हरितालिका तीज के वो चमत्कारी मंत्र जिसे जपते ही हर दुख हर लेते हैं महादेव और पार्वती
punjabkesari.in Tuesday, Aug 26, 2025 - 09:53 AM (IST)

नारी डेस्क: हरितालिका तीज भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। यह व्रत खासकर सुहागिन स्त्रियों और अविवाहित कन्याएं करती हैं। मान्यता है कि इस दिन माता पार्वती ने कठोर तप करके भगवान शिव को अपने पति के रूप में प्राप्त किया था। इस व्रत की कथा सुनने और व्रत करने से अविवाहित कन्याओं को उत्तम वर की प्राप्ति होती है और विवाहित स्त्रियों के पति की दीर्घायु और सुख-समृद्धि बनी रहती है।
हरितालिका तीज की कथा (संक्षेप में)
पौराणिक कथा के अनुसार, जब माता पार्वती ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने की इच्छा जताई, तो उनके पिता हिमवान ने उनका विवाह भगवान विष्णु से करने का निर्णय लिया। यह जानकर माता पार्वती अपनी सखी के साथ जंगल चली गईं और वहां जाकर कठोर तपस्या करने लगीं। उनके कठिन तप से भगवान शिव प्रसन्न हुए और उनके सामने प्रकट होकर कहा, "हे पार्वती! मैं तुम्हारी भक्ति और समर्पण से प्रसन्न हूं। मैं तुम्हारी तपस्या से प्रसन्न होकर तुम्हें अपना अर्धांगिनी बनाने के लिए सहमत हूं।"भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ और माता पार्वती को उनका मनचाहा वर प्राप्त हुआ। तभी से इस दिन को हरतालिका तीज के रूप में मनाया जाता है।
हरतालिका तीज के दौरान जाप करने योग्य मंत्र
भगवान शिव के मंत्र
"ॐ नमः शिवाय": इस मंत्र का जाप भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यह मंत्र शिवजी के शांति, समृद्धि और शक्ति का प्रतीक है।
माता पार्वती के मंत्र
"ॐ गौरीशंकराय नमः" - यह मंत्र माता पार्वती और भगवान शिव की संयुक्त आराधना का मंत्र है। इसका जाप वैवाहिक सुख और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए किया जाता है।
शिव-पार्वती विवाह मंत्र
"ॐ उमामहेश्वराभ्यां नमः" यह मंत्र शिव और पार्वती के दिव्य मिलन और विवाह का प्रतीक है। इसे विशेष रूप से हरतालिका तीज के दिन जपा जाता है।
मृत्युंजय मंत्र
"ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥"
यह मंत्र भगवान शिव के मृत्युंजय रूप की स्तुति करता है और जीवन में दीर्घायु, स्वास्थ्य, और कष्टों से मुक्ति दिलाने में सहायक होता है।
पार्वती पूजन मंत्र
"ॐ पार्वत्यै नमः" इस मंत्र का जाप करके माता पार्वती की कृपा प्राप्त की जाती है, जिससे विवाहित जीवन में सुख और समृद्धि का आगमन होता है।
गणेश मंत्र (पूजा से पहले):
"ॐ गं गणपतये नमः": हर पूजा में सबसे पहले भगवान गणेश की आराधना की जाती है। इस मंत्र का जाप हरतालिका तीज की पूजा से पहले किया जाता है, ताकि पूजा बिना किसी विघ्न के पूर्ण हो।
विशेष उपाय
कथा सुनने के बाद पान, बेलपत्र और पुष्प अर्पित कर मंत्र जप करें। रात्रि में जागरण कर भगवान शिव-पार्वती की स्तुति करें। अगले दिन विधिपूर्वक पूजा अर्चना के बाद व्रत का पारण करें। इन मंत्रों का श्रद्धा और भक्ति से जप करने पर भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इससे जीवन में सुख-शांति, वैवाहिक सामंजस्य और समृद्धि बनी रहती है।