सेट पर आशा पारेख ने मुझ पर कमेंट किया था जिससे मैं काफी नाराज़ हो गया था। सालों तक मैंने उनसे बात नहीं की। फिल्म 'हीरा' के सेट पर हम अपने-अपने शॉट्स देने के बाद एक-दूसरे से बात नहीं करते थे। वो मुझसे काफी सीनियर थी, मेरी हरकत काफी बचकानी थी। मगर, उन्होंने बाद में मुझसे बहुत अच्छे से बात की। अब हमारे रिश्ते ठीक हैं।'
आशा जी ने एक एक्टर, निर्देशक और प्रोड्यूसर के रूप में सफल काम किया है। वह आज भी इंडस्ट्री में एक्टिव हैं। उनकी अदाकारी को लोग हमेशा याद रखेंगे।
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