लोग AI को डॉक्टर समझकर बन रहे गंभीर बीमारी का शिकार, फोटो भेजकर पूछ रहे अपनी बीमारी का इलाज

punjabkesari.in Wednesday, Sep 10, 2025 - 10:21 AM (IST)

 नारी डेस्क : आज की डिजिटल दुनिया में तकनीक ने हमारे जीवन के हर पहलू को छू लिया है। खासकर स्वास्थ्य के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने कई क्रांतिकारी बदलाव लाए हैं। भारत में भी लोग AI आधारित हेल्थ ऐप्स और चैटबॉट्स से सलाह लेने लगे हैं। हालांकि, कई बार लोग AI को डॉक्टर की तरह मानकर गंभीर बीमारियों में अपनी जिंदगी दांव पर लगा देते हैं, जो कि खतरनाक साबित हो सकता है। इस लेख में हम जानेंगे कि क्यों AI को डॉक्टर की जगह पर भरोसा करना सही नहीं है, इसके क्या खतरे हो सकते हैं, और हमें कैसे सावधानी बरतनी चाहिए।

AI और स्वास्थ्य 

AI तकनीक हेल्थकेयर में तेजी से उभर रही है। ये ऐप्स और चैटबॉट्स सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं, जैसे सर्दी, जुकाम या हल्की बुखार में सुझाव दे सकते हैं। वे आपकी शिकायतों को समझकर संभावित कारण बताते हैं और सरल घरेलू उपचार सुझाते हैं। लेकिन ध्यान रखें, AI कभी भी मानव डॉक्टर की जगह नहीं ले सकता। AI केवल डेटा और प्रोग्रामिंग के आधार पर सुझाव देता है, जबकि डॉक्टर का अनुभव, जांच और समग्र स्थिति को समझना आवश्यक होता है।

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गंभीर बीमारी में AI पर भरोसा करना क्यों खतरनाक है?

 AI की सलाह सीमित जानकारी पर आधारित होती है। गंभीर बीमारियों जैसे दिल का दौरा, कैंसर, ब्रेन स्ट्रोक आदि में अगर AI से सलाह ली जाए तो गलत निदान हो सकता है। इससे इलाज में देरी होगी, जो जानलेवा हो सकती है। डॉक्टर आपकी पूरी मेडिकल हिस्ट्री, एलर्जी, पहले हुए इलाज को समझकर बेहतर सलाह देते हैं। AI ऐसा नहीं कर सकता। गंभीर लक्षणों को पहचानकर तुरंत अस्पताल पहुंचना जरूरी होता है। AI सलाह देने में देरी कर सकता है या स्थिति को हल्का बताकर समस्या बढ़ा सकता है।  डॉक्टर मरीज को समझकर मानसिक सहारा भी देते हैं, जो AI के लिए संभव नहीं।

भारत में AI को डॉक्टर समझने के पीछे की वजहें

 खासकर ग्रामीण इलाकों में डॉक्टरों की भारी कमी है, लोग AI ऐप्स को ही प्राथमिक विकल्प मान लेते हैं। AI आधारित ऐप्स और चैटबॉट्स मुफ्त या कम कीमत पर उपलब्ध हैं, जिससे लोग इन्हें तुरंत इस्तेमाल करते हैं।  कई लोगों को गंभीर लक्षणों की पहचान नहीं होती, इसलिए वे AI पर भरोसा कर लेते हैं। आज हर चीज ऑनलाइन चाहिए, मेडिकल सलाह भी डिजिटल चैनलों से लेना सामान्य समझा जा रहा है।

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सावधानी कैसे बरतें..AI का सही इस्तेमाल

AI ऐप्स को केवल सामान्य जानकारी और हल्के लक्षणों के लिए उपयोग करें। कोई भी गंभीर या लगातार बढ़ते लक्षण हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। खुद से दवाइयां शुरू न करें, खासकर बिना सही जांच के। हेल्थकेयर प्रोफेशनल की सलाह को प्राथमिकता दें। अपने आसपास के लोगों को भी जागरूक करें कि AI केवल मददगार है, डॉक्टर का विकल्प नहीं।

AI हेल्थ टेक्नोलॉजी ने हमारे लिए कई दरवाजे खोल दिए हैं, लेकिन यह इंसानी डॉक्टर का स्थान कभी नहीं ले सकता। गंभीर बीमारियों में AI पर भरोसा करना आपकी जान के लिए खतरा बन सकता है। इसलिए डिजिटल स्वास्थ्य समाधान का सही और समझदारी से उपयोग करें। जब भी स्वास्थ्य संबंधी कोई गंभीर समस्या हो, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।  


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Content Editor

Priya Yadav

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