'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' घोषित हुए डेल्टा प्लस, बचाव के लिए याद रखें ये हिदायतें

punjabkesari.in Saturday, Jun 26, 2021 - 03:44 PM (IST)

कोविड-19 का नए डेल्टा प्लस वेरिएंट ने दुनियाभर के विशेषज्ञों को चिंता में डाल दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में डेल्टा प्लस वेरियंट के 40 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, संक्रमण पर वैक्सीन भी बेअसर हो सकती है। ऐसे में इससे बचने के लिए सावधानी ही एक मात्र उपाय है। चलिए आपको बताते हैं डेल्टा प्लस वेरिएंट के लक्षण और बचाव के तरीके

क्या है डेल्टा प्लस वेरिएंट?

डेल्टा प्लस संस्करण SARS-CoV-2 के V.1.617.2 संस्करण, जिसे डेल्टा वेरिएंट के नाम से भी जाना जाता है का नया रूप है। चूंकि अभी  इसकी गंभीरता या एंटीबॉडी के प्रतिरोध के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है इसलिए वैज्ञानिकों को अधिक चिंता है।

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दूसरी लहर का कारण था डेल्टा वेरिएंट

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश के कम से कम 174 जिलों में कोरोना वायरस का नया म्यूटेशन डेल्टा संस्करण पाया गया है। सरकार ने कहा कि अप्रैल-मई में कोरोना की दूसरी लहर का मुख्य कारण डेल्टा संस्करण था। मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों से पता चला है कि मार्च में देश भर के 52 जिलों में संस्करण मौजूद था और जून तक 174 जिलों में फैल गया था।

डेल्टा प्लस वेरिएंट के लक्षण

. खांसी, बुखार, जुकाम
. सीने में दर्द, सिरदर्द
. सांस लेने में परेशानी
. त्वचा पर चकत्ते पड़ना
. गले में खराश
. स्वद व गंध ना आना
. दस्त लगना
. पैर की उंगलियों का रंग बदलना

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कितना खतरनाक है डेल्टा प्लस वेरिएंट?

स्वास्थ्य मंत्रालय व WHO ने डेल्टा+ को 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' भी घोषित कर दिया है। किसी भी म्यूटेशन को 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' तब कहा जाता है जब उसमें कुछ बातों की पुष्टि हो जैसे...

1. जब वायरस की संक्रमण क्षमता ज्यादा हो और वो एक-व्यक्ति से दूसरे में आसानी से प्रवेश कर पाए।
2. अगर म्यूटेशन वायरस की एंटीबॉडी की क्षमता को कम कर दे।
3. जब म्यूटेशन इलाज और वैक्सीन के असर को कम करने में भी सक्षण हो।
4. जांच के बाद भी आसानी से पहचान में ना आएं।

देश में डेल्टा वेरिएंट के कितने मामले?

भारत में अब तक डेल्टा वेरिएंट के 48 मामले दर्द किए जा चुके हैं, जिसमें महाराष्ट्र (21), मध्यप्रदेश (6), केरल (3), तमिलनाडू (3), कर्नाटत (2), पंजाब (1), जम्मू (1), आंध्र प्रदेश (1) शामिल है। हालांकि स्थिति पर काबू पाने के लिए सभी राज्यों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं। वहीं, अगर मामलों में कमी ना दिखी तो महाराष्ट्र में एक बार फिर लॉकडाउन लगाया जा सकता है। डेल्टा+ अल्फा वेरिएंट से 60% अधिक खतरनाक है, जो इम्युनिटी व वैक्सीन को चकमा देने में कामयाब रहा। वैज्ञानिकों को डर है कि अगर डेल्टा प्लस वेरिएंट सुपर-स्प्रेडर बन गया तो इससे तीसरी लहर फैल सकती है।

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कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट से कैसे बचें?

1. घर से बाहर निकलते समय डबल मास्क पहनें। हो सके तो सिर्फ जरूरत पड़ने पर ही घर से बाहर जाएं।
2. हाथों को बार-बार अच्छी तरह साबुन से धोएं और किसी भी चीज को छूने से पहले सैनेंटाइजर करें।
3. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और कम से कम 6 फीट की दूरी बना कर रखें।
4. घर की चीजों और आसपास की जगहों को साफ रखें और डिसइंफेक्ट करते रहें. 
5. बाहर से आने वाले सामन को पहले डिसइंफेक्ट करें और फिर घर में लाएं।

हैल्दी डाइट लें

किसी भी वायरस व बैक्टीरियल इंफेक्शन से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि डाइट में हैल्दी चीजें लें। इसके लिए मशरूम, नारियल तेल, पुदीना, पालक, ब्रोकली, नट्स, मौसमी फल, नारियल पानी, साबुत अनाज, अंडे आदि खाएं।

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Content Writer

Anjali Rajput

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