बच्चों की रीढ़ की हड्डी को नुकसान पहुंचाती हैं ये आदतें, पेरेंट्स अपनाएं ये टिप्स
punjabkesari.in Saturday, Oct 16, 2021 - 04:47 PM (IST)
गलत लाइफस्टाइल के कारण आज कम उम्र के बच्चे भी बीमारियों की चपेट में आ रहें हैं। इसके साथ ही बच्चों में भी रीढ़ की हड्डी से जुड़ी परेशानियां देखने को मिल रही है। इसके पीछे का मुख्य कारण गलत पोस्चर, आलस और मोटापा माना जा सकता है। इसके कारण बच्चों में तेजी से कमर दर्द व पोस्चर खराब होने की परेशानी बढ़ रही है। ऐसे में आज वर्ल्ड स्पाइन डे के खास अवसर पर हम आपको बच्चों की स्पाइन हेल्थ खराब होने की उनकी कुछ गलत आदतें व इससे बचने के उपाय बताते हैं। ताकि उनकी रीढ़ की हड्डी एकदम स्वस्थ रहे।
चलिए जानते हैं बच्चों में रीढ़ की हड्डी को नुकसान पहुंचाने वाली वो आदतें
लेटकर वीडियो गेम खेलना
अक्सर बच्चे बेड या सोफा पर लेटकर वीडियो गेम खेलते या फोन चलाते हैं। मगर इससे शरीर का पोस्चर खराब होने लगता है। एक्सपर्ट के अनुसार, पेरेंट्स को शुरु से ही बच्चों की इन आदतों पर ध्यान देना चाहिए। नहीं तो आगे चलकर बच्चे को कम उम्र में ही कमर दर्द की समस्या हो सकती है।
झुककर मोबाइल और कंप्यूटर का इस्तेमाल करना
अगर आपके बच्चे झुककर मोबाइल और कंप्यूटर का इस्तेमाल करते हैं उन्हें ऐसा करने से टोके। इससे उन्हें गर्दन दर्द की समस्या हो सकती है। इसके साथ ही इससे गलत गलत पोस्चर से जुड़े रोग हो सकते हैं।
भारी स्कूल बैग भी एक कारण
बच्चों द्वारा भारी स्कूल बैग पकड़ना भी रीढ़ की हड्डी को नुकसान पहुंचाने का काम करता है। इससे उन्हें कम व पीठ दर्द की शिकायत हो सकती है। दरअसल, पीठ पर भारी स्कूल बैग लादकर चलने से हड्डियों पर जोर पड़ता है। ऐसे में बच्चे को दर्द व परेशानी का एहसास होता है।
पेट के बल घंटों लेटना
कई बच्चों को पेट के बल लेट पर पढ़ने की आदत होती है। मगर ये आदत उनका शारीरिक पोस्चर खराब करने को बढ़ावा देती है। इससे गर्दन में दर्द, अकड़न हो सकती है। इसके साथ ही ऐसे पढ़ने से आंखों में दर्द महसूस होता है। ऐसे में पेट के बल लेटकर पढ़ने से बच्चों की आंखें खराब होने का भी खतरा रहता है।
एक्सरसाइज ना करना
मोबाइल, कंप्यूटर का दौर होने से बच्चे घंटों इन्हीं से चिपके रहते हैं। ऐसे में वे योगा, एक्सरसाइज या बाहर जाकर खेलना आदि कोई फिजिकल एक्टिविटी नहीं करते हैं। मगर ऐसा करने से बच्चों की इम्यूनिटी बूस्ट नहीं होती है। इसके साथ ही बच्चों में मोटापा, डायबिटीज आदि का खतरा तेजी से बढ़ता है।
आप अपने बच्चे की रीढ़ की हड्डी हेल्दी रखने के लिए कुछ टिप्स अपना सकती है...
बैठ कर टीवी देखें या गेम्स खेलें
पेरेंट्स का फर्ज बनता है कि वे बच्चों की एक्टिविटी पर ध्यान दें। ऐसे में वे जब भी टीवी देखें या गेम्स खेलें तो उन्हें लेटने ना दें। बच्चे को बैठकर ही टीवी देखें या गेम्स खेलें के लिए कहें। आप उन्हें पीठ के बल लेटकर काम करने के नुकसान भी बता सकते हैं। इसके साथ ही बच्चे को बेड या सोफा पर अच्छे से पैर मोड़ कर एक सही मुद्रा में बैठना सिखाएं।
बच्चों से फिजिकल एक्टिविटीज करवाएं
बच्चे को रोजाना 30 मिनट योगा या एक्सरसाइज करवाएं। आप उन्हें हल्के-फुल्के योगा, रनिंग, रस्सी कूदना आदि करवा सकती है। इसके साथ ही उन्हें बाहर खेलने को कहें। इससे उनके पूरे शरीर में हलचल होगी। ऐसे में उनका पोस्चर एकदम सही रहेगा। साथ ही इम्यूनिटी बढ़ेगी। ऐसे में बच्चे का बेहतर शारीरिक विकास होगा। इसके अलावा इससे उसका मूड भी सही रहेगा। इसतरह बच्चे को तनाव होने से बचाव रहेगा।
डाइट का रखें ध्यान
बच्चे के बेहतर शारीरिक व मानसिक विकास के लिए उसे विटामिन्स, मिनरल्स व एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर चीजें खिलाएं। बच्चे की डेली डाइट में डेयरी प्रोडक्ट शामिल करें। इससे उनकी हड्डियों में मजबूती आएगी। बच्चे को हरी सब्जियां, फल, अंकुरित अनाज, ड्राई फ्रूट्स आदि खिलाएं। इससे उनकी इम्यूनटी बढ़ेगी और बेहतर विकास होगा। इसके अलावा मोटापा व बीमारियों से सुरक्षित रखने के लिए बच्चे को जंक, अनहेल्दी व फैटी फूड ना खिलाएंय़
बच्चे का स्कूल बैग हल्का करने की कोशिश करें
बच्चे का स्कूल बैग ऐसा खरीदें जो हल्की सामग्री का हो। इसके अलावा बच्चे के टाइम टेबल के हिसाब से किताबें व कॉपियां रखें। इससे उनकी रीढ़ की हड्डी सही रहेगी। मांसपेशियों में खिंचाव नहीं होगा। ऐसे में वे एकदम फिट एंड फाइन रहेंगे। इसके साथ ही पेरेंट्स इस बात का ध्यान रखें कि बच्चा कभी भी स्कूल को पकड़ने के लिए दोनों कंधों का इस्तेमाल करें। इसके अलावा बच्चे को सिखाएं की वे क्लास में बैठते समय दोनों पैरों को जमीन पर एकदम टिका कर रखें।इससे उसका शारीरिक पोस्चर एकदम सही रहेगा।