सैलरी में भेदभाव कर रहे Google ने टेके घुटने, अब हर महिला वर्कर को देगा 6 लाख
punjabkesari.in Wednesday, Jun 15, 2022 - 02:54 PM (IST)
नर और नारी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। आज के वैज्ञानिक युग में नारी हर क्षेत्र में पुरुष के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल पाने में सक्षम हो गयी है। लेकिन दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी गूगल अभी भी पुरानी सोच लिए बैठी है, तभी तो वह अपने कर्मचारियों के साथ लिंग के आधार पर भेदभाव कर रही है। इसी जुर्म में अब कंपनी को 920 करोड़ रुपए का भुगतान करना पड़ेगा।
2017 में कंपनी पर लगे थे आरोप
गूगल पर आरोप है कि वह महिला कर्मचारियों के साथ भेदभाव कर उन्हें कम वेतन पर नौकरी पर रखे हुए हैं। यह मामला 2017 में तब उठा था जब चार महिला कर्मचारियों ने कंपनी के खिलाफ केस रजिस्टर्ड कराया था। उनका आरोप था कि उन्हें पुरुषों की तुलना में कम सैलरी दी जा रही थी, जो कैलिफॉर्निया इक्वल पे एक्ट का उल्लंघन था।
15,500 महिला कर्मचारियों को देना होगा भुगतान
महिला कर्मचारी- केली एलिस, होली पीज़, केली विसुरी और हेइडी लैमर ने सैन फ्रांसिस्को के कैलिफोर्निया काउंटी के सुपीरियर कोर्ट में Google के खिलाफ मुकदमा दायर किया था। इसके बाद 15,500 महिला कर्मचरी इस मुकदमे का हिस्सा बन गई। अब कंपनी ने मुकदमे को निपटाने के लिए सहमति भरी है और अब गूगल 15,500 महिला कर्मचारियों को 118 मिलियन डॉलर, यानी 920 करोड़ रुपए का भुगतान करेगी।
हम महिला कर्मचारी को मिलेंगे5.94 लाख रुपए
इस मामले की सुनवाई करने वाले जज ने कहा- महिलाओं को उनकी देय राशि को 21 जून तक पूरा किया जाए। इस समझौते में 14 सितंबर 2013 से गूगल में अलग-अलग 236 पदों पर जॉब करने वाली कैलिफोर्निया की 15,500 महिलाओं को समझौते की राशि दी जाएगी। अब हर महिला को लगभग 7,612 डॉलर, यानी 5.94 लाख रुपए का मुआवजा मिलेगा।
गूगल पर लगे कई आरोप
महिला कर्मचारियों की मानें तो गूगल कंपनी महिला और पुरुष को योग्यता और अनुभव के आधार पर नहीं, बल्कि जेंडर के आधार पर सैलरी दे रही थी। गूगल एक महिला कर्मचारी को हर घंटे के $ 18.51 देती थी, जबकि एक ही पद पर नौकरी करने वाले कम एक्सपीरिएंस और योग्यता वाले पुरुष को $ 21 हर घंटे का भुगतान किया जा रहा था। पहले गूगल ने इन तमाम आरोपों को खारिज कर दिया था, मगर अब इस मामले में वह 118 मिलियन डॉलर देने के लिए राजी हो गया है