World Heart Day 2025: हार्ट अटैक के बाद पहले 90 दिन आपकी लाइफस्टाइल कैसी होनी चाहिए?

punjabkesari.in Monday, Sep 29, 2025 - 11:32 AM (IST)

नारी डेस्क:  हर साल 29 सितंबर को World Heart Day मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को दिल की सेहत और हार्ट अटैक से बचाव के बारे में जागरूक करना है। आज की तेज-तर्रार जिंदगी में गलत खान-पान, तनाव और कम सक्रिय जीवनशैली के कारण हार्ट अटैक के मामले पहले की तुलना में काफी बढ़ गए हैं। पहले यह समस्या केवल उम्रदराज लोगों में देखी जाती थी, लेकिन अब यह हर उम्र के लोगों के लिए खतरा बन चुकी है। हार्ट अटैक के बाद रिकवरी का सबसे अहम समय पहला 90 दिन होता है, जिसे “गोल्डन विंडो ऑफ रिकवरी” कहा जाता है। इस दौरान सही देखभाल और लाइफस्टाइल बदलाव से दोबारा हार्ट अटैक आने का खतरा 23-30% तक कम किया जा सकता है।

डॉक्टर से नियमित संपर्क बनाए रखें

हार्ट अटैक के बाद रिकवरी के दौरान सबसे महत्वपूर्ण कदम है डॉक्टर से लगातार संपर्क बनाए रखना। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद भी आपका हार्ट अभी पूरी तरह ठीक नहीं होता। इस समय ब्लड प्रेशर, शुगर और कोलेस्ट्रॉल लेवल की नियमित जांच जरूरी है। यदि आपको किसी भी प्रकार का असामान्य लक्षण महसूस हो, जैसे सांस लेने में कठिनाई, छाती में दर्द, अत्यधिक थकान या चक्कर आना, तो तुरंत डॉक्टर को सूचित करें। डॉक्टर की सलाह से समय पर चेकअप और दवा बदलना आपको गंभीर खतरे से बचा सकता है।

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दवाइयों का सही और नियमित सेवन

हार्ट अटैक के बाद मरीजों को अक्सर ब्लड थिनर, बीटा-ब्लॉकर, स्टैटिन्स जैसी दवाइयां दी जाती हैं। इन दवाओं का सही समय पर और नियमित सेवन बेहद जरूरी है। किसी भी दवा को खुद से छोड़ना या गलत समय पर लेना हार्ट अटैक के दोबारा आने का खतरा बढ़ा सकता है। दवाइयों का सही सेवन दिल के मसल्स को मजबूत रखता है, ब्लड क्लॉट के खतरे को कम करता है और हार्ट रेट को नियंत्रित करता है। डॉक्टर से परामर्श लेकर ही किसी दवा में बदलाव करें।

ब्लड प्रेशर और शुगर की निगरानी

पहले 90 दिन में अपने ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल की निगरानी घर पर रखना बहुत जरूरी है। हार्ट अटैक के बाद हाई ब्लड प्रेशर या अनियंत्रित शुगर सीधे दिल पर असर डाल सकते हैं और पुनः हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा सकते हैं। आप डिजिटल ब्लड प्रेशर मॉनिटर और ग्लूकोमीटर की मदद से रोजाना अपने स्तर को चेक कर सकते हैं। इससे डॉक्टर को आपके रिकवरी प्रोग्रेस की सही जानकारी मिलती है और समय पर इलाज समायोजित किया जा सकता है।

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 हल्की एक्सरसाइज और फिजिकल एक्टिविटी

हार्ट अटैक के बाद शरीर कमजोर और थका हुआ होता है। इसलिए रिकवरी के शुरुआती दिनों में हल्की एक्सरसाइज बहुत लाभकारी होती है। रोजाना 10-15 मिनट की पैदल चाल से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और हार्ट मसल्स की रिकवरी तेज होती है। धीरे-धीरे आप स्ट्रेचिंग, हल्का योग या कार्डियो जोड़ सकते हैं। ध्यान रहे कि शुरू में अत्यधिक भारी एक्सरसाइज न करें। एक्सरसाइज हार्ट को मजबूत बनाती है और मानसिक तनाव भी कम करती है।

खान-पान में बदलाव

हार्ट अटैक के बाद डाइट और पोषण पर विशेष ध्यान देना बहुत जरूरी है। फैटी, प्रोसेस्ड और तली-भुनी चीजें हार्ट के लिए नुकसानदेह होती हैं। इसके बजाय फल, सब्जियां, ओट्स, नट्स और मछली जैसे हेल्दी फूड को प्राथमिकता दें। नमक और शुगर का सेवन नियंत्रित करें। पर्याप्त पानी पिएं और शराब या तंबाकू से पूरी तरह दूरी बनाएं। सही खान-पान रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद करता है और हार्ट को दोबारा स्ट्रेस से बचाता है।

मानसिक स्वास्थ्य और स्ट्रेस मैनेजमेंट

हार्ट अटैक के बाद मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना भी उतना ही जरूरी है। चिंता, डिप्रेशन और स्ट्रेस हार्ट पर अतिरिक्त दबाव डाल सकते हैं। रिलैक्सेशन तकनीक जैसे गहरी सांस लेना, ध्यान (Meditation), हल्की योगा और पर्याप्त नींद आपके दिल और दिमाग दोनों के लिए लाभकारी हैं। अपने पसंदीदा हॉबी में समय बिताना, दोस्तों और परिवार के साथ बातचीत करना भी स्ट्रेस कम करने में मदद करता है।

डॉक्टर की सलाह

पहले 90 दिन यानी गोल्डन विंडो के दौरान लाइफस्टाइल और दवाओं पर ध्यान देना सबसे जरूरी है। सही खान-पान, हल्की एक्सरसाइज और नियमित चेकअप से हार्ट को दोबारा नुकसान होने से बचाया जा सकता है। यह समय रिकवरी और सुरक्षा दोनों के लिए निर्णायक होता है।

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हार्ट अटैक के बाद पहला 90 दिन बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। इस दौरान डॉक्टर की सलाह, दवाइयों का नियमित सेवन, खान-पान और हल्की एक्सरसाइज, ब्लड प्रेशर और शुगर की निगरानी, साथ ही मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना जरूरी है। इन सभी उपायों से न सिर्फ हार्ट रिकवरी तेज होती है बल्कि दोबारा हार्ट अटैक का खतरा भी कम किया जा सकता है।
 


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Content Editor

Priya Yadav

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