Happy Tips: शादी के बाद हर रिश्ते को करें Enjoy, ससुराल भी बन जाएगा मायका

punjabkesari.in Tuesday, Jan 11, 2022 - 11:55 AM (IST)

यह बात तो हमने कई बार सुनी होगी कि शादी न सिर्फ दो दिलों, बल्कि दो परिवारों को मिलन है। ये दो परिवार जब शादी के माध्यम से जुड़ते हैं, तो  सुख-दुख में समान रूप से भागीदार बनते हैं। इस सब में सबसे जरुरी होता है धैर्य, जितना आप भी ठहराव होगा उतने ही रिश्ते मजबूत होंगे।  परंपरा के मुताबिक हर लड़की को एक दिन अपने मां-बाप का घर छोड़, ससुराल जाना होता है। ये परंपरा तो निभा ली जाती है लेकिन कुछ लड़कियां नए रिश्तों को अपनाने के लिए राजी नहीं हो पाती। 

 

नए वातावरण में Adjust करना काफी मुश्किल

शादी के समय लड़की को ये ही शिक्षा दी जाती है कि लड़के के मां-बाप को अपना मां-बाप समझना है, लेकिन यह मानने में उन्हे सालों लग जाते हैं।  लड़कियां लाख कोशिशों के बाद भी  नई चीजें, नया वातावरण में खुद को Adjust कर ही नहीं पाती। ऐसे हालात में सिर्फ लड़की को कसूरवार ठहराना भी सही नहीं है, उन्हे भी अपने मायके की तरह अतिरिक्त प्यार और देखभाल की जरुरत होती है। इस प्यार के बदौलत ही वो अपने नए घर में सहज महसूस करती है। अगर आप भी नए रिश्ते में बंधने जा रही हैं तो हम आपको सुसराल में सुखी रहने के लिए कुछ हैप्पी टिप्स देने जा रहे हैं। 

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नये रिश्तों का आनंद उठायें

वैसे तो ससुराल वालों को इंप्रेस करना हर लड़की के लिए किसी मुश्किल टास्क से कम नहीं। सबसे पहले तो दिमाग से ये बात निकाल दें कि पति के परिवारवाले आपके लिए गैर हैं। आपको इस बात के लिए  तैयार हो जाये कि अब यही आपका घर और परिवार है और यहीं आपको अपना जीवन हंसी खुशी बिताना है । ऐसे में खुश रहें और ससुराल में मिले नये रिश्तों का आनंद उठायें ।


पति पर ना जताएं हक

घर में आने के बाद हर किसी को समझने के लिए अपने पति की मदद लें। अगर किसी का बर्ताव आपके प्रति सही नहीं है तो उस बारे में उनसे चर्चा करें, वह आपको सही रास्ता दिखा सकते हैं। एक और बात अकसर लड़कियां ये मानने लगती है कि शादी के बाद पति पर बस उनका ही हक है,   उनकी भावनाओं से लेकर उनके पैसों तक पर बस अब आपका हीअधिकार है ये सोच एकदम गलत है।  ​इस मानसिकता के साथ आप कभी ख़ुशहाल जीवन नहीं जी पाएंगी.

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जैसी हैं वैसी ही रहें

घर के बड़े-बुज़ुर्गों के साथ थोड़ी देर बैठें। नननद, देवर, रिश्तेदारों के बच्चे, जो भी आपके हमउम्र हैं, उनसे दोस्तों की तरह ही व्यवहार करें। आप जैसी हैं वैसी ही रहें, ज्यादा दिखावटीपन किसी भी रिश्ते के लिए ठीक नहीं है। अपनी एक आदत बना लें की पहले पूरी बात ध्यान से सुने फिर नपेतुले शब्द में अपनी बात रखे, व्यर्थ के तर्क में न उलझें। ये आदत आपको ज़िन्दगी भर सुखी रखेगी । 

 

मिलजुल कर काम करें

ससुराल की हर बात में कमी निकालना और हर बात मायके वालों से शेयर करना ग़लत है। इसके साथ ही नई बहू के लिए यह समझना बहुत ज़रूरी है कि वह उतनी ही ज़िम्मेदारियां उठाए, जितना वह निभा सकती है। सारी ज़िम्मेदारियां लेकर चिड़चिड़ी होने की बजाय परिवार में बांटना सीखें।  बड़ा निर्णय लेने के पहले पति, सास, ससुर और घर के बड़ों से राय सलाह जरूर करें ।

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सबके साथ अच्छी बॉन्डिंग बनाएं

सास और ससुर के प्रति पहले से गलत धारणा न बनाएं बल्कि उन्हें समझने के लिए वक्त लें। हर वक्त उनसे बात करें और अच्छी बॉन्डिंग बनाएं। सास को मां का दर्जा देंगी तो वो भी बेटी का प्यार आपको जरूर देंगी। ससुर को पिता स्वरूप मानेंगी तो उनका आशीर्वाद हमेशा सिर पर रहेगा। दोस्ती का रिश्ता बनाएंगी तो खुद को अकेला नाहीं पाएंगी। आपको यह समझना होगा कि आपकी शादी स़िर्फ एक पुरुष से नहीं, बल्कि उसके पूरे परिवार से हुई है, तभी आप अपनी जिंदगी को असान बना सकती है। 


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Content Writer

vasudha

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