सभी की चहेती 'अनुपमा' पर लगा बीफ खाने का आरोप, जवाब में एक्ट्रेस बोली- मुझे गर्व है कि मैं ...
punjabkesari.in Wednesday, Aug 13, 2025 - 09:09 AM (IST)

नारी डेस्क: जहां एक तरफ सभी की चहेती अनुपमा यानी कि रूपाली गांगुली आवारा कुत्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैासले का कड़ा विरोध कर रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ उन पर एक बड़ा आरोप लग गया। लोगों का कहना है कि वह खुद तो मटन, बीफ खाती हैं और बातें बड़ी-बड़ी करती हैं। हालांकि रूपाली गांगुली इसे लेकर चुप नहीं बैठी उन्होंने इस आरोप का करारा जवाब दिया।
दरअसल कोर्ट का फैसला आने के बाद रूपाली गांगुली ने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए लिखा था- "हमारी परंपराओं में, कुत्ते भैरव बाबा के मंदिर की रखवाली करते हैं और अमावस्या पर उन्हें आशीर्वाद के लिए खाना खिलाया जाता है. वे हमारी गलियों में पले-बढ़े हैं, दुकानों की रखवाली करते हैं, हमारे दरवाजों के बाहर इंतजार करते हैं, चोरों को भगाते हैं। अगर हम उन्हें अभी हटा देते हैं, तो असली खतरे आने से पहले ही हम अपने रक्षकों को खो देंगे, जैसे आग लगने से पहले अलार्म बंद कर देना. उन्हें दूर के आश्रयों में भेजना दया नहीं, बल्कि निर्वासन है। आवारा कुत्ते बाहरी नहीं हैं, वे हमारी आस्था, हमारी संस्कृति और हमारी सुरक्षा का हिस्सा हैं. उनकी देखभाल करें, उनका टीकाकरण करें, उन्हें खाना खिलाएं और उन्हें वहीं रहने दें जहां वे हैं, आवाराकुत्ते."।
उनका ये पोस्ट काफी वायरल हो गया, ऐसे में एक यूजर ने रूपाली गांगुली की पोस्ट पर कमेंट करते हुए लिखा- "जब आप चिकन, मटन, बीफ, मछली आदि खाते हैं तो आप आवारा कुत्तों की वकालत नहीं कर सकते। जानवरों के प्रति प्रेम सभी जानवरों पर लागू होता है, जब आपके घर में उच्च नस्ल के कुत्ते हों तो आप आवारा कुत्तों की वकालत नहीं कर सकते. और बाकी जो आवारा कुत्तों के लिए बोल रहे हैं, वे रोज़ाना आश्रय गृह जाएं और उन्हें खाना खिलाएं, अच्छी देखभाल करें या आप वहां रह भी सकते हैं, कोई आपको नहीं रोकेगा। नियमित रूप से समाचार देखें और देखें कि रोज़ाना कितने अकारण कुत्ते काटते हैं, या कम से कम आप अपने परिवार के सदस्यों को रेबीज होने का इंतज़ार कर सकते हैं. तब आप भौंकेंगे नहीं".।
इसके जवाब में रूपाली गांगुली ने लिखा- "मैं रोज़ाना बेघर जानवरों को खाना खिलाती हूं, मैं जिन भी जानवरों को खाना खिलाती हूं, उनका नियमित रूप से टीकाकरण और नसबंदी की जाती है... मैं पशु आश्रयों और गौशालाओं का समर्थन करती हू... न केवल अपने शहर में, बल्कि पूरे भारत में... मुझे गर्व है कि मैं शाकाहारी हूं और मैं बेघर बालों वाले बच्चों का समर्थन करती हूं। मेरे घर में एक भी उच्च नस्ल का कुत्ता नहीं है, बल्कि चार स्वतंत्र नस्ल के कुत्ते हैं... मेरा बच्चा बचपन से ही तथाकथित आवारा जानवरों के साथ रहा है और यहा तक कि एक जानवर, जिसने उसे पहले कभी नहीं जाना था, ने भी उसकी रक्षा की है. वे प्यार और दया को समझते हैं, जिसे इंसान नहीं समझ पाते. यह धरती सबकी है."।