प्रेगनेंसी में किस महीने में भ्रूण का कौन सा अंग बनता है?
punjabkesari.in Saturday, Aug 23, 2025 - 07:45 PM (IST)

नारी डेस्क : गर्भधारण (Pregnancy) हर महिला के जीवन का सबसे खास और सुखद अनुभव होता है। कंसीव करने से लेकर बच्चे के जन्म तक, गर्भ में भ्रूण लगातार बढ़ता और विकसित होता रहता है। इस दौरान महिलाओं के मन में अक्सर सवाल उठते हैं। बच्चा कब बनता है, उसके अंग किस महीने बनते हैं, और सबसे पहले कौन सा अंग विकसित होता है। इस लेख में हम जानेंगे कि बच्चें का किस महिने कोन सा अंग बनता है।
पहला महीना (1 से 4 हफ्ते)
गर्भधारण (Pregnancy) के पहले महीने को गर्भधारण की शुरुआत माना जाता है। इस समय महिला का अंडाणु पुरुष के शुक्राणु से मिलकर फर्टिलाइज हो जाता है और जीवन की पहली कोशिका का निर्माण होता है। इसके बाद यह कोशिका लगातार विभाजित होती रहती है और भ्रूण का रूप लेने लगती है। शुरुआत में भ्रूण आकार में इतना छोटा होता है कि इसे केवल माइक्रोस्कोप से ही देखा जा सकता है। इस दौरान भ्रूण गर्भाशय की दीवार से चिपक जाता है और वहीं से उसे पोषण मिलना शुरू होता है। यह वही समय होता है जब मां के शरीर में हार्मोनल बदलाव तेजी से होते हैं और गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण दिखाई देने लगते हैं, जैसे पीरियड रुक जाना, थकान, मतली या स्तनों में भारीपन महसूस होना। पहले महीने में भले ही बच्चा बहुत छोटा हो, लेकिन यहीं से उसके जीवन की नींव रखी जाती है।
दूसरा महीना (5 से 8 हफ्ते)
दूसरे महीने में भ्रूण का आकार खसखस के दाने जितना होता है। पांचवें हफ्ते से ही दिमाग और रीढ़ की हड्डी का निर्माण शुरू हो जाता है। छठे हफ्ते तक हाथ-पांव की छोटी-छोटी कलियां निकलने लगती हैं और आंख, कान व मुंह की संरचना बनने लगती है। आठवें हफ्ते तक भ्रूण का दिल धड़कना शुरू कर देता है और साथ ही दिमाग, पेट और आंत जैसे महत्वपूर्ण अंग भी बनने लगते हैं। इस समय गर्भनाल पूरी तरह तैयार हो जाती है, जिससे भ्रूण को ऑक्सीजन और पोषण मिलता है।
तीसरा महीना (9 से 12 हफ्ते)
गर्भावस्था (Pregnancy) के तीसरे महीने में भ्रूण का विकास और तेज हो जाता है। इस समय तक उसका चेहरा और शरीर इंसान जैसा दिखने लगता है। भ्रूण के सभी मुख्य अंग, हड्डियां और मांसपेशियां बनकर अपनी सही जगह पर आ जाते हैं। दिल की धड़कन और ब्लड वेसल्स सक्रिय हो जाते हैं, जिससे पूरे शरीर में रक्त संचार शुरू होता है। इसी दौरान भ्रूण का पाचन और मूत्र प्रणाली काम करना शुरू कर देते हैं। वह एमनियोटिक फ्लूड पीने और यूरिन पास करने लगता है। इस महीने भ्रूण का जेंडर भी निर्धारित हो जाता है। कुल मिलाकर तीसरे महीने तक बच्चा एक छोटे-से इंसान के रूप में आकार लेने लगता है।
चौथा महीना (13 से 16 हफ्ते)
गर्भावस्था के चौथे महीने में भ्रूण पहले से अधिक सक्रिय हो जाता है। इस समय तक उसके सभी मुख्य अंग विकसित हो चुके होते हैं और जननांग (अंडाशय या अंडकोष) भी आकार लेने लगते हैं। भ्रूण अब गर्भ में हलचल करना शुरू कर देता है, लेकिन मां को यह हलचल हल्की-सी ही महसूस होती है। चेहरे पर नाक, होंठ और आंखें और अधिक स्पष्ट होने लगती हैं। इसी समय बच्चा अंगूठा चूसने जैसी छोटी गतिविधियां भी करने लगता है। इस महीने तक भ्रूण का वजन बढ़ता है और उसका शरीर पहले से ज्यादा संतुलित आकार लेने लगता है।
