Deepika Padukone ने की मॉम गिल्ट पर खुलकर बात, बताया बेटी दुआ के बाद कैसे करती हैं सब मैनेज

punjabkesari.in Wednesday, Mar 19, 2025 - 04:50 PM (IST)

नारी डेस्क: मां बनना जितना सुखद अनुभव होता है, उतना ही चुनौतीपूर्ण भी। बच्चे के जन्म के बाद अधिकतर माताओं को गिल्ट महसूस होता है, अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है। उन्होंने हाल ही में मां बनने की भावना और अपनी बेटी दुआ के जन्म के बाद काम पर लौटने के बारे में खुलकर बात की है। उन्होंने खुलासा किया कि वह यह पता लगाने की कोशिश कर रही थीं कि बिना गिल्ट महसूस किए काम पर कैसे वापस लौटें।

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अबू धाबी में फोर्ब्स 30/50 ग्लोबल समिट के दौरान दीपिका ने मातृत्व यात्रा के बारे में बात की और बताया कि कैसे इसने उनके काम के प्रति उनके दृष्टिकोण को बदल दिया है।  अभिनेत्री ने मातृत्व को 'अविश्वसनीय' बताते हुए कहा कि उन्हें यकीन था कि यह भविष्य में किसी तरह से उनकी फिल्म और भूमिका के चयन को प्रभावित करेगा, वह इसके लिए पहले ही जागरूक और सचेत थीं। दीपिका का कहना है कि वह अपने जीवन के उस मोड़ पर थीं, जहां वह एक नई मां होने और अपने काम के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रही थीं। उन्होंने कहा कि वह इससे जूझ नहीं रही थीं, बल्कि इसे समझ रही थीं।


बच्चे को समय ना दे पाने का गिल्ट

कई माताओं को ऐसा लगता है कि वे अपने बच्चे को उतना समय और ध्यान नहीं दे पा रही हैं, जितना उन्हें देना चाहिए।  खासतौर पर वर्किंग मदर्सको यह गिल्ट ज्यादा महसूस होता है, क्योंकि वे बच्चे को ऑफिस जाने के कारण छोड़कर जाती हैं।  उन्हें लगता है कि वे अपने बच्चे के साथ हर पल नहीं बिता पा रहीं, जिससे वे खुद को दोषी मानती हैं।  समाज में भी अक्सर यह धारणा बनी होती है कि एक मां को हर समय परफेक्ट रहना चाहिए।  जब मां थकान, नींद की कमी या भावनात्मक बदलावों के कारण बच्चे की परवरिश में कमी महसूस करती है, तो वह अपराधबोध से घिर जाती है।  छोटे-छोटे कामों में गलती होने पर मां को लगता है कि वह अच्छी मां नहीं बन पाई।  

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खुद के लिए वक्त निकालने का गिल्ट

जब मां अपने लिए थोड़ा भी समय निकालती है, जैसे- जिम जाना, दोस्तों से मिलना या शॉपिंग करना, तो उसे गिल्ट महसूस होता है।   उसे लगता है कि उसे यह समय बच्चे को देना चाहिए था।  बच्चे की देखभाल में नींद की कमी, थकावट और तनाव के कारण मां अक्सर चिड़चिड़ी हो जाती है।  कभी-कभी वह गुस्से में बच्चे पर जोर से बोल देती है, जिसके बाद उसे गिल्ट महसूस होता है। उसे लगता है कि उसने बच्चे के साथ कठोर व्यवहार किया है।  कुछ मांओं को पोस्टपार्टम डिप्रेशन हो जाता है, जिसमें वे खुद को असहाय और बेकार महसूस करती हैं।  

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 बच्चे के जन्म के बाद गिल्ट से बचने के उपाय

खुद को दोषी मानना बंद करें क्योंकि  मां भी एक इंसान होती है, जो थकती है, भावनात्मक रूप से कमजोर होती है और उसे भी आराम की जरूरत होती है।  जब आप अपने लिए थोड़ा समय निकालती हैं, तो उसे अपराधबोध के रूप में न देखें। याद रखें, एक खुश मां ही अपने बच्चे को खुशी दे सकती है। परफेक्ट मां बनने का प्रयास न करें, बल्कि सच्चे दिल से मां बनें।  हर मां अलग होती है, इसलिए अपने अनुभव को दूसरों से न तुलना करें।  छोटे-छोटे कामों में हुई गलतियों को लेकर खुद को दोषी महसूस न करें।  
 


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Content Writer

vasudha

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