एक ही झटके में उजड़ गया पूरा गांव! आतंकी हमले में 60 लोगों की मौत, घरों को किया आग के हवाले

punjabkesari.in Sunday, Sep 07, 2025 - 01:59 PM (IST)

नारी डेस्क: उत्तर-पूर्वी नाइजीरिया के एक शांत गांव में उस समय मातम छा गया जब आतंकी संगठन बोको हराम के आतंकियों ने वहां रात के अंधेरे में हमला कर दिया। इस दिल दहला देने वाली घटना में कम से कम 60 लोग मारे गए हैं। हमले में दर्जनों घरों को आग के हवाले कर दिया गया और कई परिवार बेघर हो गए।

यह हमला नाइजीरिया के बोर्नो राज्य के दारुल जमाल गांव में शुक्रवार की रात को हुआ। यह इलाका पहले भी आतंकवाद से प्रभावित रहा है, लेकिन इस हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है।

 क्या बोले चश्मदीद?

गांव के निवासी मोहम्मद बाबागाना ने अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी एपी (Associated Press) से बात करते हुए बताया कि, “यह हमला पूरी तरह से सुनियोजित था। आतंकी रात में आए और अंधाधुंध गोलियां चलाने लगे। बहुत से लोग बच नहीं पाए।”

बोर्नो राज्य के गवर्नर बाबागाना जुलुम खुद घटनास्थल पर पहुंचे और हालात का जायज़ा लिया। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि, “हमले में 60 से अधिक लोगों की मौत हुई है। हम पीड़ित परिवारों के साथ खड़े हैं। किसी को भी अपना घर छोड़ने की जरूरत नहीं है। सरकार ने सुरक्षा बढ़ा दी है और राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है।”

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 दर्जनों घर जलाए, सैकड़ों बेघर

बामा जिले की स्थानीय सरकार के चेयरमैन मोडू गुज्जा ने बताया कि आतंकियों ने एक दर्जन से ज्यादा घरों को जला दिया। लगभग 100 से अधिक लोगों को अपना घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है। लोग अभी भी दहशत में हैं और सुरक्षित स्थानों की तलाश में भटक रहे हैं।

 किसने किया हमला?

इस हमले को अंजाम देने का शक आतंकी संगठन बोको हराम के एक गुट पर है, जिसका नाम है जमातु अहलिस सुन्ना लिद्दावती वाल-जिहाद"यह जानकारी सुरक्षा मामलों के जानकार ताइवो अदेबायो ने दी है। उन्होंने कहा कि स्थानीय निवासियों और चश्मदीदों से बात करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला गया है।

 बोको हराम कौन है?

बोको हराम नाइजीरिया का एक खूंखार आतंकी संगठन है, जो अक्सर निर्दोष नागरिकों पर हमले करता है। यह संगठन कई वर्षों से अफ्रीका के इस हिस्से में अशांति फैला रहा है। इसकी आतंकी गतिविधियों में गांवों पर हमला, अपहरण, आगजनी और जनसंहार शामिल हैं।

नाइजीरिया के दारुल जमाल गांव में हुआ यह हमला केवल एक घटना नहीं, बल्कि आतंक की भयावह तस्वीर है। जिन लोगों ने अपनों को खोया है, उनके लिए यह ज़ख्म हमेशा के लिए है।

सरकार और सुरक्षा एजेंसियां अब सतर्क हैं, लेकिन सवाल यही है कि क्या आने वाले समय में ऐसे हमले रोके जा सकेंगे?  


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Content Editor

Priya Yadav

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