विश्व का एकमात्र मंदिर, जहां नारी रूप में होती है हनुमान जी की पूजा

punjabkesari.in Tuesday, Apr 23, 2024 - 04:01 PM (IST)

भगवान श्रीराम के भक्त एवं पवनपुत्र हनुमान को बाल ब्रह्मचारी कहा जाता है और शास्त्रों में महिलाओं को उनकी मूर्ति को स्पर्श करना वर्जित है ,लेकिन छत्तीसगढ़ में एक ऐसा भी मंदिर है जहां हनुमान जी को नारी रूप में पूजा जाता है। बिलासपुर जिले में रतनपुर के समीप गिरजाबंध के मंदिर में बजरंगबली की नारीस्वरूप में प्रतिमा स्थापित है और माना जाता है कि यहां दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूरी होती है। 

PunjabKesari
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस मंदिर का इतिहास करीब 10 हजार साल पुराना है। इसका निर्माण स्थापना तत्कालीन राजा पृथ्वी देवजू ने करवाया था। एक समय राजा पृथ्वी को कुष्ठ रोग हो गया। अनेक उपाय किये जाने के बावजूद उनका रोग ठीक नहीं हुआ। तब उन्हें किसी ज्योतिष ने हनुमान जी की पूजा-उपासना करने की सलाह दी। 

PunjabKesari
राजा पृथ्वी ने हनुमान जी की कठिन भक्ति की, जिससे प्रसन्न होकर हनुमान जी ने एक रात स्वप्न में उन्हें दर्शन दिये और कहा कि अपने क्षेत्र में एक मंदिर बनवाने के साथ समीप ही सरोवर खुदवाओ तथा इस सरोवर में स्नान करने से ये कुष्ठ रोग दूर हो जायेगा। ऐसा करने पर राजा रोगमुक्त हो गये। इसके कुछ दिन बाद राजा को हनुमान जी का स्वप्न आया कि सरोवर में एक प्रतिमा अवस्थित है जिसे मंदिर में स्थापित करो। राजा के सेवकों ने सरोवर में प्रतिमा की तलाश की तो उन्हें हनुमान जी की नारी स्वरूप वाली प्रतिमा मिली, जिसे मंदिर में स्थापित किया गया।

PunjabKesari
 कई विशेषताओं को समेटे इस मूर्ति में अछ्वुत चमक है। इसका मुख दक्षिण की ओर है। मूर्ति में हनुमान जी के कंधों पर भगवान राम और लक्ष्मण की झलक है। उनके एक हाथ में माला और दूसरे हाथ में लड्डुओं से भरी थाली है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मंदिर में आने वाले भक्त हजारों मन्नत लेकर आते हैं और इस जगह से वे कभी निराश नहीं होते। लोगों की आस्था और इस मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

vasudha

Recommended News

Related News

static