पांचवां महीना (17 से 20 हफ्ते)
गर्भावस्था का पांचवां महीना मां और बच्चे दोनों के लिए खास होता है। इस समय तक भ्रूण इतना विकसित हो जाता है कि उसकी हलचल मां को महसूस होने लगती है। कई महिलाएं हल्की-सी कंपन की तरह महसूस करती हैं। भ्रूण का वजन और लंबाई तेजी से बढ़ता है। उसके चेहरे पर आईब्रो और पलकें बनने लगती हैं, सिर पर बाल उगने लगते हैं और हाथ-पैर की उंगलियों में छोटे-छोटे नाखून भी दिखाई देने लगते हैं। इस महीने तक बच्चा गर्भ में और अधिक सक्रिय हो जाता है और हलचल करना उसकी दिनचर्या का हिस्सा बनने लगता है।
छठा महीना (21 से 24 हफ्ते)
गर्भावस्था (Pregnancy) के छठे महीने में भ्रूण का विकास और भी तेज हो जाता है। इस समय उसका मस्तिष्क तेजी से बढ़ता है और दिमाग की नसें सक्रिय होने लगती हैं। भ्रूण की जीभ पर स्वाद कलिकाएं विकसित हो जाती हैं, जिससे वह एमनियोटिक फ्लूड का स्वाद भी महसूस कर सकता है। उसकी आंखें अब रोशनी पर प्रतिक्रिया देने लगती हैं और कान गर्भ के बाहर की आवाजें सुनने में सक्षम हो जाते हैं। इस दौरान भ्रूण का वजन लगातार बढ़ता है और शरीर पहले से अधिक संतुलित और मजबूत हो जाता है।
सातवां महीना (25 से 28 हफ्ते)
गर्भावस्था के सातवें महीने तक भ्रूण काफी हद तक विकसित हो चुका होता है। इस समय उसके अधिकांश अंग पूरी तरह काम करने लगते हैं। फेफड़े भी हवा में सांस लेने के लिए तैयार होने लगते हैं, हालांकि अभी पूरी तरह मजबूत नहीं होते। भ्रूण की गतिविधियां और ज्यादा स्पष्ट हो जाती हैं और मां को उसकी किक या हलचल साफ महसूस होती है। इस समय जन्म लेने वाले बच्चे के बचने की संभावना होती है, लेकिन उसे सांस लेने और सामान्य विकास के लिए डॉक्टर की देखभाल की जरूरत पड़ सकती है।
आठवां महीना (29 से 32 हफ्ते)
गर्भावस्था के आठवें महीने में भ्रूण लगभग पूरी तरह विकसित हो चुका होता है। उसका वजन तेजी से बढ़ता है और दिमाग की ग्रोथ भी तेजी से जारी रहती है। इस समय भ्रूण के शरीर पर फैट जमना शुरू हो जाता है, जिससे उसका शरीर गोल-मटोल दिखने लगता है। आंखों की पलकें अब खुलने और झपकने लगती हैं, हालांकि दृष्टि पूरी तरह विकसित नहीं होती। बच्चा गर्भ में लगातार हलचल करता है और कभी-कभी उसकी किक इतनी तेज हो सकती है कि मां को साफ महसूस होता है। यह महीना शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
नौवां महीना (33 से 36 हफ्ते)
गर्भावस्था (Pregnancy) के नौवें महीने में भ्रूण पूरी तरह से विकसित होकर जन्म लेने के लिए तैयार हो जाता है। इस समय उसका वजन और लंबाई सामान्य रूप से बढ़ चुके होते हैं और सभी अंग पूरी तरह से काम करने लगते हैं। बच्चा गर्भ में अपने पैरों को छाती की ओर मोड़कर बैठा रहता है, लेकिन फिर भी वह अपनी स्थिति बदल सकता है। किडनी पूरी तरह कार्यशील हो जाती हैं और बच्चा रोजाना लगभग एक लीटर एमनियोटिक फ्लूड निगलता है, जिसे वह यूरिन के रूप में बाहर निकाल देता है। इस महीने में भ्रूण की त्वचा पर फैट की परत और मजबूत हो जाती है, जिससे शरीर का तापमान नियंत्रित करने की क्षमता आती है। अब बच्चा गर्भ से बाहर की दुनिया में आने के लिए पूरी तरह तैयार होता है।
गर्भधारण का यह सफर न सिर्फ महिला के लिए अद्भुत होता है, बल्कि भ्रूण के स्वास्थ्य और विकास के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है।