टीनएज लड़कियों में होता है वेजाइना से जुड़ा यह रोग, ना करें लक्षणों की अनदेखी

punjabkesari.in Friday, Dec 04, 2020 - 01:53 PM (IST)

पेट के निचले हिस्से में दर्द, पीरियड्स खुलकर ना आना या वेजाइनल झिल्ली में उभार दिख रहा है तो इसे हल्के में ना लें। ये हेमेटोकोलॉज रोग का संकेत हो सकते हैं। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शारीरिक संरचना के कारण मेंस्ट्रुअल बल्‍ड के प्रवाह में रुकावट पैदा होती है और वो वेजाइना में ही भरकर फैल जाता है।

हेमेटोकोलॉज के कारण

हेमेटोकोलॉज का सबसे आम कारण जन्‍मजात अपूर्ण हाइमन है। इसके अलावा यह समस्या ट्रांसवर्स वैजाइनल सेप्‍टम के कारण भी हो सकती है। टीनएज लड़कियों में यह समस्या जेनिटेल ट्रैक्‍ट पर होती हैं। 

PunjabKesari

हेमेटोकोलॉज के लक्षण

हेमेटोकोलॉज से पीड़ित टीनएज लड़कियों में देखे जा सकते हैं लेकिन ज्यादातक मामलों में 13-15 साल की उम्र में प्‍यूबर्टी के बाद लक्षण नजर नहीं आते।

- मेंस्ट्रुएशन शुरू होने में देरी
- लगातार पेट व पीठ के निचले हिस्से में दर्द
- वेजाइनल झिल्ली (Membrane) में उभार
- यूरिन और मल त्‍याग में दिक्कत
- यूरिन रिटेंशन
- प्राथमिक अमेनोरिया

PunjabKesari

शरीर के इन हिस्सों में डालता है असर?

इसके कारण पीरियड्स ब्लड वेजाइना में इकट्टा होकर फैल जाता है, जिससे यूरेथ्रा, आंतों, ब्‍लैडर और पेल्विक मसल्‍स पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है। वहीं लंबे समय इलाज ना मिल पाने पर इससे यूरिन रिटेंशन और बार-बार कब्‍ज की समस्‍या भी हो सकती है।

हेमेटोकोलॉज की जांच

सोनोग्राफी द्वारा हेमेटोकोलॉज को डायग्नोस किया जाता है लेकिन अगर इससे बीमारी स्‍पष्‍ट ना हो तो डॉक्‍टर पेल्विक एरिया की MIR स्‍कैन करते हैं।

हेमेटोकोलॉज का इलाज

स्थिति के हिसाब से डॉक्टर सर्जरी की सलाह देते हैं, जिसे  हाइमेनेक्टॉमी कहा जाता है। इसमें हाइमन/सेप्‍टम में क्रॉस चीरा लगाकर वेजाइना और यूट्रस में जमा मेंस्ट्रुअल बल्‍ड को बाहर निकाल दिया जाता है।

PunjabKesari

अगर टीनएजर लड़कियों में इनमें से कोई भी लक्षण नजर आए तो बिना देरी गाइनकॉलजिस्ट से परमार्श लें, ताकि समय रहते इसका इलाज किया जा सके।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Anjali Rajput

Recommended News

Related News

static