Blindness Week 2020: इन टिप्स को फॉलो कर रखें आंखों का ख्याल

punjabkesari.in Tuesday, Apr 07, 2020 - 10:00 AM (IST)

हमारी डेली में बदलाव का सीधा असर सेहत पर पड़ता है। इसके साथ ही सही और पौष्टिक आहार न खाने से शरीर के साथ आंखों की रोशनी भी कमजोर होने लगती है। इसी कारण आज के समय में कम उम्र के बच्चों को भी चश्मे लग रहें हैं। ऐसे में इस गंभीर विषय पर सोचने की जरूरत है। इसलिए आंखों की रोशनी के बारे में जागरूक रखने के लिए हर साल 1 अप्रैल से 7 अप्रैल तक ब्लाइंडनेस वीक के तौर पर मनाया जाता है। इस वीक में आंखों से संबंधित परेशानियों या बीमारियों से बचाव पर ध्यान दिया जाता है। तो आइए आज हम आपको बताते हैं आंखों की देखभाल से जुड़ी खास बातें...

 

खान-पान का रखें ध्यान

सेहतमंद रहने के लिए अच्छी डाइट लेना बेहद जरूरी है। ताकि इम्यून सिस्टम स्ट्रांग हो और बीमारियों के लगने का खतरा कम रहें। ऐसे में आंखों की देखभाल के लिए  विटामिन- सी, ई, ओमेगा- 3 फैटी एसिड आदि पौषक तत्वों से भरपूर चीजों का सेवन करा चाहिए। इसलिए रोजाना हरी सब्जियां, दाल, दलिया, अंडे, डायरी प्रोडक्ट्स, मछली, नट्स, घी, विटामिन-सी युक्त फल आदि का सेवन करें।

PunjabKesari

धूम्रपान से बनाएं दूरी

धूम्रपान करने से फेफड़ों के साथ आंखों पर नुकसान पहुंचता हैं। रिसर्च के मुताबिक, धूम्रपान यानी स्मोकिंग करने से ड्राई आई, मैक्यूलर डिजनरेशन, डायबिटिक रेटिनोपैथी, आई सिंड्रोम और मोतियाबिंद जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में आंखों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए धूम्रपान न करने में ही भलाई है।

सूरज की तेज किरणों से करें बचाव

सूरज की यूवी किरणें त्वचा के साथ आंखों पर भी बुलाया असर डालती हैं। इन तेज पराबैंगनी किरणों के आंखों में पड़ने पर मैक्यूलर डिजनरेशन और मोतियाबिंद होने का खतरा होता है। ऐसे में इनसे बचने के लिए यूवी प्रोटेक्टर चश्मे का इस्तेमाल करें।

PunjabKesari

इलैक्ट्रोनिक चीजों का कम करें इस्तेमाल

मोबाइल फोन, टीवी, लैपटॉप, कंप्यूटर आदि चीजों को ज्यादा यूज करने से आंखों पर बुरा प्रभाव पड़ता हैं। आंखों की रोशनी धुंधली पड़ती हैं। इसके साथ ही सिरदर्द और बॉडी पेन की शिकायत होती हैं। अगर अगर आपको लैपटॉप पर ज्यादा काम रहता है तो एंटी-ग्लेयर स्क्रीन यूज करें। साथ ही हर 2 घंटे में 15-20 मिनट का ब्रेक लें।

समय पर आंखों का चैकअप

आंखों की अच्छे से देखभाल करने के लिए समय-समय पर इसकी जांच करवाते रहें। इसतरह आंखों की रोशनी का पता चलता रहेगा। इसके साथ ही कोई परेशानी होने पर जल्दी इलाज संभव होगा।

PunjabKesari


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Anjali Rajput

Recommended News

Related News

static