गाय का दूध पीने से हो सकती है टाइप-1 डायबिटीज! जानिए क्या कहते हैं डॉक्टर्स
punjabkesari.in Monday, Aug 18, 2025 - 10:32 AM (IST)

नारी डेस्क: गाय का दूध भारतीय घरों में रोज़ाना इस्तेमाल होता है और इसे सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है। इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, और कई ज़रूरी पोषक तत्व होते हैं। लेकिन कुछ रिसर्च में यह सवाल उठाया गया है कि क्या गाय के दूध का प्रोटीन छोटे बच्चों में टाइप-1 डायबिटीज का खतरा बढ़ा सकता है? आइए जानें एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं।
गाय का दूध और टाइप-1 डायबिटीज में क्या संबंध है?
टाइप-1 डायबिटीज एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम गलती से अपनी ही इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं पर हमला कर देता है। इसकी वजह से शरीर इंसुलिन बनाना बंद कर देता है। डॉक्टरों के मुताबिक, इसकी कई वजह हो सकती हैं जैसे परिवार में डायबिटीज का इतिहास, वायरस संक्रमण, कुछ खास पर्यावरणीय कारण और संभावना यह भी है कि कुछ बच्चों में गाय के दूध का प्रोटीन ट्रिगर का काम कर सकता है।
डॉक्टर्स की क्या राय है?
“कुछ शोध बताते हैं कि गाय के दूध का प्रोटीन कुछ बच्चों के इम्यून सिस्टम को इस तरह एक्टिव कर सकता है कि वह गलती से पैनक्रियास की इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं पर अटैक कर दे। लेकिन इस बारे में अभी तक कोई पक्की या ठोस रिसर्च नहीं है।” यानी, ये एक संभावना है, लेकिन इसका कोई निश्चित सबूत अभी तक नहीं मिला है।
गाय के दूध में कौन से प्रोटीन होते हैं?
गाय के दूध में मुख्य रूप से दो तरह के प्रोटीन होते हैं
कैसीन (Casein)
व्हे (Whey)
ये दोनों ही प्रोटीन सामान्यत: सुरक्षित होते हैं। लेकिन जिन बच्चों का इम्यून सिस्टम ज्यादा संवेदनशील होता है या जिनमें खास जेनेटिक बदलाव होते हैं, उनमें ये प्रोटीन इम्यून रिएक्शन पैदा कर सकते हैं। यही इम्यून रिएक्शन टाइप-1 डायबिटीज की एक वजह बन सकता है।
छोटे बच्चों में क्यों ज्यादा ध्यान देने की ज़रूरत है?
जो बच्चे बहुत छोटे होते हैं (जिनका पाचन और इम्यून सिस्टम पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ होता), अगर उन्हें जल्दी गाय का दूध या उससे बना फॉर्मूला मिल जाता है, तो उनमें यह रिस्क थोड़ा बढ़ सकता है। इसीलिए डॉक्टर पहले 6 महीने तक सिर्फ मां का दूध देने की सलाह देते हैं।
मां का दूध
बच्चे की इम्यूनिटी बढ़ाता है। बीमारियों से लड़ने में मदद करता है और भविष्य की कई स्वास्थ्य समस्याओं से बचाता है।
बड़े बच्चों और बड़ों के लिए क्या यह चिंता की बात है?
बिलकुल नहीं। अगर कोई बच्चा बड़ा हो गया है या आप वयस्क हैं, तो संतुलित मात्रा में गाय का दूध पीने से टाइप-1 डायबिटीज का खतरा नहीं होता। लेकिन यदि किसी को दूध से एलर्जी है या लैक्टोज इन्टॉलरेंस है, तो ज़रूर सतर्क रहना चाहिए।
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दूध कितनी मात्रा में पीना चाहिए?
सामान्य तौर पर, एक वयस्क के लिए रोज़ाना 1-2 गिलास दूध या उतनी ही मात्रा में दही/पनीर लेना सुरक्षित है।
बहुत अधिक दूध पीने से
वजन बढ़ सकता है
पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं
या डाइट में ज्यादा सैचुरेटेड फैट आ सकता है
ध्यान रखें: दूध से डायबिटीज नहीं होती, लेकिन किसी भी चीज़ की अति से नुकसान हो सकता है।
गाय का दूध पोषण से भरपूर है और ज़्यादातर लोगों के लिए फायदेमंद होता है। कुछ रिसर्च में संकेत मिला है कि गाय के दूध का प्रोटीन कुछ छोटे बच्चों में टाइप-1 डायबिटीज का जोखिम बढ़ा सकता है, लेकिन इस पर अभी और शोध की ज़रूरत है। इसलिए छोटे बच्चों को शुरुआती 6 महीने सिर्फ मां का दूध देना सबसे अच्छा है। बड़े बच्चों और वयस्कों के लिए संतुलित मात्रा में दूध पूरी तरह सुरक्षित है। याद रखें: कोई भी आहार हेल्दी तभी माना जाता है जब उसे संतुलन में लिया जाए।
अगर आप या आपके बच्चे को दूध पीने के बाद कोई समस्या होती है, तो डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।