जस्टिस पॉलिसी रिसर्च की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा: दुनियाभर की जेलों में महिला कैदियों की हालत बेहद चिंताजनक

punjabkesari.in Sunday, Nov 30, 2025 - 11:32 AM (IST)

नारी डेस्क:  इंस्टीट्यूट फॉर क्राइम एंड जस्टिस पॉलिसी रिसर्च (ICPR) और पीनल रिफॉर्म इंटरनेशनल द्वारा जारी ताज़ा रिपोर्ट ने दुनियाभर की जेलों में महिलाओं की स्थिति को लेकर हैरान करने वाली तस्वीर पेश की है। रिपोर्ट में पाया गया है कि महिला कैदियों को न सिर्फ अमानवीय परिस्थितियों में रहना पड़ता है बल्कि उन्हें यौन हिंसा, शोषण और जबरदस्ती जैसी समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है।

पुरुषों की तुलना में तीन गुना तेजी से बढ़ रहीं महिला कैदी

रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2000 से अब तक दुनियाभर की जेलों में कुल कैदियों की संख्या में 57% की बढ़ोतरी हुई है। लेकिन चिंता की बात यह है कि इसी अवधि में महिला कैदियों की संख्या पुरुषों की तुलना में तीन गुना तेजी से बढ़ी है। जहां कुल कैदी आबादी में 22% की वृद्धि देखी गई, वहीं महिला कैदियों की संख्या में लगभग 60% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यह रफ्तार वैश्विक स्तर पर महिलाओं से जुड़े अपराधों और उनकी सामाजिक कमजोरियों की ओर इशारा करती है।

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पूरी दुनिया में 10 लाख से अधिक महिलाएं कैद — भारत छठे स्थान पर

रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर की जेलों में इस समय 10 लाख से ज्यादा महिलाएं बंद हैं। यह संख्या पिछले 10 वर्षों में लगातार और तेजी से बढ़ी है। सभी देशों में अमेरिका सबसे ऊपर है जहाँ सबसे अधिक महिला कैदी हैं। इसके बाद चीन, ब्राज़ील, फिलीपींस और तुर्किये आते हैं। भारत इस सूची में छठे स्थान पर है, जो यह दर्शाता है कि देश में भी महिला कैदियों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

महिलाएं क्यों करती हैं अपराध? गरीबी और परिवार की मजबूरी बड़ी वजह

रिपोर्ट बताती है कि महिलाओं द्वारा किए जाने वाले अधिकतर अपराध सीधे-सीधे गरीबी और पारिवारिक जिम्मेदारियों से जुड़े होते हैं। कई महिलाएं अपने बच्चों या परिवार को खाना खिलाने, कर्ज चुकाने या रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने के लिए छोटे-मोटे अपराधों की ओर धकेली जाती हैं। इसके अलावा कई देशों में ऐसे पुराने और कठोर कानून अभी भी मौजूद हैं जो महिलाओं को अधिक प्रभावित करते हैं जैसे अबॉर्शन, एडल्टरी (विवाहेतर संबंध), यौन व्यवहार, और प्रॉस्टिट्यूशन से जुड़े कानून। कई बार छोटी-सी गलती पर लगने वाला जुर्माना भर न पाने या जमानत के पैसे न होने की वजह से भी महिलाएं महीनों या सालों तक जेलों में पड़ी रहती हैं।

जेलों में महिलाओं को मिलती हैं बेहद कठिन और अमानवीय परिस्थितियां

रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि महिला कैदियों को जेलों में उनकी बुनियादी जरूरतें भी ठीक से उपलब्ध नहीं कराई जातीं। उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं, स्वच्छता, पीरियड्स की जरूरतों और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी सुविधाओं का अभाव झेलना पड़ता है। सबसे गंभीर मुद्दा है यौन हिंसा और शारीरिक शोषण, जिसे कई महिला कैदी नियमित रूप से झेलने को मजबूर हैं। रिपोर्ट के अनुसार यह स्थिति आज विश्वभर में एक गंभीर मानवाधिकार संकट बन चुकी है।

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महिला कैदियों की स्थिति सुधारने की urgent ज़रूरत

यह रिपोर्ट दुनिया की सरकारों और जेल प्रशासन के लिए एक बड़ा संकेत है कि महिला कैदियों की सुरक्षा, गरिमा और बुनियादी आवश्यकताओं पर तुरंत ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। जरूरत है ऐसे सुधारों की, जो महिलाओं को न्यायपूर्ण व्यवहार, सुरक्षित माहौल और पुनर्वास के बेहतर अवसर प्रदान करें।  


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Content Editor

Priya Yadav

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