Women Health: बैलेंस में रहेंगे हार्मोंस अगर डाइट में लेंगी ये 5 सुपरफूड्स

punjabkesari.in Sunday, Jul 21, 2019 - 02:01 PM (IST)

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हार्मोन्स में बैलेंस होना बहुत जरूरी है। कुछ महिलाओं को लगता है कि यह समस्या सिर्फ मेनोपॉज के कारण होती है जबकि ऐसा नहीं है। गलत खान-पान, अधिक दवाइयों का सेवन, तनाव या अन्य कारणों से महिलाओं के हार्मोन्स असंतुलित हो जाते हैं। इसका संतुलन बिगड़ने पर ना सिर्फ वजन बढ़ने लगता है बल्कि अन्य हेल्थ प्रॉब्लम्स का सामना भी करना पड़ा है। इतना ही नहीं, हार्मोन्स का बैलेंस बिगड़ने पर स्वभाव भी चिड़चिड़ा हो जाता है।

अधिकतर महिलाओं को यह समस्या 40 से 50 की उम्र में देखने को मिलती है इसलिए इस उम्र में आपको ज्यादा सावधानी बरतनें की जरूर है। चलिए आपको बताते हैं कि हार्मोन असंतुलन होने के कारण महिलाओं के शरीर में क्या संकेत दिखते हैं और इन्हें कैसे बैलेंस रखना जा सकता हैं। 

क्या है हार्मोन असंतुलन?  

जब ब्लडस्ट्रीम में हार्मोन बहुत अधिक या बहुत कम हो जाता है तो इस स्थिति को हार्मोन असंतुलन कहते हैं। दरअसल, हार्मोन शरीर के केमिकल घटक होते हैं जिनसे शरीर में कई ग्रंथियां बनती हैं। ये शक्तिशाली केमिकल खून के साथ पूरे शरीर में फैले होते हैं जो ऊतकों व अंदरूनी अंगों को उनके काम करने में मदद करते हैं और शरीर में मुख्य प्रक्रियाओं जैसे मेटाबॉलिज्म और प्रजनन आदि को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। इसलिए हार्मोन असंतुलन की समस्या होने पर पूरे शरीर पर इनका प्रभाव पड़ता है। मगर आप डाइट में कुछ बदलाव करके इनको बैलेंस रख सकती हैं।

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हार्मोन असंतुलन के लक्षण

ज्यादा गुस्सा आना
तनाव महसूस होना
इंटरकोर्स में अरूचि
याददाश्त कमजोर होना
वजन बढ़ना
अनियमित पीरियड्स
त्वचा पर पिंपल्स
नींद आना और थकावट महसूस होना
ज्यादा भूख लगना

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चलिए अब हम आपको कुछ ऐसे फूड्स के बारे में बताएंगे, जिसे अपनी डाइट में शामिल करके आप इन सभी समस्याओं से खुद को बचा सकती हैं।

ब्रोसिकस (Brassicas)

ब्रोकोली, फूलगोभी, केल, गोभी और ब्रसेल्स स्प्राउट्स जैसी चीजों का सेवन एस्ट्रोजन डिटॉक्सिफिकेशन के लिए जरूरी है। इसे खाने से हार्मोन्स का स्तर भी सामान्य रहता है।

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ब्राजील नट्स (Brazil Nuts)

इसमें सेलेनियम होता है जो प्रजनन क्षमता और थायरॉइड ग्रंथि के काम को सही रखता है। साथ ही इसे खाने से महिलाओं में तनाव भी कम होता है, जिससे हार्मोन्स का स्तर सामान्य रहता है।

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सीवीड्स (Seaweeds)

सीवीड्स यानि समुद्री भोजन में सोडियन व आयोडीन भरपूर मात्रा में होता है, जो थायराइड हार्मोन के लिए जरूरी है। साथ ही यह एस्ट्रोजन चयापचय को बढ़ावा देता है और हार्मोन रिसेप्टर्स के कामकाज को सहायता करता है, ताकि हार्मोन्स सही ढंग से काम करें।

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ऑयली मछली (Oily Fish)

ऑयली फिश जैसे सैल्मन या सार्डिन के साथ-साथ फ्लैक्ससीड्स, चिया बीज, पेकान और अखरोट में भी ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है, जो स्वस्थ हार्मोन्स के उत्पादन में मदद करता है। ऐसे में आप भी इसे अपनी डाइट का हिस्सा जरूर बनाएं।

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कलरफुल प्लांट (Colourful Plants)

कलरफुल प्लांट यानि रंग-बिरंगी सब्जियां (गाजर, फलिया, टमाटर आदि) और बेरीज जैसे ब्लूबेरीज व ब्लैकबेरी को अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं। फूट्स में मौजूद स्ट्रेस का लेवल कम होता है, जिससे हार्मोन्स बैलेंस रहता है। साथ ही सब्जियों में मैग्नीशियम जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो हार्मोन्स को संतुलित रखते हैं।

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इन चीजों से करें परहेज

जिस तरह हार्मोन्स को बैलेंस रखने के लिए हेल्दी चीजों का सेवन करना जरूरी है उसी तरह अनहेल्दी चीजों से बचाव करना भी जरूरी है। हार्मोन्स को बैलेंस रखने लिए शराब, कैफीन, ट्रांस वसा, रिफाइंड शर्करा और सिंथेटिक पदार्थ (कीटनाशक, दवाओं और स्किनकेयर उत्पाद) से दूर रहें।


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Content Writer

Anjali Rajput

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