Pregnancy में कितना होना चाहिए वजन? महिलाएं जान लें जरूरी बातें
punjabkesari.in Sunday, Aug 15, 2021 - 03:03 PM (IST)
गर्भावस्था के समय महिलाओं के शरीर में कई बदलाव होते हैं। इसलिए उन्हें अपनी सेहत का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है। असल में, मां की सेहत सही रहने से ही गर्भ में पल रहा शिशु का बेहतर तरीके से विकास होता है। इस अवस्था में अक्सर महिलाओं के मन में कई सवाल होते हैं। जैसे कि क्या खाएं क्या नहीं। इसके साथ ही इस दौरान वजन बढ़ने की चिंता होती है। चलिए आज हम आपको इस गर्भावस्था में वजन से जुड़ी कुछ खास बातें बताते हैं...
गर्भावस्था में वजन कितना होना सही
गर्भावस्था के समय वजन सही होना बेहद जरूरी है इससे गर्भ में पल रहे शिशु का बेहतर विकास होता है। इसके लिए आपको अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। वे आपको सही वजन दिलाने के लिए डाइट फॉलो करने के बारे में बताएंगे। गर्भावस्था के समय आपका वजन कितना होना चाहिए। यह असल में आपके गर्भधारण करने से पहले के बॉडी मास इंडेक्स पर ही निर्भर करता है।
गर्भावस्था के पहले का बॉडी मास इंडेक्स (BMI) श्रेणी कितना वजन बढ़ाएं
- अगर आपका बॉडी मास 18.5 से कम तो यह कम वजन कहलाएगा। ऐसे में आपको 13-18 किलो बढ़ाने की जरूरत है।
- 18.5 से 24.9 बॉडी मास सामान्य कहलाता है। इसमें आपको 11-16 किलो बढ़ाना चाहिए।
- इसके बाद 25 से 29.9 ज्यादा वजन की श्रेणी में आएगा।
- आखिर में अगर आपका बॉडी मास 30 या उससे ज्यादा है तो आप मोटापे की श्रेणी में आएंगे। ऐसे में आपको अपने डॉक्टर की सलाह से ही वजन को कंट्रोल करना चाहिए।
गर्भावस्था दौरान शरीर के इन अंगों का वजन बढ़ता है
इस अवस्था में वजन बढ़ना एक आम बात है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, गर्भ में पल रहे भ्रूण के विकास के साथ महिलाओं के शरीर का वजन बढ़ने लगता है। इस दौरान न सिर्फ भ्रूण बल्कि आपका गर्भाशय, नाल और दूसरे अंग भी बढ़ने लगते हैं।
गर्भावस्था में वजन कम होने के नुकसान
इस दौरान महिलाओं का बॉडी मास इंडेक्स 18.5 से कम होना कम वजन कहलाता है। ऐसे में यह शिशु के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
. मां का वजन कम होने से गर्भपात का अधि खतरा रहता है।
. शिशु का जन्म 9 महीने या 37 हफ्तों से पहले हो सकता है। इसे प्रीमैच्योर बर्थ कहते हैं।
. इसके कारण जन्म के समय शिशु का वजन 2.5 किलो से कम हो सकता है। ऐसे में बच्चा कमजोर होगा।
. एक्सपर्ट्स के अनुसार, कम वजन वाले शिशु को अक्सर स्तनपान करवाने में भी समस्या आती है।
. शिशु कमजोर होने से भविष्य में कई तरह की बीमारियों का शिकार हो सकता है।
. शिशु के शारीरिक व मानसिक विकास में बाधा आ सकती है।
गर्भावस्था में वजन बढ़ाने के टिप्स
. इसके लिए आपकी डॉक्टर आपको प्रोटीन सप्लीमेंट्स खाने की सलाह दे सकती है।
. सूखे मेवों का सेवन करें।
. डेली डाइट में पीनट बटर शामिल करें।
. दूध, दही, पनीर आदि डेयरी प्रोडक्ट्स संतुलित मात्रा में खाएं।
. ताजी हरी सब्जियां, फल का सेवन करें। आप इन्हें सलाह, जूस व सूप की तरह डेली डाइट में शामिल कर सकती है।
. खाने में फाइबर से भरपूर चीजों का सेवन करें।
गर्भावस्था में वजन ज्यादा होने के नुकसान
एक्सपर्ट्स के अनुसार, गर्भावस्था दौरान वजन कम होने की तरह इसका बढ़ा होना भी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। बता दें, अगर गर्भधारण करने से पहले आपका बॉडी मॉस इंडेक्स 25 से ज्यादा है तो समज जाए कि आपका वजन अधिक है। इसलिए गर्भधारण करने से पहले आपको अपना वजन कंट्रोल करना चाहिए। चलिए जानते हैं गर्भावस्था में वजन ज्यादा होने के मां और शिशु को होने वाले नुकसान
. गर्भावस्था दौरान वजन बढ़ा हुआ होने से उच्च रक्तचाप यानि जेस्टेशनल हाइपरटेंशन की समस्या हो सकती है।
. इस दौरान महिलाओं को टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा रहता है।
. मोटापे के कारण सिजेरियन डिलीवरी का खतरा अधिक रहता है। साथ ही सी-सेक्शन के बाद टांको में संक्रमण होने का खतरा भी रहता है।
. इस दौरान मां को डायबिटीज होने से शिशु के ब्लड शुगर स्तर में कमी और वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है।
. शिशु को हाई कोलेस्ट्रॉल की परेशानी हो सकती है।
. शिशु अधिक मोटा पैदा हो सकता है।
. शिशु की तंत्रिका ट्यूब में दोष जैसे कि स्पाइना बिफिडा हो सकता है। यह एक जन्म दोष है जिसमें शिशु की रीढ़ की हड्डी का विकास सही से नहीं हो पाता है।
गर्भावस्था में वजन कंट्रोल करने के टिप्स
. जंक, ऑयली फूड खाने से परहेज रखें।
. ताजे फल व सब्जियां खाएं।
. संतुलित मात्रा में कार्बोहाइड्रेट्स, फैट और प्रोटीन का सेवन करें।
. रोजाना 30 मिनट तक योगा, सैर व एक्सरसाइज करें। मगर इसके लिए पहले डॉक्टर की सलाह लेना ना भूलें।