पीरियड साइकल के हिसाब से वर्कआउट करें, महिलाओं को मिलेंगे कई हेल्थ फायदे
punjabkesari.in Sunday, Nov 30, 2025 - 04:41 PM (IST)
नारी डेस्क: पीरियड्स के अलग-अलग चरणों में महिलाओं के हार्मोन, एनर्जी और मूड में उतार-चढ़ाव आता है। इसी हिसाब से साइकिल सिंकिंग वर्कआउट करना शरीर और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। इसका मतलब है कि पीरियड्स के हर फेज़ के अनुसार वर्कआउट, डाइट और लाइफस्टाइल को एडजस्ट करना। जब एनर्जी हाई होती है, तब हाई-इंटेंसिटी वर्कआउट करें और जब एनर्जी कम हो, तब योग या हल्की एक्सरसाइज करें। ऐसा करने से पूरे महीने आप ज्यादा स्वस्थ, एनर्जेटिक और स्ट्रॉन्ग महसूस करेंगी।
कैसे शुरू करें?
ट्रैक करें: अपने पीरियड्स, मूड और एनर्जी लेवल को किसी ऐप या डायरी में नोट करें।
नोटिस करें: महीने के किस समय कौन-सी एक्सरसाइज आपको बेहतर लगती है, यह समझें।
एडजस्ट करें: निरीक्षण के आधार पर अपने वर्कआउट और लाइफस्टाइल में बदलाव करें।
इस तरह आप हार्मोनल बदलावों के साथ तालमेल बनाती हैं, ना कि परेशानी।

पीरियड्स के हर फेज़ के अनुसार वर्कआउट
महिलाओं के पीरियड्स चार चरणों में चलते हैं, और हर फेज़ में हार्मोन और एनर्जी अलग होती है।
मेंस्ट्रुअल फेज़ (पीरियड्स के दिन)
इस दौरान एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन दोनों कम रहते हैं, शरीर थका हुआ लगता है। हल्की एक्सरसाइज, योग, वॉक या स्ट्रेचिंग। अगर थकान अधिक हो, तो 1-2 दिन आराम। हाई-इंटेंसिटी वर्कआउट या भारी एक्सरसाइज न करें।
फॉलिकुलर फेज़ (पीरियड्स के बाद 6-7 दिन)
क्या होता है: एस्ट्रोजन बढ़ना शुरू हो जाता है, मूड और एनर्जी अच्छी रहती है। क्या करें: मॉडरेट से हाई-इंटेंसिटी वर्कआउट, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, कार्डियो, डांस या ज़ुम्बा। नए वर्कआउट एक्सपेरिमेंट करने का समय।
ओव्यूलेशन फेज़ (2-3 दिन)
क्या होता है एनर्जी और स्ट्रेंथ पीक पर होती है। क्या करें हैवी वेट्स, सर्किट ट्रेनिंग, स्प्रिंट्स और पावर वर्कआउट।

ल्यूटल फेज़ (10-12 दिन, पीरियड्स से पहले)
क्या होता है मूड स्विंग्स, क्रेविंग्स और थकान। एनर्जी कम रहती है। क्या करें हल्का से मध्यम वर्कआउट, वॉक, योग, पिलेट्स, लाइट स्ट्रेंथ ट्रेनिंग।
फायदे-- हार्मोनल उतार-चढ़ाव कम होता है। एनर्जी लेवल के अनुसार सही एक्सरसाइज करना आसान। स्ट्रेंथ और स्टैमिना बढ़ती है। थकान कम होती है। चोट का खतरा घटता है और पीरियड्स के दौरान क्रैम्प्स से राहत मिलती है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं है। किसी भी नई एक्सरसाइज या डाइट को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह लें।

