आरुषि आर्ट्स की डायरेक्टर पायल कपूर ने रखी Boundless Boundaries की प्रदर्शनी
punjabkesari.in Monday, Jan 23, 2023 - 11:50 AM (IST)
महामारी ने सभी को यह बात सोचने पर मजबूत कर दिया है कि बिना हमारी जानकारी के कभी भी, कहीं भी कुछ भी हो सकता है। इसी तरह आधुनिक कला की भी कोई भी सीमा नहीं है। जैसे पिकासो ने कहा था - "कला हमारी आत्मा की धूल को धोती है"। भारतीय और पश्चिमी कलाकार आज एक ऐसी भाषा बोलते हैं जो अच्छी गुणवत्ता वाली कला को प्रस्तुत करती है। हाल ही में आरुषि आर्ट्स की डायरेक्टर पायल कपूर ने एक प्रदर्शनी का आयोजन किया है। इस प्रदर्शनी में फ्रांस, अमेरिका, अफ्रीका और भारत जैसे अलग-अलग देश के कलाकार शो में आए हैं। पहली बार अफ्रीका के तीन समकालीन कलाकारों के साथ-साथ यूरोप और अमेरिका के कलाकार भी इसमें उपस्थित रहेंगे।
यह कार्यक्रम 20 जनवरी को शाम 06 बजे से लेकर रात 09 बजे तक (W-23 Greater Kailash part-2) डब्लयू-23 ग्रेटर कैलाश पार्ट-2 नई दिल्ली 110048 में हुआ था। यह शो वहीं पर 20 मार्च तक चलेगा।
इस शो में भाग लेने वालों में से अंतराष्ट्रीय कलाकारों में अबू ओलुवेसी(Abu Oluwaseyi), रोटिमी गॉडविन(Rotimi Godwin), सैदो डिको(Saidou Dicko), मार्टी थॉर्नटन(Marty Thornton), लिंडसे नोबेल(Lindsey Nboel), मिस्टर सेलआउट(Mr. Sellout) और क्रिस्टोफ गैग्नन(Christophe Gaignon) शामिल हैं। वहीं शो में भाग लेने वाले भारतीय कलाकारों में रॉय थॉमस(Roy Thomas), वाले शेंडे(Valay Shende), गणेश सेल्वराज(Ganesh Selvraj), स्मृति दीक्षित(Smriti Dixit), वेंकट बोथसा(Venkat Bothsa), सनुज बिड़ला(Sanuj Birla), अमरनाथ शर्मा(Amarnath Sharma), मौसमी बिस्वास(Mousmi Biswas), सूरज कुमार(Suraj Kumar Kashi) काशी और हरीश ओझा (Hairsh Ojha) शामिल हैं।
शो का विचार है कि भारतीय कला अंतरराष्ट्रीय कला के अधीन है। इसके साथ यह शो कला पर संचार का एक स्त्रोत होने पर भी ध्यान केंद्रित करता है, इस धारणा को मानते हुए कि यह एक सार्वभौमिक भाषा है जो दर्शकों को काम के साथ जोड़ती है।
आरुषि आर्ट्स की डायरेक्टर पायल कपूर की दृष्टि अलग-अलग संस्कृतियों और परंपराओं के इस सुंदर समामेलन को प्रस्तुत करती है, जिसे कलाकार अपनी कलाकृतियों के जरिए दुनिया भर के दर्शकों तक पहुंचाते हैं। आरुषि आर्ट्स की स्थापना के 25वें वर्ष के समारोह को एक अलग पहचान देने के लिए एक स्पेशल कार्यक्रम रखा गया है। इसमें कलाकारों ने खुद को अभिव्यक्त करने और चित्रित करने के लिए अलग-अलग माध्यमों का इस्तेमाल किया है। एक दुनिया में अनेकता में एकता का उद्देश्य सामने आता है जो प्यार और स्नेह से निर्मित होता है जो कला की दुनिया में संभव है।
सुनीत चोपड़ा ने कहा कि - 'यह प्रदर्शनी जो पूरे अफ्रीका, अमेरिका, फ्रांस में कलाकारों के अद्भूत कार्यों को चित्रित करती है, इसे हमारे देश को नहीं भूलना चाहिए। विभिन्न प्रसिद्ध कलाकारों के अलग स्ट्रोक और शैलियों को अपनाया गया है। भावनाओं को प्रदर्शित करने और अभिव्यक्त करने वाली कलाकृति नेत्रहीन रुप से हैरान करने वाली बन गई है। असीमित सीमाओं की सादगी के साथ जटिलता को व्यक्त करने और वितरित करने के लिए आरुषि कला का मिशन असाधारण था।'