वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ बंद हुए गंगोत्री धाम के कपाट, भैयादूज पर मायके पहुंचेगी मां गंगा

punjabkesari.in Wednesday, Oct 22, 2025 - 01:12 PM (IST)

नारी डेस्क: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बने पवित्र मां गंगा मंदिर गंगोत्री धाम के कपाट बुधवार पूर्वाह्न 11 बजकर 36 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। धार्मिक परम्परा के अनुसार अत्रकूट त्योहार पर वैदिक मंत्रोच्चारण और कपाट बंदी की प्रक्रिया सुबह चार बजे शुरू हुई। मुख्य पुरोहित, हक हुक्कधारी, वेद पाठी और विद्वजनों की उपस्थिति में प्रारंभ हुई यह प्रक्रिया पूर्वाह्न सम्पन्न हुई।

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पुलिस सुरक्षा के बीच आज मां गंगा की डोली ढोल-दमाऊ, आर्मी बैंड और मां गंगा के जय-जयकारों के साथ गंगोत्री से मुखबा गांव के लिए रवाना हुई। मां गंगा का रात्रि विश्राम आज मां चंडी देवी (मार्कण्डेय पूरी) मन्दिर में होगा। कल मां गंगा की उत्सव डोली भैयादूज के पर्व पर अपने मायके मुखबा (मुखीमठ) पहुंचेगी।  अब गुरुवार से श्रद्धालुजन शीतकाल में मुखवा स्थित श्री गंगा मंदिर में दर्शन, पूजन कर सकेंगे।  

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गंगोत्री धाम उत्तरकाशी ज़िले में भागीरथी नदी के तट पर स्थित है। सर्दियों में यहां भारी बर्फबारी होती है, इसलिए अक्टूबर-नवंबर में दिवाली के आसपास कपाट बंद कर दिए जाते हैं।  इसके बाद मां गंगा की मूर्ति (प्रतिमा) को मुखबा गांव ले जाया जाता है, जो गंगोत्री से लगभग20 किलोमीटर नीचे स्थित है। वहीं पर अगले 6 महीनों तक पूजा-अर्चना की जाती है और श्रद्धालु वहां जाकर दर्शन करते हैं।  फिर अगले वर्ष अक्षय तृतीया के दिन, मां गंगा की डोली पुनः गंगोत्री मंदिर लाई जाती है और कपाट फिर से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाते हैं। भैयादूज के अवसर पर केदारनाथ धाम के कपाट भी शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। 


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vasudha

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