महिलाओं को ही होती हैं ये 5 बीमारियां, समय रहते कर लें बचाव

punjabkesari.in Monday, Jun 01, 2020 - 03:06 PM (IST)

औरत चाहे वर्किंग हो या फिर हाउस वाइफ, घर और परिवार का ध्यान रखते-रखते वह खुद का ध्यान रखना भूल जाती है। कई बार तो वह शरीर में आने वाले हल्के-फुल्के बदलावों को इग्नोर करती रहती है। मगर ये छोटे बदलाव आगे चलकर गंभीर बीमारियों की वजह बन सकते हैं। आज हम आपको बताएंगे महिलाओं से जुड़ी वो 5 बीमारियां, जो पुरूषों से ज्यादा औरतों में पाई जाती हैं। जिनका समय पर इलाज होना जरूरी है।

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फाइब्रोमायल्जिया (Fibromyalgia)

इस बीमारी के दौरान महिलाओं को मांसपेशियों में दर्द, हर वक्त थकान महसूस होना और नींद न आने जैसी परेशानियां सताती है। इस समस्या का कोई खास इलाज नहीं है, इसे आप योग करके या फिर तनाव मुक्त रहकर खुद से दर रख सकती हैं। इस समस्या का असर महिलाओं के दिमाग पर भी पड़ता है, जिस वजह से धीरे-धीरे उनकी याद रखने की शक्ति कमजोर होती जाती है।

एंडोमीट्रियोसिस  (Endometriosis)

गर्भाशय से जुड़ी यह बीमारी महिलाओं में ही होती है। 90 प्रतिशत औरतें इसे इग्नोर कर बैठती हैं। इस बीमारी में महिला का गर्भाश्य साइज में थोड़ा बड़ हो जाता है। यह समस्या फ़ैलोपियन ट्यूब और यूरीनरी ब्लैडर को भी प्रभावित करती हैं। केवल मेनोपॉज वाली महिलाओं में समस्या नहीं देखी जाती। समय से पहले इस बीमारी के कारण औरत का मां बनना मुश्किल हो जाता है। इस वजह से अनियमित पीरियड्स, पेट के निचले हिस्से में दर्द और हर वक्त औरते थकान महसूस करती हैं।

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 कैल्शियम की कमी (Vitamin-D)

विटामिन-डी की कमी तो हर दूसरी से तीसरी औरत में होती है। 40 के बाद हड्डियां कमजोर होना महिलाओं के लिए आम बात हैं। मगर यदि आप डाइट में हर रोज दूध,दही, लस्सी इत्यादि का सेवन करें तो आप इस परेशानी से बच सकते हैं। साथ ही सुबह 7 बजे की धूप सेकने से भी शरीर में विटामिन-डी की कमी दूर होती है। इसके अलावा कुछ महिलाओं में इसकी कमी से मधुमेह, उच्च, रक्तचाप, हृदय रोग और बांझपन का खतरा भी बढ़ सकता है।

स्तन कैंसर (Breast Cancer)

आज पूरे विश्व में 30 से 40 प्रतिशत महिलाएं इस कैंसर का शिकार हो रही हैं। हर साल यह गिनती बढ़ती जा रही है। माएं आजकल बच्चों को दूध पिलाने से गुर्रेज कर रही है, या फिर बेबी प्लानिंग देरी से करती हैं। बच्चों को दूध न पिलाना और बेबी प्लानिंग देर से करने की वजह से महिलओं में स्तन कैंसर के चांसिस देखे जा रहे हैं। इसके अलावा योग करने से आप इस परेशानी से बच सकते हैं।

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खून की कमी (Anemia)

दूसरों का ख्याल रखते-रखते औरतें अपने खान-पान पर ध्यान नहीं देती। जिस वजह से शरीर में खून की कमी हो जाती है। शरीर में खून की कमी होने से महिलाओं को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। गर्भवती महिला के शरीर में कम से कम 13 ग्राम खून होना चाहिए। इससे कम खून होने से मां और बच्चे दोनों पर बुरा असर डलता है। इसके अलावा एक महिला में 11 से 12 ग्राम खून जरूर होना चाहिए। पीरियड्स के दिनों में सही ढंग से न खाने के कारण भी कई लड़िकयों में खून की कमी हो जाती है, जिससे शरीर में कमजोरी, चक्कर आना और थकान जैसी समस्याओं का उन्हें सामना करना पड़ता है। 
 


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Content Writer

Harpreet

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