दिल की मरीज है तो ऐसे करें प्रैग्नेंसी प्लानिंग!

punjabkesari.in Friday, Mar 03, 2017 - 07:32 PM (IST)

पेरेंटिंग: हर औरत अपनी जिंदगी में एक बार मां बनने का अहसास लेना चाहती है। जब किसी औरत को यह सुख प्राप्त होता है तो उसे अपना खास ध्याल रखने की जरूरत होती है साथ ही प्रोपर डाइट लेनेकी सलाह दी जाती है। अगर किसी महिला को कोई गंभीर बीमारी जैसे दिल से जुड़ी को परेशानी हो तो ऐसी स्थिति में प्रैग्नेंसी प्लानिंग करनी थोड़ी मुश्किल होती है । ऐसे मे डर लगा रहता है कि कहीं बच्चे को इससे कोई खतरा न हो जाएं। अगर आपके साथ भी कुछ ऐसी ही समस्या हो तो एक बार किसी अच्छे डॉक्टर की सलाह लें। 
 
आजकल कई कैसेज ऐसे सुनने को मिलते है, जिनमें नवजात में से कई लाख बच्चे ऐसे है, जो दिल की बीमारी के साथ पैदा होते है। ऐसा इसलिए क्योंकि प्रैग्नेंसी में हार्ट रेट सामान्य से अधिक हो जाता है। जब दिल अच्छे से काम करता है तो ऑक्सीजन और ब्लड गर्भाशय में पल रहे नवजात में जाता है, अगर किसी वजह से कोई गड़बड़ी हो जाएं तो इससे मां और बच्चे दोनों को नुकसान हो सकता है। आइए जानते है कैसे दिल से जुड़ी समस्याएं प्रैग्नेंसी के दिनों में अड़चन बनती है। 


1. प्रैग्नेंसी के दैरान दिल की धड़कने तेज हो जाती है, जिससे ब्लड और ऑक्सीजन की सप्लाई तेजी से होने लगती है। जब बच्चों के अधिक ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है तो वह इससे दिल पर प्रैशर पड़ता है, जो दिल के लिए घातक साबित हो सकता है। इस स्थिति में हार्टबीट को मॉनीटर करने की जरूरत होती है। 

 

2. कई बार ऐसा होता है कि महिलाएं ज्यादा तनाव के कारण हायपरटेंशन और कई बार हाई बीपी की शिकार हो जाती है, जिनका दिल पर काफी गहरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए प्रैग्नेंसी में बीपी और हायपरटेंशन जैसी परेशानियों को छोटी समझकर नजरअंदाज न करें।  

 

3. अगर प्रैग्नेंसी से पहले ही दिल से जुड़ी बीमारी है तो ऐसी स्थिति में समय-समय पर अपने वजन, हार्टबीट,ब्लड प्रैशर और यूरिन टेस्ट करवाती रहे है।    

 

4. उम्र का विशेष ख्याल रखे क्योंकि बढ़ती उम्र में शरीर में बहुत से बदलाव आते है। ऐसे में हार्टबीट से जुड़ी समस्याएं बढ़ जाती है। 

 

5. प्रैग्नेंसी के समय स्मोकिंग और अल्कोहल से परहेज करें। वैसे तो प्रैग्नेंसा वजन बढ़ना आमबात है लेकिन जरूरत से ज्यादा बढ़ गया तो चिंता की बात हो सकती है। 

Punjab Kesari