गुंजन सक्सेना नहीं थी पहली "कारगिल गर्ल", फिल्म पर कोर्समेट ने उठाए सवाल
punjabkesari.in Monday, Aug 24, 2020 - 12:59 PM (IST)
बॉलीवुड की जानी मानी एक्ट्रेस जाह्नवी कपूर की फिल्म गुंजन सक्सेना इन दनों काफी सुर्खियों में छाई हुई है हालांकि इस फिल्म पर कईं सवाल भी खड़े किए गए थे वहीं अब हाल ही में रिटायर्ड फ्लाइट लेफ्टिनेंट श्रीविद्या राजन ने भी इस फिल्में में दिखाए जाने वाले तथ्यों पर कई सवाल खड़े किए हैं।
फिल्म के तथ्यों पर उठाए सवाल
फेसबुक पर एक लंबा पोस्ट शेयर कर श्रीविद्या राजन ने दावा किया है कि उन्होंने एयरफोर्स एकेडमी और हेलिकॉप्टर ट्रेनिंग स्कूल में गुंजन सक्सेना के साथ ट्रेनिंग की थी। खुद को गुंजन सक्सेना की साथी कहने वाली फ्लाइट लेफ्टिनेंट (सेवानिवृत्त) श्रीविद्या राजन ने कहा गुंजन सक्सेना के साथ उधमपुर बेस में मैं भी थी। फिल्म में दिखाए तथ्यों पर सवाल उठाते हुए श्रीविद्दा राजन की मानें तो ,' हम दोनों की पोस्टिंग 1996 में उधमपुर में हुई थी पर फिल्म में यह दिखाया गया कि गुंजन सक्सेना ही उस यूनिट में पोस्ट हुई इकलौती महिला पायलट थीं, क्योंकि हम दोनों हेलिकॉप्टर यूनिट में पोस्ट होने वाली पहली दो महिला पायलट थीं, इसलिए हम नहीं जानते थे कि हेलिकॉप्टर उड़ाने जैसे पुरुष-प्रधान सेक्टर में हमें कुबूल किया जाएगा या नहीं।'
गुंजन सक्सेना इकलौती महिला पायलट नहीं थी
इतना ही नहीं श्रीविद्या राजन के अनुसार फिल्म में यह दिखाया गया कि कारगिल युद्ध में हिस्सा लेने वाली गुंजन सक्सेना इकलौती महिला पायलट थी। इन बातों का खंडन करते हुए गुंजन सक्सेना ने कहा यह बात सच नहीं है क्योंकि कारगिल में लड़ाई होने पर हम दोनों ने एक साथ उधमपुर में पोस्ट किया गया था और श्रीनगर में हमारी यूनिट की सबसे पहली डिप्लॉयमेंट में जाने वाली पहली महिला पायलट मैं थी। इतना ही नहीं उन्होंने आगे कहा कि गुंजन के श्रीनगर पहुंचने से पहले ही, मैं लड़ाई वाले इलाकों में मिशन पर जा चुकी थी। ऑपरेशन के कुछ दिनों बाद जाकर गुंजन सक्सेना श्रीनगर आईं थी। फ़िल्म के अंत में दिखाए गए मुख्य किरदार के कारनामे दरअसल सच नहीं हैं, उसका सहपाठी और एक अच्छा दोस्त होने के नाते, मेरा मानना है कि फिल्म निर्माताओं ने प्रचार के लिए गुंजन द्वारा दिए गए तथ्यों को मोड़ दिया है।'
उन्होंने आगे कहा कि मैनें माना कि यह एक बायॉपिक है और इसलिए मैं चाहती हूं कि फिल्म रिलीज़ होने से पहले गुंजन को इन बातों का ख्याल रखना चाहिए था कि फ़िल्म में दिखाई जाने वाली बातें सच हों और भारतीय एयरफोर्स की गरिमा का ध्यान रखा जाए।