फैटी लिवर में रोज पीता था रेड वाइन, करनी पड़ गई सर्जरी...डॉक्टर ने दी कड़ी चेतावनी

punjabkesari.in Tuesday, Nov 04, 2025 - 10:37 AM (IST)

नारी डेस्क:  आजकल फैटी लिवर डिज़ीज (Fatty Liver Disease) एक आम लेकिन गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है। इसकी मुख्य वजह है  गलत खानपान, शराब का सेवन, मोटापा और निष्क्रिय जीवनशैली। लेकिन हाल ही में हार्वर्ड से प्रशिक्षित गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ सेठी ने एक ऐसा केस शेयर किया जिसने सबको चौंका दिया। एक मरीज जो रोज़ रेड वाइन पीता था, उसे लगा कि इससे उसका दिल स्वस्थ रहेगा। लेकिन इसी आदत के कारण उसका फैटी लिवर धीरे-धीरे सिरोसिस (Cirrhosis) में बदल गया और आखिरकार लिवर ट्रांसप्लांट की नौबत आ गई।

 फैटी लिवर क्या है?

फैटी लिवर वह स्थिति है जब लिवर की कोशिकाओं में सामान्य से अधिक चर्बी जमा हो जाती है। सामान्य तौर पर लिवर में थोड़ी मात्रा में फैट रहना सामान्य है, लेकिन जब यह मात्रा 5–10% से अधिक हो जाती है तो यह बीमारी का रूप ले लेती है। अगर इसका समय पर इलाज या नियंत्रण न किया जाए तो यह फाइब्रोसिस  सिरोसिस लिवर फेलियर में बदल सकती है।

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फैटी लिवर के दो प्रमुख प्रकार हैं 

नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिज़ीज (NAFLD) – जो खराब लाइफस्टाइल, मोटापा या डायबिटीज के कारण होती है। अल्कोहलिक फैटी लिवर डिज़ीज (AFLD) जो शराब के अत्यधिक सेवन से होती है। कई लोग रेड वाइन को शराब से अलग समझते हैं, लेकिन यह एक बड़ा भ्रम है। रेड वाइन में भी अल्कोहल मौजूद होता है, जो लिवर को उतना ही नुकसान पहुंचा सकता है जितना सामान्य शराब।

रेड वाइन से बढ़ सकता है लिवर डैमेज

उनका एक पेशेंट रोज़ रेड वाइन पीता था क्योंकि उसने सुना था कि यह “दिल के लिए फायदेमंद” होती है। लेकिन वह पहले से ही फैटी लिवर से पीड़ित था। धीरे-धीरे यह समस्या फाइब्रोसिस (Fibrosis) में बदली और फिर सिरोसिस (Cirrhosis) में बदल गई  यानी लिवर की स्थायी क्षति।

 उसे लिवर ट्रांसप्लांट सर्जरी की जरूरत पड़ी।

 शराब छोड़ना क्यों जरूरी है? अगर किसी व्यक्ति को पहले से ही फैटी लिवर है, तो शराब का सेवन करना आग में घी डालने जैसा है। इससे लिवर की सूजन (Inflammation) बढ़ती है। लिवर की कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं और धीरे-धीरे लिवर अपनी कार्य क्षमता खो देता है।  शराब और फैटी लिवर का कॉम्बिनेशन लिवर को बहुत तेजी से खराब कर देता है, इसलिए अल्कोहल से दूरी बनाए रखना ही सबसे सुरक्षित उपाय है।

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 क्या अल्कोहल की कोई “सेफ मात्रा” होती है?

बहुत से लोग मानते हैं कि “थोड़ी सी” शराब से कुछ नहीं होता। लेकिन डॉक्टरों के अनुसार यह सोच गलत है। “फैटी लिवर वाले मरीज के लिए अल्कोहल की कोई भी मात्रा सुरक्षित नहीं है, चाहे वह रेड वाइन ही क्यों न हो।”

 क्या करें  लिवर को स्वस्थ रखने के उपाय

शराब का सेवन पूरी तरह बंद करें

फाइबर और प्रोटीन से भरपूर डाइट लें — जैसे दलिया, दाल, फल और हरी सब्जियां

रोज़ाना कम से कम 30 मिनट व्यायाम करें

वजन नियंत्रित रखें

मीठा, तला-भुना और प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाएं, पानी ज्यादा पिएं  ताकि टॉक्सिन्स बाहर निकल सकें।

डॉक्टर से सलाह जरूर लें

फैटी लिवर का शुरुआती चरण लाइलाज नहीं होता। अगर आप समय रहते अपनी आदतों में सुधार करते हैं, तो लिवर फिर से सामान्य हो सकता है। लेकिन इसके लिए सेल्फ-मेडिकेशन की बजाय डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। फैटी लिवर में रेड वाइन पीना बिल्कुल सेफ नहीं है। यह आपके लिवर को धीरे-धीरे अंदर से खत्म कर सकता है। हार्वर्ड डॉक्टर की चेतावनी एक सबक है  अगर आपको फैटी लिवर है, तो अल्कोहल से दूरी ही आपकी सबसे बड़ी दवा है।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या या इलाज के लिए हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
  


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Content Editor

Priya Yadav

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