तपती धूप से लाल दानों से भर गया है शरीर, तो ये काम करते ही घमौरिया हो जाएगी छूमंतर
punjabkesari.in Thursday, Jun 12, 2025 - 02:07 PM (IST)

नारी डेस्क: गर्मी की लहर (Heatwave) के दौरान न सिर्फ शरीर अंदर से थकता है, बल्कि त्वचा भी इसकी चपेट में आ जाती है। तेज़ गर्मी, पसीना और धूप मिलकर त्वचा पर कई प्रकार की एलर्जी, रैशेज और जलन पैदा कर सकते हैं। गर्मियों में पसीने की वजह से त्वचा पर होने वाले छोटे-छोटे लाल दाने, जलन और खुजली को घमौरियां या हीट रैश कहते हैं। ये आमतौर पर गर्दन, पीठ, बगल और छाती पर ज्यादा होते हैं। हालांकि यह गंभीर बीमारी नहीं है, लेकिन बहुत असहज और परेशान करने वाली होती है। आज आपको बताते हैं कुछ असरदार घरेलू उपाय जो घमौरियों से राहत दिला सकते हैं:

क्यों होता है घमौरियां
जब पसीना बाहर नहीं निकल पाता और पसीने की ग्रंथियां बंद हो जाती हैं, तो त्वचा पर छोटे-छोटे लाल दाने निकल आते हैं। कुछ लोगों की त्वचा धूप के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होती है। हल्की धूप में भी लालिमा, जलन, खुजली या चकत्ते हो सकते हैं।
घरेलू नुस्खे
चंदन (Sandalwood Powder): चंदन पाउडर में गुलाब जल मिलाकर पेस्ट बनाएं और प्रभावित जगह पर लगाएं। इससे ठंडक पहुंचाती है, यह जलन और खुजली कम करता है।
नीम की पत्तियां: नीम की पत्तियों को पानी में उबालें, ठंडा करें और उससे नहाएं। या नीम पेस्ट बनाकर दानों पर लगाएं। इसके एंटीबैक्टीरियल गुण त्वचा को संक्रमण से बचाते हैं।
बेकिंग सोडा: एक टब पानी में 1-2 चम्मच बेकिंग सोडा डालकर 10-15 मिनट तक बैठकर स्नान करें। यह त्वचा को शांत करता है, खुजली में राहत देता है।
एलोवेरा जेल: ताज़ा एलोवेरा जेल सीधे घमौरियों पर लगाएं। यह जलन कम करता है और स्किन को हील करता है।
मुल्तानी मिट्टी: मुल्तानी मिट्टी में गुलाब जल मिलाकर पेस्ट बनाएं और त्वचा पर लगाएं। इससे त्वचा को ठंडक प्रदान होती है और घमौरियों से राहत मिलती है।
ठंडे पानी की पट्टियां: साफ सूती कपड़े को ठंडे पानी में भिगोकर प्रभावित स्थान पर रखें। इससे जलन कम होती है।

घमौरियों से बचने के लिए क्या करें और क्या न करें
करें:
-सूती और ढीले कपड़े पहनें
-पसीने वाले हिस्से को साफ और सूखा रखें
- खूब पानी पिएं
- रोजाना 2 बार ठंडे पानी से स्नान करें
न करें
-कॉस्मेटिक या क्रीम का ज्यादा इस्तेमाल न करें
-खुजलाने से बचें – इससे संक्रमण हो सकता है
-टाइट कपड़े न पहनें
यह लोग होते हैं ज्यादा प्रभावित
-बच्चे और बुजुर्ग
- तैलीय या संवेदनशील त्वचा वाले लोग
- जिनकी स्किन पहले से एलर्जिक है
-ज्यादा पसीना आने वाले लोग
*-खुली धूप में काम करने वाले (जैसे मजदूर, किसान, ट्रैफिक पुलिस आदि)