कभी पेट पालने के लिए मांजा करती थीं बर्तन, आज उन्हीं की साड़ी पहनकर बजट पेश करेंगी वित्त मंत्री

punjabkesari.in Saturday, Feb 01, 2025 - 12:37 PM (IST)

नारी डेस्क: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज 2025-26 के लिए आम बजट पेश करने वाली हैं। बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण  हमेशा अपनी साड़ियों के साथ सुर्खियों में रहती हैं, जिन्हें वह बजट पेश करते समय पहनती हैं। इस बार जो साड़ी वे पहन रही हैं, वह बेहद खास है और इसे उन्हें एक खास शख्स ने उपहार स्वरूप दी है। वह खास शख्स कोई और नहीं, बल्कि बिहार के मधुबनी जिले के रांटी गांव की रहने वाली दुलारी देवी हैं। जानकारी के लिए बता दें कि दुलारी देवी, जो 2021 में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित हुईं, ने यह साड़ी वित्त मंत्री को भेंट की थी और उनसे अनुरोध किया था कि वे इसे बजट के दिन पहनें।

कला की ओर पहला कदम

दुलारी देवी ने शुरूआत खेतों में मजदूरी और दूसरों के घरों में बर्तन मांजने से की। यह कठिन जीवन उन्हें मिथिला पेंटिंग से परिचित करवा गया, जो अब बिहार और भारत की सांस्कृतिक धरोहर का अहम हिस्सा बन चुकी है। उन्होंने कर्पूरी देवी और महासुंदरी देवी से इस कला की शिक्षा ली और जल्द ही एक प्रसिद्ध मिथिला पेंटिंग कलाकार बन गईं। 2021 में उन्हें उनके योगदान के लिए पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया।

वित्त मंत्री की साड़ी और सांस्कृतिक संदेश

इस संघर्षपूर्ण जीवन और कला के प्रति उनकी लगन को अब एक नई पहचान मिली है। जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024 का बजट पेश किया, तो उन्होंने अपनी साड़ी में मिथिला पेंटिंग को जगह दी। यह साड़ी दुलारी देवी द्वारा दी गई थी, और इसमें पान मखाना और मछली जैसी पारंपरिक मिथिला चित्रण की गई थी, जो इस क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान मानी जाती है।

बिहार की कला का सम्मान

वित्त मंत्री ने यह साड़ी पहनकर न केवल बिहार की कला और संस्कृति का सम्मान किया, बल्कि दुलारी देवी की कड़ी मेहनत और संघर्ष को भी उजागर किया। यह साड़ी बिहार के सौराठ स्थित मिथिला पेंटिंग इंस्टीट्यूट से दी गई थी, जहां वित्त मंत्री ने हाल ही में दौरा किया था। इस दौरे के दौरान, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और जेडीयू के राज्यसभा सांसद संजय झा भी उनके साथ थे।

संघर्ष से सफलता तक का सफर

मिथिला पेंटिंग वाली साड़ी पहनकर वित्त मंत्री ने एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है कि कला और संस्कृति को राष्ट्रीय मंच पर उचित स्थान मिलना चाहिए। साथ ही, यह भी संकेत है कि बिहार के लोग और उनकी कला देश के विकास में अहम योगदान दे रहे हैं।

दुलारी देवी की प्रेरक यात्रा

दुलारी देवी की कहानी न केवल कला के महत्व को दर्शाती है, बल्कि यह यह भी बताती है कि संघर्ष और मेहनत से किसी भी परिस्थिति को बदलने की क्षमता होती है।  दुलारी देवी की कहानी एक सशक्त उदाहरण है संघर्ष और सफलता की। उनका जन्म एक मछुआरा परिवार में हुआ था, जहां न तो शिक्षा का कोई साधन था और न ही जीवन के बेहतर अवसर। कम उम्र में ही उनकी शादी हो गई और बच्चे भी हुए। लेकिन जब पति के तानों से तंग आकर उन्होंने घर छोड़ने का फैसला लिया, तो उनका जीवन पूरी तरह से बदल गया।

 

 

 
 


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Content Editor

Priya Yadav

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