साल का पहला सूर्य ग्रहण कल: बुरे प्रभाव से बचने के लिए गर्भवती महिलाएं भूलकर भी ना करें ये गलती
punjabkesari.in Wednesday, Apr 19, 2023 - 05:07 PM (IST)
साल 2023 का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल यानी कि कल लगने जा रहा है।चंद्रमा जब सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है तो इस खगोलीय घटना को सूर्य ग्रहण कहते हैं। पहले सूर्य ग्रहण की अवधि सुबह 07 बजकर 04 मिनट से 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगी। इस बार का सूर्य ग्रहण इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इस दिन वैशाख माह की अमावस्या भी है. इस दिन दान-पुण्य जैसे काम करना बेहद शुभ माना जाता है।
भारत में दिखाई नहीं देगा ग्रहण
हालांकि ये ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, जिसके चलते सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। इस ग्रहण को आप चीन, अमेरिका, इंडोनेशिया, थाईलैंड, सिंगापुर, अंटार्टिका, हिंद महासागर, वियतनाम, न्यूजीलैंड, फिलीपींस, जापान, कंबोडिया, ताइवान, मलेशिया आदि जगहों पर देखा जा सकता है, लेकिन इसका प्रभाव पूरी पृथ्वी पर रहेगा। ग्रहण के समय सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में मौजूद रहेंगे और अश्विनी नक्षत्र में राहु और चंद्रमा के साथ स्थित होंगे
गर्भवती महिलाओं को करना चाहिए परहेज
सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले लग जाता है और ज्योतिष में सूतक को अच्छा काल यानी अच्छा समय नहीं माना जाता। लेकिन भारत में सूर्य ग्रहण दिखाई ना देने की वजह से सूतक काल मान्य नहीं होगा। ग्रहण और सूतक काल में पूजा की मनाही है लेकिन मंत्र का जाप करना अच्छा माना जाता है। इससे ग्रहण के अशुभ प्रभाव का असर नहीं होता। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहण का प्रभाव विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं पर पड़ता है। सूर्य ग्रहण के दौरान ग्रहण का दुष्प्रभाव गर्भवती महिलाओं पर रहता है इसलिए ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को कुछ चीजों का परहेज करना चाहिए।
गर्भवती महिलाओं इन बातों का रखें ख्याल
-धार्मिक ग्रंथो के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को सूर्य ग्रहण के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि ग्रहण के दुष्प्रभाव से भोजन दुषित हो जाता है। इसलिए पहले से पके भोजन पर तुलसी का पत्ता या गंगाजल डाल दें।
-गर्भवती महिलाओं को सूर्यग्रहण के दौरान सूई, चाकू या किसी भी प्रकार की नुकीली वस्तु से दूर रहना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इन सबका उपयोग करने से गर्भ में पल रहे बच्चे पर दुष्प्रभाव पड़ता है।
-सबसे ज्यादा ध्यान में रखने वाली बात यह है कि जब सूर्यग्रहण प्रारंभ होता है, तो उस समय से लेकर ग्रहण के खत्म होने तक महिला को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए जिसका सीधा असर मां के साथ-साथ उसके बच्चे पर भी होता है।
-ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गर्भवती महिलाओं का सूर्यग्रहण देखना वर्जित कहा गया है। सूर्य ग्रहण की हानिकारक किरणों से बचने के लिए घर की खिड़कियों को पदों से ढक देना ही सही है।
-गर्भवती महिलाएं सूर्य ग्रहण के दौरान सोएं नहीं। बल्कि हनुमान चालीसा का पाठ कर सकती हैं। धार्मिक मान्यता है कि मां दुर्गा और हनुमान जी की कृपा से सभी संकट और नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं।
-सूर्य ग्रहण के समय में गर्भवती महिलाओं को अपने इष्टदेव का स्मरण करना चाहिए। इसके अलावा सूर्य ग्रहण के समापन के बाद स्नान करें और फिर साफ वस्त्र पहनें।
सूर्यग्रहण के बाद क्या करें
ग्रहण के पश्चात स्नान करके अन्न, फल, वस्त्र आदि सामर्थ्यानुसार दान करें। जिन व्यक्तियों की कुंडली में सूर्यग्रहण हो यानि सूर्य के साथ राहु, केतु या शनि बैठे हों उन्हें ताम्बे का बर्तन, गेहूं आदि सूर्य की वस्तुओं का दान करना चाहिए।