हजारों किमी दूर से जाखू मंदिर आते हैं भक्त, शिमला के हर कोने से दिखती है हनुमान जी की प्रतिमा
punjabkesari.in Tuesday, Feb 06, 2024 - 02:34 PM (IST)
भगवान हनुमान जी को शक्ति का प्रतीक और कलियुग का जीवंत देवता भी माना जाता है। तभी तो देश भर में उनके हजारों मंदिर हैं। आज हम उस मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां हजारों किलोमीटर दूर से भी भक्त दर्शन करने आते हैं। यह एक प्राचीन स्थान है जिसका उल्लेख कई पौराणिक कथाओं में किया गया है और यह पर्यटकों को एक रहस्यमयी दृश्य भी प्रदान करता है।
बेहद ऊंची है हनुमान जी की मूर्ति
हम बात कर रहे हैं जाखू मंदिर की जो, हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में "जाखू" पहाड़ी पर स्थित है। धार्मिक पर्यटन के अलावा यह स्थान ट्रैकिंग के लिए भी प्रसिद्ध है। जाखू मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति देश की सबसे ऊंची मूर्तियों में से एक है जो 33 मीटर (108 फीट) ऊंची है। इस मूर्ति के सामने आस-पास लगे बड़े-बड़े पेड़ भी बौने लगते हैं। यह प्रतिमा शिमला के अधिकांश हिस्सों से दिखाई देती है।
ये है इस मंदिर की कहानी
पौराणिक कथा के अनुसार, रामायण की लड़ाई के दौरान जब लक्ष्मण को एक तीर से बेहोश कर दिया गया था तब वैद्य सुशेन के अनुरोध पर भगवान राम ने उन्हें ठीक करने के लिए अपने भक्त हनुमान से हिमालय से संजीवनी बूटी लाने के लिए कहा। जब हनुमान संजीवनी बूटी लेने जा रहे थे, रास्ते में उन्होंने एक ऋषि को एक पहाड़ पर ध्यान करते हुए देखा। संजीवनी के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए, हनुमान उस पर्वत पर उतरे और "यक्ष" ऋषि से मिले।
हनुमान जी ऋषि के सामने हुए थे प्रकट
ऋषि यक्ष द्वारा निर्देशित पाकर हनुमान ने उनसे हिमालय लौटने का वादा किया था लेकिन उन्हें रास्ते में कालनेमि राक्षस ने युद्ध को ललकारा। राक्षस को युद्ध में परास्त कर हनुमान मे संजीवनी प्राप्त की लेकिन इस कारण हुए विलंब के कारण हनुमान "यक्ष" ऋषि से मिलने वापस नहीं जा सके। जब हनुमान जी नहीं लौटे तो ऋषि चिंतित हो गए तो हनुमान स्वयं ऋषि के सामने पर्वत पर प्रकट हुए। ऐसा कहा जाता है कि ऋषियों ने उसी स्थान पर हनुमान की एक मूर्ति स्थापित की थी, आज भी यह मूर्ति मंदिर में स्थापित है।
मंदिर में दर्शन का समय
वर्ष 2010 में हिमाचल प्रदेश की राज्य सरकार ने यहां 108 फीट की हनुमान प्रतिमा स्थापित की थी। रोपवे से यात्रा करने वाले पर्यटक शिमला में "रिज" नामक स्थान से मंदिर तक पहुंच सकते हैं। शिमला के प्रसिद्ध माल रोड से जाखू मंदिर तक पहुंचने की भी व्यवस्था की गई है। जाखू मंदिर के दर्शन सुबह 5 से दिन के 12 बजे तक और फिर शाम को 4 से रात के 9 बजे तक होते है।