यह हैं मोतियाबिंद के शुरुआती संकेत, नजरअंदाज किया तो बाद में पछताना पड़ेगा

punjabkesari.in Monday, Nov 24, 2025 - 12:04 PM (IST)

नारी डेस्क:  मोतियाबिंद (Cataract) आंखों की एक आम समस्या है, जिसमें आंख का नेचुरल लेंस धीरे-धीरे धुंधला होने लगता है। यह समस्या उम्र बढ़ने के साथ आम होती है, लेकिन अब प्रदूषण, स्ट्रेस, इंफेक्शन और कुछ दवाइयों के कारण यह कम उम्र में भी हो सकती है। मोतियाबिंद सिर्फ बुजुर्गों में ही नहीं बल्कि बच्चों में भी हो सकता है।

मोतियाबिंद कैसे होता है?

हमारी आंख में एक प्राकृतिक क्रिस्टलाइन लेंस होता है, जो चीजों को साफ देखने में मदद करता है। उम्र बढ़ने के साथ यह लेंस धुंधला होने लगता है, जिससे दृष्टि स्पष्ट नहीं रहती। 80–90 प्रतिशत लोगों में जीवन के किसी न किसी पड़ाव पर यह समस्या आ ही जाती है। कुछ मामलों में कंजिनाइटल कैटेरेक्ट बच्चों में जन्म से हो सकता है, अगर परिवार में किसी को मोतियाबिंद रहा हो या प्रेग्नेंसी के दौरान मां को इंफेक्शन या कुछ दवाइयां ली गई हों। इसके अलावा मेटाबॉलिक डिसऑर्डर, आंखों पर चोट, बार-बार सूजन, ज्यादा शराब का सेवन और अल्ट्रावायलेट लाइट के ज्यादा संपर्क से भी मोतियाबिंद हो सकता है।

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मोतियाबिंद के लक्षण (Cataract Symptoms)

मोतियाबिंद के सबसे पहले संकेत हैं

धुंधला दिखाई देना (Cloudy Vision)

रोशनी में चुभन—खासकर ड्राइविंग करते समय

बार-बार चश्मा बदलने की जरूरत

डबल विजन—एक ही चीज़ दोहरी या अलग नजर आना

पास की चीजें स्पष्ट दिखना—लेंस पास की चीजों पर अधिक फोकस करने लगता है

मोतियाबिंद के प्रकार बदलने पर लक्षण भी बदल सकते हैं।

मोतियाबिंद का इलाज (Motiyabind Ka Ilaj)

डॉक्टर बताते हैं कि मोतियाबिंद का एकमात्र इलाज सर्जरी है। एलोपैथी में ऐसी कोई दवा या ड्रॉप्स नहीं है जो मोतियाबिंद को ठीक कर सके।

मुख्य रूप से दो तरह की सर्जरी की जाती हैं

स्मॉल इन्सिजन कैटेरेक्ट सर्जरी—गंभीर मोतियाबिंद में की जाती है, इसमें टांके भी लग सकते हैं।

फेकोइमलसिफिकेशन (Phacoemulsification) सर्जरी—यह लेजर या मेन्युअल तरीके से की जा सकती है।

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मोतियाबिंद से बचाव के लिए क्या खाएं

मोतियाबिंद होने में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस भी एक बड़ा कारण है। इसे कम करने के लिए एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर भोजन लें। इनमें शामिल हैं

विटामिन A, C, E

हरी पत्तेदार सब्जियां

मछली

संतरा, आंवला, नींबू

ब्रोकोली

बादाम

ये फूड्स मोतियाबिंद के जोखिम को कम करते हैं और आंखों की सेहत बनाए रखते हैं।
 
मोतियाबिंद उम्र बढ़ने के साथ आम है, लेकिन प्रदूषण, स्ट्रेस और गलत लाइफस्टाइल से यह कम उम्र में भी हो सकता है। शुरुआती लक्षणों को पहचानकर समय पर डॉक्टर से परामर्श करना और सर्जरी कराना ही सबसे सुरक्षित उपाय है। साथ ही हेल्दी डाइट अपनाकर आप आंखों की सुरक्षा कर सकते हैं।
  

 


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Content Editor

Priya Yadav

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