नवरात्रि 2025 का शुभारंभ 22 सितंबर से, इस बार 10 दिनों तक चलेगा शक्ति उपासना का पर्व
punjabkesari.in Sunday, Sep 14, 2025 - 03:23 PM (IST)

नारी डेस्क: नवरात्रि, शक्ति की उपासना का पर्व, इस वर्ष विशेष संयोग के साथ मनाया जा रहा है। 22 सितंबर 2025 को कलश स्थापना के साथ नवरात्रि की शुरुआत होगी और यह उत्सव 2 अक्टूबर तक, कुल 10 दिनों तक चलेगा। इस बार 24 और 25 सितंबर दोनों दिन तृतीया तिथि पड़ने के कारण नवरात्रि एक दिन अधिक चलने वाला है।
हर वर्ष की तरह, इस बार भी भक्त मां दुर्गा के तीन मुख्य रूपों – मां काली, मां लक्ष्मी और मां सरस्वती – की साधना करेंगे। नवरात्रि के प्रत्येक चरण का विशिष्ट आध्यात्मिक महत्व होता है, जो श्रद्धालुओं को आत्मिक शुद्धि, समृद्धि और ज्ञान की ओर प्रेरित करता है।
मां काली की पूजा (22 से 25 सितंबर)
नवरात्रि के पहले चार दिन मां काली को समर्पित होते हैं। मां काली को अंधकार, भय और नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करने वाली देवी माना जाता है। इन दिनों में साधक अपने भीतर के विकारों से मुक्ति पाने और मानसिक शक्ति के लिए माँ काली की आराधना करते हैं।
मां लक्ष्मी की पूजा (26 से 28 सितंबर)
इसके पश्चात तीन दिनों तक मां लक्ष्मी की साधना की जाती है। मां लक्ष्मी जीवन में सौंदर्य, समृद्धि और संतुलन की प्रतीक हैं। इस चरण में लोग आर्थिक समृद्धि, पारिवारिक सुख और मानसिक संतुलन की प्राप्ति हेतु प्रार्थना करते हैं।
मां सरस्वती की पूजा (29 सितंबर से 1 अक्टूबर)
नवरात्रि के अंतिम चरण में मां सरस्वती की पूजा होती है। माँ सरस्वती को ज्ञान, संगीत, विद्या और आत्मचेतना की देवी माना जाता है। इस साधना का उद्देश्य है आंतरिक बौद्धिकता और आत्मज्ञान को जागृत करना।
महा नवमी (1 अक्टूबर 2025)
महा नवमी के दिन देशभर में कुमारी पूजन की परंपरा निभाई जाती है। इस दिन नौ छोटी कन्याओं को देवी के रूप में पूजा जाता है। यह आयोजन स्त्रीशक्ति के सम्मान और समाज में नारी की महत्ता को दर्शाता है।
विजया दशमी (2 अक्टूबर 2025)
नवरात्रि का समापन विजया दशमी को कलश विसर्जन के साथ होता है। यह दिन धर्म की अधर्म पर विजय का प्रतीक माना जाता है। रावण दहन के साथ बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश पूरे देश में गूंजता है।
शक्ति साधना कार्यक्रम: 21 सितंबर से प्रारंभ
नवरात्रि से एक दिन पूर्व, 21 सितंबर से विशेष "शक्ति साधना कार्यक्रम" की शुरुआत हो रही है। इस साधना में प्रतिदिन ध्यान, मंत्रजप, हवन, आरती और सांस्कृतिक आयोजनों का आयोजन किया जाएगा। आयोजकों ने भक्तों से इस साधना में भाग लेने की अपील की है ताकि वे मां की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त कर सकें।
नवरात्रि: आत्मिक जागरण का अवसर
नवरात्रि केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आत्मिक जागरण और आत्मनिरीक्षण का समय भी है। इन नौ (इस वर्ष दस) दिनों में उपवास, संयम, साधना और साधकों का आत्मबल बढ़ता है। यह पर्व हमें जीवन में अनुशासन, आस्था और संतुलन की सीख देता है।
नवरात्रि 2025 के इस विशेष पर्व में माँ से यही प्रार्थना है कि वह सम्पूर्ण समाज को शक्ति, शांति और समृद्धि प्रदान करें।