जोड़ों के दर्द से मिलेगा आराम, डाइट में शामिल करें ये 5 Foods
punjabkesari.in Wednesday, Sep 20, 2023 - 10:22 AM (IST)
बढ़ती उम्र के साथ जोड़ों में दर्द वैसे तो आम बात है परंतु कई बार यह इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि व्यक्ति परेशान हो जाता है। पहले जहां सिर्फ बढ़ती उम्र में बुजुर्ग ही दर्द से परेशान होते थे आज कई युवा लोग भी दर्द से जुझते हैं। खाने-पीने में पोषक तत्वों की कमी, खराब लाइफस्टाइल, मोटापा और एक्सरसाइज न करने के कारण यह दर्द हो सकता है। इससे बचने के लिए सभी कई तरह की दवाईयों का सेवन करते हैं परंतु ज्यादा दवाईयां शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है। ऐसे में दर्द दूर करने के लिए आप डाइट में कुछ फूड्स शामिल कर सकते हैं। आइए जानते हैं...
हरी पत्तेदार सब्जियां
जोड़ों का दर्द दूर करने के लिए आप हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन कर सकते हैं। इनमें कैल्शियम, विटामिन-के और मैग्नीशियम जैसे कई सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। इसके अलावा यह जोड़ों में सूजन वाले एंजाइम को बनने से भी रोकती हैं जिससे जोड़ों में सूजन कम होती है। पालक, ब्रोकली, पत्तागोभी, केले का सेवन आप कर सकते हैं।
बादाम
चिया सीड्स, बादाम और अलसी के बीजों में भरपूर मात्रा में कैल्शियम, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस मौजूद होता है यह पोषक तत्व हड्डियों को फैट देते हैं और उन्हें स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। अलसी के बीज, चिया सीड्स, बादाम खाने से आपको दर्द से काफी राहत मिलेगी।\
कैल्शियम से भरपूर फूड्स
दर्द से राहत पाने के लिए आप कैल्शियम से भरपूर फूड्स को अपनी डाइट का हिस्सा बना सकते हैं। यह हड्डियों के निर्माण में सहायता देने के साथ-साथ हड्डियों को मजबूती भी देते हैं। दूध, दही, पनीर जैसी चीजों को आप अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
साबुत अनाज
यह शरीर के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है इसका सेवन करने से शरीर में फैटी एसिड का उत्पादन कम होता है जिससे सूजन से लड़ने में मदद मिलती है। ब्राउन राइस, क्विनोआ, साबुत गेहूं का सेवन आप कर सकते हैं।
मछली
मछली और मछली के तेल में विटामिन-डी और ओमेगा-3 फैटी एसिड मौजूद होता है जो आंतों में कैल्शियम अब्जॉर्ब करने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इससे हड्डियों में मजबूती बनती है। मछली के तेल में कुछ ऐसे तत्व भी पाए जाते हैं जो सूजन दूर करने में मदद करते हैं। यह हड्डियों को होने वाले नुकसान और फ्रैक्चर का जोखिम कम करके इन्हें स्वस्थ बनाने में मदद करते हैं।